लखनऊ : अगर आपने 104 किलोमीटर आउटर रिंग रोड (outer ring road in lucknow) के लेआउट के किनारे प्लॉट खरीदा है तो आप सावधान हो जाइए. लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद इस जमीन पर अर्जन करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में रजिस्ट्री होने के बावजूद अगर राजस्व खातों में आपका नाम दर्ज नहीं होगा तो अर्जुन के वक्त आपको ₹1 का भी मुआवजा नहीं मिलेगा. ऐसे में नामांतरण बहुत आवश्यक है. सैकड़ों प्लॉटिंग हो चुकी हैं.
कुर्सी रोड से सुल्तानपुर रोड के बीच में आउटर रिंग रोड (outer ring road in lucknow) पर वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि सुल्तानपुर रोड से रायबरेली रोड, रायबरेली रोड से कानपुर रोड, कानपुर रोड से हरदोई रोड, हरदोई रोड से सीतापुर रोड और सीतापुर रोड से कुर्सी रोड के बीच में काम किया जा रहा है. यह काम 2024 से पहले पूरा हो जाएगा, जिसके बाद में आउटर रिंग रोड के किनारे नया लखनऊ बसाने की तैयारी की जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण भूमि अर्जन और अन्य कामों को जल्द ही शुरू कर देगा.
आउटर रिंग रोड के निर्माण के साथ ही इस इलाके में जमकर प्लॉटिंग भी हो गई हैं. अधिकांश प्लॉटिंग अवैध है. बिल्डर ने किसान से जमीन खरीद कर लोगों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी है. मगर अधिकांश मामलों में ऐसा हुआ है कि नामांतरण जमीन खरीदने वाले के नाम पर नहीं किया गया है. जिसकी वजह से असली मसला तब फंसेगा जब मुआवजा देने का समय आएगा. आमतौर से लोगों ने अपना नामांतरण राजस्व अभिलेखों में नहीं करवाया है. जब तक राजस्व अभिलेखों में आपका नाम नहीं दर्ज होगा तब तक किसी भी योजना में अधिग्रहण होने की दशा में आपको मुआवजा नहीं दिया जाएगा. मुआवजा उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होता है. इस संकट में हजारों लोगों के फंसने की आशंका है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने हाल ही में अपनी बोर्ड मीटिंग में इस आशय का प्रस्ताव पास किया है. आउटर रिंग रोड के दोनों और 500-500 मीटर के दायरे में आवास विकास परिषद और एलडीए जमीन का अधिग्रहण करेंगे.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी (LDA Vice President Dr Indramani Tripathi) ने बताया कि लोगों को अवैध प्लाटिंग में प्लॉट खरीदने ही नहीं चाहिए. हम इसके खिलाफ बड़ा अभियान चला रहे हैं. भूमि अर्जन के समय उन्हीं को ही मुआवजा मिलेगा, जिनका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होगा और जो जमीन के वैध मालिक होंगे.
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