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जेवर एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का हुआ एग्रीमेंट

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Published : Jul 17, 2021, 8:09 PM IST

सीएम योगी ने आज जेवर एयरपोर्ट से संबंधित दो महत्वपूर्ण एग्रीमेंट किए हैं. नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के लिए एक हजार 334 हेक्टेयर भूमि का लीज एग्रीमेंट हुआ है. साथ ही ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल (AG), यमुना इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मध्य जेवर एयरपोर्ट के लिए शेयर होल्डर्स ने एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर किए.

सीएम योगी
सीएम योगी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर शनिवार को जेवर एयरपोर्ट से संबंधित दो महत्वपूर्ण एग्रीमेंट किए गए. प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के बीच नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का लीज एग्रीमेंट हुआ है. इसके साथ ही ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल (AG), यमुना इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मध्य जेवर एयरपोर्ट के लिए शेयर होल्डर्स ने एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर किए.

जेवर एयरपोर्ट हेतु 1334 हेक्टेयर भूमि को लीज पर देने के लिए राज्य सरकार की ओर से लीज एग्रीमेंट पर विशेष सचिव नागरिक उड्डयन विशाक, उप सचिव सत्यप्रकाश तिवारी और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से यीडा के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह और नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने हस्ताक्षर किए हैं. जेवर हेतु शेयर होल्डर एग्रीमेण्ट पर ज्यूरिख एयरपोर्ट की कम्पनी की तरफ से सीईओ क्रिसटोफ शेलमन, लीगल हेड शोभित गुप्ता और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से निदेशक नागरिक उड्डयन विशाक के साथ ही सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने हस्ताक्षर किए. नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने शेयर होल्डर एग्रीमेण्ट प्रस्तुत किया.

पीएम मोदी का सपना हो रहा पूरा

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज का लीज एग्रीमेण्ट इस एयरपोर्ट के त्वरित गति से निर्माण और उत्तर प्रदेश के त्वरित विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज के उत्तर प्रदेश को विश्व पटल पर विकास योजनाओं को तेजी के साथ क्रियान्वित करने के लिए जाना जाएगा. इस परियोजना के पूरे होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि आम आदमी को भी हवाई सेवाएं उपलब्ध हो सकें. जेवर एयरपोर्ट का विकास उनके इस सपने को साकार करेगा. साथ ही यह एयरपोर्ट देश तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा.

सीएम योगी ने जेवर एयरपोर्ट से संबंधित दो महत्वपूर्ण एग्रीमेंट किए.
सीएम योगी ने जेवर एयरपोर्ट से संबंधित एग्रीमेंट किए.

यूपी में 2017 में थे 4 एयरपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 4 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा में क्रियाशील थे. कुल 25 गन्तव्य स्थान के लिए हवाई सेवाएं ही थीं. लखनऊ से 15, वाराणसी से 8, गोरखपुर से 1, आगरा से 1 हवाई सेवाएं जुड़ी थीं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8 एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं हैं. लखनऊ से 21, वाराणसी से 20, गोरखपुर से 8, आगरा से 5, प्रयागराज से 11, कानपुर नगर से 3, हिंडन से 2 और बरेली से एक स्थान के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं.

योगी सरकार में अब तक 4 एयरपोर्ट तैयार

योगी ने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूर्ण कराया गया. यह एयरपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में 4 एयरपोर्ट बरेली, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर का विकास पूर्ण कराया जा चुका है. 10 एयरपोर्ट का विकास कार्य कराया जा रहा है. इसमें आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, सोनाभद्र, अयोध्या, जेवर का विकास कराया जा रहा है.

यूपी में हो जाएंगे 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 56 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य को नागर विमानन के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने और प्रदेश में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मोड पर कराए जाने का निर्णय लिया गया. इस हेतु आवश्यक अनापत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं. एयरपोर्ट की स्थापना हेतु 'भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013' के तहत एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा चुका है. एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन से पुनर्व्यवस्थापन का कार्य 99 प्रतिशत तक पूर्णं हो गया है.

चार चरणों में एयरपोर्ट का होगा विकास

ज्ञात हो कि एयरपोर्ट विकास के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से चयनित विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल द्वारा गठित एसपीवी यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ कन्सेशन एग्रीमेण्ट 7 अक्टूबर 2020 को हस्ताक्षरित किया गया था. साथ ही यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एवं राज्य सरकार के मध्य त्रिपक्षीय स्टेट सपोर्ट एग्रीमेण्ट 7 मार्च 2021 को हस्ताक्षरित किया जा चुका है. एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल के अनुसार चार चरणों में किया जाना है. वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्ष में पूर्णं होगा. जब यह एयरपोर्ट शुरु होगा तो 12 मिलियन पैसेन्जर से शुरू होगा, जो चरणवार बढ़कर वर्ष 2040-50 तक बढ़कर 70 मिलियन हो जायेगा. जेवर एयरपोर्ट कार्गो एयरपोर्ट भी है. वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा. इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी.

