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लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर 15 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

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Published : Jul 13, 2022, 10:44 PM IST

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी. बुधवार को समय की कमी की वजह से वादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी.

लखनऊ कोर्ट
लखनऊ कोर्ट

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बुधवार को खीरी के तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया. वहीं वादी पक्ष ने भी बहस की. हालांकि समय की कमी की वजह से वादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी.

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत की है. इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को दिन में 3:30 बजे शुरू होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने दिया है. बुधवार को अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से बहस की. उन्होंने दलील दी, कि सर्वोच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत पर दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है.

इसका आशय यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि शीर्ष अदालत ने जमानत याचिका के विरुद्ध कोई टिप्पणी की है. उन्होंने यह भी दलील दी है कि 197 स्थानीय लोगों ने बकाएदा शपथ पत्र देकर जांच एजेंसी को बताया है कि घटना के वक्त आशीष मिश्रा दंगल में मौजूद था. यह भी दलील दी गई कि स्वयं अभियोजन पक्ष ने गाड़ी चढ़ाने का आरोप ड्राइवर पर लगाया है. इसका अर्थ है कि जिन 4 लोगों की जान थार गाड़ी चढ़ने की वजह से गई है, उनकी हत्या आशीष मिश्रा ने नहीं की है.

इसे पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने कोर्ट में किया सरेंडर

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बुधवार को खीरी के तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया. वहीं वादी पक्ष ने भी बहस की. हालांकि समय की कमी की वजह से वादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी.

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत की है. इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को दिन में 3:30 बजे शुरू होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने दिया है. बुधवार को अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से बहस की. उन्होंने दलील दी, कि सर्वोच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत पर दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है.

इसका आशय यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि शीर्ष अदालत ने जमानत याचिका के विरुद्ध कोई टिप्पणी की है. उन्होंने यह भी दलील दी है कि 197 स्थानीय लोगों ने बकाएदा शपथ पत्र देकर जांच एजेंसी को बताया है कि घटना के वक्त आशीष मिश्रा दंगल में मौजूद था. यह भी दलील दी गई कि स्वयं अभियोजन पक्ष ने गाड़ी चढ़ाने का आरोप ड्राइवर पर लगाया है. इसका अर्थ है कि जिन 4 लोगों की जान थार गाड़ी चढ़ने की वजह से गई है, उनकी हत्या आशीष मिश्रा ने नहीं की है.

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