लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज लद्दाख की हनु-आर्यन घाटी से आई हुई 25 बौद्ध महिलाओं से राजभवन में भेंट की. ये 25 बौद्ध महिलाएं भारतीय सेना के ऑपरेशन सद्भावना के तहत, फॉरएवर इन ऑपरेशंस डिवीजन के सौजन्य से राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा का हिस्सा बनी हैं. 17 दिन की यह यात्रा लेह- दिल्ली-वाराणसी-गया तक जाएगी. इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लद्दाख के दूर दराज के क्षेत्रों से आए हुए ये लोग बेहद परेशानियां भरा जीवन व्यतीत करते हैं. खाने-पीने के साथ आम जनजीवन भी बेहद मुश्किलों से भरा हुआ है.
राज्यपाल ने कहा कि हनु-आर्यन घाटी के दुर्गम रास्तों से निकलकर यह बौद्ध महिलाएं लेह से होते हुए हवाई रास्ते से देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंची. जहां पर यह दल भारत के राष्ट्रपति से मिलने के उपरांत रविवार को हमारे बीच राजभवन, लखनऊ में आया है. उन्होंने हनु-आर्यन घाटी की महिलाओं द्वारा जीवन में प्रथम बार देश के अन्य हिस्सों को देखने के लिए उनके सहासिक निर्णय एवं कदम की अपार सराहना की.
राज्यपाल ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से नैक मूल्यांकन के लिए आई टीम से सभी 25 महिलाओं को परिचित कराया और विश्वविद्यालय के कार्यकलाप से भी उन्हें अवगत कराया. राज्यपाल ने फॉरएवर इन ऑपरेशंस डिवीजन और 191 फील्ड रेजिमेंट में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद दिया. अंत में राज्यपाल ने इस यात्रा को जिम्मेदारी से पूर्ण करने वाले भारतीय सेना के अधिकारियों की सराहना करते हुए यात्रा के लिए मंगल कामना की.
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