यह भी उल्लेखनीय है कि जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्रवाई की जा रही है. साथ ही, जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने और मेट्रो रेल से जोड़े जाने की दिशा में काम हो रहा है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर शनिवार को जेवर एयरपोर्ट से संबंधित दो महत्वपूर्ण एग्रीमेंट किए गए. प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के बीच नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का लीज एग्रीमेंट हुआ है. इसके साथ ही ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल (AG), यमुना इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मध्य जेवर एयरपोर्ट के लिए शेयर होल्डर्स ने एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर किए.

जेवर एयरपोर्ट हेतु 1334 हेक्टेयर भूमि को लीज पर देने के लिए राज्य सरकार की ओर से लीज एग्रीमेंट पर विशेष सचिव नागरिक उड्डयन विशाक, उप सचिव सत्यप्रकाश तिवारी और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से यीडा के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह और नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने हस्ताक्षर किए हैं. जेवर हेतु शेयर होल्डर एग्रीमेण्ट पर ज्यूरिख एयरपोर्ट की कम्पनी की तरफ से सीईओ क्रिसटोफ शेलमन, लीगल हेड शोभित गुप्ता और नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से निदेशक नागरिक उड्डयन विशाक के साथ ही सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने हस्ताक्षर किए. नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने शेयर होल्डर एग्रीमेण्ट प्रस्तुत किया.

पीएम मोदी का सपना हो रहा पूरा

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज का लीज एग्रीमेण्ट इस एयरपोर्ट के त्वरित गति से निर्माण और उत्तर प्रदेश के त्वरित विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज के उत्तर प्रदेश को विश्व पटल पर विकास योजनाओं को तेजी के साथ क्रियान्वित करने के लिए जाना जाएगा. इस परियोजना के पूरे होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि आम आदमी को भी हवाई सेवाएं उपलब्ध हो सकें. जेवर एयरपोर्ट का विकास उनके इस सपने को साकार करेगा. साथ ही यह एयरपोर्ट देश तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा.

सीएम योगी ने जेवर एयरपोर्ट से संबंधित दो महत्वपूर्ण एग्रीमेंट किए.
सीएम योगी ने जेवर एयरपोर्ट से संबंधित एग्रीमेंट किए.

यूपी में 2017 में थे 4 एयरपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 4 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा में क्रियाशील थे. कुल 25 गन्तव्य स्थान के लिए हवाई सेवाएं ही थीं. लखनऊ से 15, वाराणसी से 8, गोरखपुर से 1, आगरा से 1 हवाई सेवाएं जुड़ी थीं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8 एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं हैं. लखनऊ से 21, वाराणसी से 20, गोरखपुर से 8, आगरा से 5, प्रयागराज से 11, कानपुर नगर से 3, हिंडन से 2 और बरेली से एक स्थान के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं.

योगी सरकार में अब तक 4 एयरपोर्ट तैयार

योगी ने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूर्ण कराया गया. यह एयरपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में 4 एयरपोर्ट बरेली, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर का विकास पूर्ण कराया जा चुका है. 10 एयरपोर्ट का विकास कार्य कराया जा रहा है. इसमें आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, सोनाभद्र, अयोध्या, जेवर का विकास कराया जा रहा है.

यूपी में हो जाएंगे 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 56 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य को नागर विमानन के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने और प्रदेश में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मोड पर कराए जाने का निर्णय लिया गया. इस हेतु आवश्यक अनापत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं. एयरपोर्ट की स्थापना हेतु 'भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013' के तहत एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा चुका है. एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन से पुनर्व्यवस्थापन का कार्य 99 प्रतिशत तक पूर्णं हो गया है.

चार चरणों में एयरपोर्ट का होगा विकास

ज्ञात हो कि एयरपोर्ट विकास के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से चयनित विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल द्वारा गठित एसपीवी यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ कन्सेशन एग्रीमेण्ट 7 अक्टूबर 2020 को हस्ताक्षरित किया गया था. साथ ही यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एवं राज्य सरकार के मध्य त्रिपक्षीय स्टेट सपोर्ट एग्रीमेण्ट 7 मार्च 2021 को हस्ताक्षरित किया जा चुका है. एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल के अनुसार चार चरणों में किया जाना है. वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्ष में पूर्णं होगा. जब यह एयरपोर्ट शुरु होगा तो 12 मिलियन पैसेन्जर से शुरू होगा, जो चरणवार बढ़कर वर्ष 2040-50 तक बढ़कर 70 मिलियन हो जायेगा. जेवर एयरपोर्ट कार्गो एयरपोर्ट भी है. वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा. इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी.

यह भी उल्लेखनीय है कि जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्रवाई की जा रही है. साथ ही, जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने और मेट्रो रेल से जोड़े जाने की दिशा में काम हो रहा है.

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