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कुकरेल रिवर फ्रंट : मुस्लिम बाहुल्य बस्ती हटाने पर आमने-सामने हो सकती हैं भाजपा और सपा, अखिलेश यादव ने दी मुद्दे को हवा - लखनऊ मुस्लिम बाहुल्य बस्ती कार्रवाई

कुकरेल रिवर फ्रंट के लिए अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई पर भाजपा और सपा आमने-सामने हो सकती हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर इसके संकेत भी दे दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 6:55 PM IST

लखनऊ: कुकरेल रिवर फ्रंट के लिए लखनऊ में करीब 1400 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाना है. जिनमें से लगभग 1200 निर्माण अल्पसंखयकों के हैं. इसके पहले भीकमपुर बस्ती को हटाया जा चुका है, जो कि पूरी तरह से हिंदू बाहुल्य बस्ती थी. मगर अकबरपुर में अवैध निर्माण हटाने को लेकर भाजपा और सपा आमने-सामने हो सकती हैं. अखिलेश यादव ने पहले ही ट्वीट कर इस प्रकरण को हवा दे दी है. फिलहाल सोमवार से यहां बड़ा अभियान शुरू किया जाना है, जिसको लेकर मुनादी की जा रही है. इसके साथ जो लोग लेना चाहते हैं, उनका प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण भी किया जा रहा है.

अकबरपुर बस्ती और इसके साथ ही कुकरेल के किनारे बांध से लगी जमीन पर लगभग 1400 अवैध निर्माण किए जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश निर्माण आवासीय हैं. और छोटे-छोटे कच्चे पक्के मकान बनाए गए हैं. जबकि अयोध्या रोड से सटे कई बड़े व्यावसायिक निर्माण भी हैं. जिनमें अनेक फर्नीचर की दुकानें शामिल है. सूत्रों ने बताया कि प्रशासनिक सर्वे में सामने आया है कि इनमें से अधिकांश कब्जेदार मुस्लिम हैं. LIU को जो सूचना मिली है, उससे माना जा रहा है कि आगे की कार्रवाई संवेदनशील होने जा रही है. इसीलिए बांध से दूर होने के बावजूद भीकमपुर की बस्ती को पहले गिराया गया ताकि यह संदेश जाए कि इस मामले में हिंदू-मुस्लिम का कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. फिलहाल प्रशासन ने अपनी ओर से पूरी मुस्तैदी बरती हुई है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सभी कब्जदारों को यह मौका दिया जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री आवास के तहत अपना आवेदन कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कुछ लोगों को देवपुर पारा में निशुल्क फ्लैट भी उपलब्ध कराया जा रहा है. फिर भी अधिकांश लोग अपना आवास छोड़ने के लिए राजी नहीं हैं.

अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश यादव ने भीकमपुर बस्ती को तोड़े जाने के बाद यह मुद्दा उठाते हुए एक वीडियो अपलोड किया था. अब जबकि इस मामले में मुस्लिम बाहुल्य बस्ती भी आने वाली है तो समाजवादी पार्टी के और सक्रिय होने के आसार हैं. सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चंद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब विरोधी है. खासतौर पर अल्पसंख्यक और पिछड़ों के खिलाफ उसका रवैया बहुत ही कठोर है. किसी न किसी बहाने इन वर्गों को परेशान किया जाता रहता है. विकास के नाम पर योगी सरकार गरीबों को खदेड़ने में लगी हुई है. इस अत्याचार को समाजवादी पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सरकार कोई भेदभाव नहीं करती. माफिया हो या कोई भी व्यक्ति, जिसने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है, उसको हटाया जाता है. अयोध्या से मथुरा तक और वाराणसी से लेकर लखनऊ तक जहां-जहां विकास में अतिक्रमण आड़े आ रहा है, सरकार पर्याप्त मुआवजा और पुनर्वास देकर हटा रही है.

यह भी पढ़ें : भीकमपुर बस्ती हटाने पहुंचे अधिकारियों के समक्ष लोगों ने किया हंगामा, अधिकारियों ने कहा-दो दिन में ढहा देंगे

यह भी पढ़ें : कुकरैल रिवर फ्रंट के लिए तोड़ी जाएगी अकबरपुर की बस्ती, इससे पहले दिए जाएंगे प्रधानमंत्री आवास

लखनऊ: कुकरेल रिवर फ्रंट के लिए लखनऊ में करीब 1400 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाना है. जिनमें से लगभग 1200 निर्माण अल्पसंखयकों के हैं. इसके पहले भीकमपुर बस्ती को हटाया जा चुका है, जो कि पूरी तरह से हिंदू बाहुल्य बस्ती थी. मगर अकबरपुर में अवैध निर्माण हटाने को लेकर भाजपा और सपा आमने-सामने हो सकती हैं. अखिलेश यादव ने पहले ही ट्वीट कर इस प्रकरण को हवा दे दी है. फिलहाल सोमवार से यहां बड़ा अभियान शुरू किया जाना है, जिसको लेकर मुनादी की जा रही है. इसके साथ जो लोग लेना चाहते हैं, उनका प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण भी किया जा रहा है.

अकबरपुर बस्ती और इसके साथ ही कुकरेल के किनारे बांध से लगी जमीन पर लगभग 1400 अवैध निर्माण किए जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश निर्माण आवासीय हैं. और छोटे-छोटे कच्चे पक्के मकान बनाए गए हैं. जबकि अयोध्या रोड से सटे कई बड़े व्यावसायिक निर्माण भी हैं. जिनमें अनेक फर्नीचर की दुकानें शामिल है. सूत्रों ने बताया कि प्रशासनिक सर्वे में सामने आया है कि इनमें से अधिकांश कब्जेदार मुस्लिम हैं. LIU को जो सूचना मिली है, उससे माना जा रहा है कि आगे की कार्रवाई संवेदनशील होने जा रही है. इसीलिए बांध से दूर होने के बावजूद भीकमपुर की बस्ती को पहले गिराया गया ताकि यह संदेश जाए कि इस मामले में हिंदू-मुस्लिम का कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. फिलहाल प्रशासन ने अपनी ओर से पूरी मुस्तैदी बरती हुई है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सभी कब्जदारों को यह मौका दिया जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री आवास के तहत अपना आवेदन कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कुछ लोगों को देवपुर पारा में निशुल्क फ्लैट भी उपलब्ध कराया जा रहा है. फिर भी अधिकांश लोग अपना आवास छोड़ने के लिए राजी नहीं हैं.

अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश यादव ने भीकमपुर बस्ती को तोड़े जाने के बाद यह मुद्दा उठाते हुए एक वीडियो अपलोड किया था. अब जबकि इस मामले में मुस्लिम बाहुल्य बस्ती भी आने वाली है तो समाजवादी पार्टी के और सक्रिय होने के आसार हैं. सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चंद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब विरोधी है. खासतौर पर अल्पसंख्यक और पिछड़ों के खिलाफ उसका रवैया बहुत ही कठोर है. किसी न किसी बहाने इन वर्गों को परेशान किया जाता रहता है. विकास के नाम पर योगी सरकार गरीबों को खदेड़ने में लगी हुई है. इस अत्याचार को समाजवादी पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सरकार कोई भेदभाव नहीं करती. माफिया हो या कोई भी व्यक्ति, जिसने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है, उसको हटाया जाता है. अयोध्या से मथुरा तक और वाराणसी से लेकर लखनऊ तक जहां-जहां विकास में अतिक्रमण आड़े आ रहा है, सरकार पर्याप्त मुआवजा और पुनर्वास देकर हटा रही है.

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