लखनऊ: यूपी में बुखार के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, बारिश की वजह से डेंगू-मलेरिया का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में मच्छरजनित रोगों से निपटने के लिए संचारी रोग नियंत्रण ने प्लान तैयार हो किया है. एक घर में डेंगू का मरीज मिलने पर आसपास के 50 घरों में लार्वा की खोज और मच्छर रोधी कार्रवाही होगी. संचारी रोग निदेशक डॉ. अविनाश कुमार ने कहा कि हर जिले में डेंगू केस की मैपिंग की जाएगी. इसमें किस इलाके में कितने केस मिल रहे हैं. जिले के मैप पर स्पॉट और केस की संख्या दर्ज होगी. इससे मच्छरों के प्रकोप वाले इलाके चिन्हित हो सकेंगे.
घरों में खोजें लार्वा: डेंगू का केस मिलने पर आसपास के घरों में सोर्स डिटेक्शन किया जाएगा. कूलर, गमले और जलभराव वाले स्थानों की जांच की जाएगी. लार्वा मिलने पर उसे नष्ट किया जाएगा. साथ ही, मकान मालिक को नोटिस दी जाएगी. यदि दोबारा लार्वा मिला तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा.
एलाइजा जांच ही मान्य: डेंगू में एलाइजा जांच ही मान्य होगी. इतना ही नहीं, कार्ड टेस्ट से डेंगू केस कन्फर्म भी नहीं किए जाएंगे. ऐसे में मरीजों के सैम्पल एलाइजा जांच के लिए भेजें जाएंगे. साथ ही, मलेरिया की स्लाइड बनवाई जाएगी. कार्ड टेस्ट मान्य नहीं होगा.
हर गांव में एक छिड़काव मशीन हो: मलेरिया विभाग को पंचायत राज विभाग से संपर्क करने को कहा गया है. गांव में एंटी लार्वा छिड़काव सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. पंचायती राज विभाग हर गांव में छिड़काव करवाएगा. साथ ही, हर गांव में एक मशीन का बंदोबस्त करने कहा गया है, ताकि समय-समय पर छिड़काव हो सके.
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