वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) का उद्देश्य निजी और सार्वजनिक किसी भी स्थान पर हिंसा प्रभावित महिलाओं की मदद करना है. सखी वन स्टॉप सेंटर हिंसा पीड़ित महिलाओं को उनकी परेशानी से छुटकारा दिलाने के साथ उन्हें न्याय दिलाने में भी मदद करता है. एक महिला कैसी भी हिंसा झेल चुकी हो चाहे वो दुष्कर्म हो, लैंगिक हिंसा हो, घरेलू हिंसा हो, ट्रैफिकिंग हो, एसिड अटैक हो, दहेज संबंधित मामला हो सखी वन स्टॉप सेंटर पर उसकी सहायता की जाती है. केंद्र सरकार के महिला एवं विकास मंत्रालय के निर्देश पर 2015 से देश के सभी अलग-अलग हिस्सों में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई.
सखी सेंटर में की जाती है पीड़ित महिलाओं को मदद
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वन स्टॉप सेंटर के स्कीम के तहत संचालित यह सेंटर हेल्पलाइन नंबर 181/1090 के साथ काम करता है. यह सेंटर पीड़ित महिलाओं को सभी सुविधा एक ही जगह मुहैया कराता है.
एक छत के नीचे पीड़िताओं को मिलती है सहायता
वन स्टॉप सेंटर हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे पुलिस सहायता, कानूनी सहायता, मेडिकल सपोर्ट, रहने के लिए अस्थाई स्थान और मानसिक और भावनात्मक सहयोग देता है. अब तक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कई जिलों में वन स्टॉप सेंटर जोकि सखी वन स्टॉप सेंटर के नाम से भी जाना जाता है खोल दिया है. इसके तहत हिंसा से पीड़ित लाखों महिलाओं को सहायता मिल चुकी है. इस सेंटर को सरकार ने अस्पताल के अंदर या अस्पताल से 5 किमी के दायरे में खोलने का निर्देश दिया है. अभी तक कई जिलों में यह सेंटर खुल चुके हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर यह दावा है कि यूपी के सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर खोले जा चुके हैं.
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