लखनऊ: यूपी में योगी सरकार बनने के बाद से ही ये दावा किया जाने लगा था कि राज्य की जेलों में कोई भी आपराधिक गैंग ऑपरेट नहीं हो सकता है. बावजूद इसके माफिया डॉन अतीक अहमद बीते साढ़े तीन सालों से गुजरात की जेल में बंद है. उसे महज इसलिए यूपी लाने की कोशिशें नहीं की जा रही हैं, क्योंकि सरकार को यह डर है कि अतीक यूपी की जेलों में अपना गैंग ऑपरेट कर सकता है.
माफिया डॉन अतीक अहमद को मुकदमों में पेशी के लिए गुजरात से ही लखनऊ या प्रयागराज लाया जाता है. अतीक अहमद ने देवरिया जेल में बंद रहने के दौरान लखनऊ के एक व्यापारी को जेल में से किडनैप किया और उसकी कंपनियां अपने बेटे के नाम ट्रांसफर करा दी थी. यही नहीं उसने जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी छेड़छाड़ की थी. इसके बाद अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उसे राज्य के बार अहमदाबाद जेल शिफ्ट करने के निर्देश दिये थे.
पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद पर प्रयागराज व लखनऊ समेत दूसरे जिलों 196 से मुकदमे दर्ज हैं. इसमें वर्तमान में 46 मुकदमे अब बचे हैं. यूपी में योगी सरकार बनते ही अतीक पर दर्ज 9 मुकदमों के अभियोजन तेजी आई है. अतीक के खिलाफ 6 साल पहले हुए दोहरे हत्या के अलावा तीन मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. राजू पाल हत्याकांड में उस पर आरोप भी तय हो गये हैं.
गुजरात जेल में रहने पर सरकारी धन और समय की हो रही बर्बादी
हाईकोर्ट के क्रिमिनल लॉयर प्रिंस लेनिन का कहना है कि अगर गुजरात में रखकर अतीक अहमद का ट्रायल किया जाएगा तो हर डेट पर उनकी उपस्थिति में न केवल धन का व्यय होगा, बल्कि समय भी बर्बाद होता है. लेनिन कहते हैं कि, जब एक कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी लेकर आए हैं और दूसरे अपराधी को दूसरे प्रदेश में रख रखा है तो कहीं न कहीं इससे विरोधाभास स्थिति उत्पन्न होती है.
प्रिंस लेनिन कहते हैं कि अगर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था व जेल में रहते हुए प्रभाव नहीं डाल सकता है, तो आखिरकार ऐसे अपराधियो को यूपी क्यों नहीं लाया जा रहा है. सरकार को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए यह स्थिति स्पष्ट करें कि उत्तर प्रदेश की जेलों में कोई भी गैंग ऑपरेट नहीं कर सकता है न ही कोई प्रभाव डाल सकता है और अतीक जैसे अपराधियो को यूपी की जेल में शिफ्ट कर उनके मुकदमो की पैरवी तेज करें.
जेल में गैंग चलाने की किसी में हिम्मत नहीं, अतीक को लाना चाहिए यूपी
पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है कि, मैं नहीं समझता कि अतीक अहमद को यूपी लाने में कोई अड़चन होनी चाहिए. अतीक अहमद पर जो मुकदमे चल रहे हैं उनकी पैरवी में, लाने ले जाने में अधिक धनराशि खर्च हो रही है इसलिए शीघ्र से शीघ्र मुकदमों का निस्तारण हो और इसके लिए अतीक अहमद को यूपी में ट्रांसफर करने की अनुमति दे देनी चाहिए.
जैन कहते हैं कि जैसे यूपी की जेलों में सख्ती है, आज किसी माफिया की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह जेल से किसी गिरोह को संगठित कर सके. ये सब जानकर सुप्रीम कोर्ट भी उसे यूपी भेजने से इंकार नहीं करेगी. जैन के मुताबिक, अगर सरकार अतीक के खिलाफ चल रहे मुकदमों की समुचित पैरवी कर सजा दिलवाना चाहती है, तो आवश्यक होगा कि सरकार उसे यूपी शिफ्ट करने का आवेदन करें.
यूपी का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से पंजाब की रोपड़ कारागार में कैद था. मुख्तार ने अपनी सियासी मदद के चलते यूपी से पंजाब जेल में ट्रांसफर करा लिया था. राज्य में योगी सरकार बनने के बाद से ही उसे यूपी लाने की कवायद की जा रही थी. हालांकी पंजाब की कैप्टन सरकार इसमे रोड़ा बन रही थी. योगी सरकार ने कोर्ट की मदद से आखिरकार अप्रैल 2021 को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल लाया गया था.
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