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देश की डावाडोल अर्थव्यवस्था के बीच कल आएगा बजट, जानिए क्या कहते हैं अर्थशास्त्री

देश की डावाडोल अर्थव्यवस्था के बीच 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा. लोगों की काफी उम्मीदें इस बजट से हैं. वहीं अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने जितनी बड़ी चुनौती है, उतना किसी वित्त मंत्री के सामने नहीं रही. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अर्थशास्त्री प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने आयकर में छूट और आयात शुल्क के बढ़ने की संभावना जताई है. देखिए यह रिपोर्ट...

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बजट से पहले प्रतिक्रिया
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Published : Jan 31, 2020, 8:19 PM IST

लखनऊ: देश का बजट एक फरवरी को आएगा. देश भर की निगाहें बजट की तरफ हैं. लोगों की बजट से तमाम अपेक्षाएं हैं. बजट कैसा हो सकता है. तमाम सवालों और अनुमानों पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में वित्त मंत्री के सामने जितनी बड़ी चुनौती है, इससे पहले कभी किसी भी वित्त मंत्री के सामने नहीं रहीं. इसलिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए वित्त मंत्री शनिवार को बजट पेश करेंगी. देखना होगा कि बजट जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है.

जानिए बजट पर क्या कहते हैं अर्थशास्त्री.

अर्थव्यस्था के लिए चुनौती भरा समय
प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती भरा समय है. कुछ लोगों का यह भी मत है कि पिछले कई दशकों में किसी भी वित्त मंत्री के सामने इतनी बड़ी कठिनाई उपस्थित नहीं हुई है, जितनी आज है. क्योंकि हम सब जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सुस्ती है. मंदी की आहट है. तकनीकी रूप से भले ही न कहें कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, लेकिन आर्थिक मंदी के असर दिखाई दे रहे हैं. जो आर्थिक संकेतक आए हैं, उनसे लगता है कि देश की आर्थिक व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है. संतोषजनक नहीं है.

अर्थव्यवस्था निवेश और मांग का अच्छा चक्र स्थापित हो
प्रोफेसर त्यागी कहते हैं कि बजट का जहां तक सवाल है, मुझे लगता है कि वित्त मंत्री इस प्रकार के उपायों की घोषणा जरूर करेंगी, जिससे अर्थव्यवस्था में निवेश और मांग का अच्छा चक्र फिर से स्थापित हो सके. ताकि निवेश भी बढ़ जाए. उपभोग भी बढ़ जाए. उसके लिए आवश्यक है कि लोगों के हाथ में और व्यापारियों के हाथ में अधिक पैसा हो.

आयकर में लोगों को मिल सकती है छूट
उन्होंने कहा कि एक अपेक्षा तो वित्त मंत्री से सबकी यहां है कि व्यक्तिगत आयकर में छूट दी जाएगी. वह स्लैब में परिवर्तन करके दिया जा सकता है. न्यूनतम लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. आमदनी में बचत के जो प्रावधान किए जाते हैं, टैक्स में छूट मिलने की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा सकता है.

प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर में जरूर सुविधा दी जाएगी. इससे स्वाभाविक है कि मध्यम वर्ग खुश होगा. उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो उम्मीद की जा सकती है कि बाजार में मांग भी बढ़ेगी. दूसरी ओर सरकार यह भी चाहेगी कि निवेश बढ़े. निवेश बढ़ने के लिए सरकार ने पहले भी कुछ उपाय किए हैं. कारपोरेट कर में छूट दी है. बैंकों को कर्ज देने की क्षमता का विकास किया है तो सरकार इस दिशा में कुछ उद्योगों को चिन्हित कर सकती है.

बढ़ सकता है आयात शुल्क
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग या कंस्ट्रक्शन उद्योग, रियल एस्टेट सेक्टर से जहां से अधिक मात्रा में निवेश होता है, उससे मांग बढ़ती है. अर्थव्यवस्था में विकास की दर बढ़ती है. निर्यात क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हो सकता है कि आने वाले समय में बाहर से आने वाले उत्पाद पर आयात शुल्क बढ़ जाए. इसके माध्यम से भारतीय उद्योग को संरक्षण और भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

आयकर में छूट से नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा लाभ
प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने कहा कि दूसरी ओर कृषि क्षेत्र है. किसानों को काफी परेशानी है. किसानों के सामने दिक्कत है. उसे दूर करने के लिए सरकार इस बजट में कुछ उपाय की घोषणा करेगी. भारत में सबसे अधिक आयकर नौकरीपेशा लोग ही देते हैं, क्योंकि वह अपनी आय को छिपा नहीं सकते हैं. व्यक्तिगत आयकर में छूट देने पर बड़ी संख्या में नौकरी पेशा लोगों को लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इस बजट से उत्तर प्रदेश को रेल से कुछ उम्मीद है, लेकिन मुझे लगता है कि रेलवे में सरकार निजीकरण की तरफ जा रही है. हो सकता है नई ट्रेनों की घोषणा न करें. जो पहले से रेल लाइन बनाने का कार्य चल रहा है. उसको जरूर गति मिलेगी. रेल किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: लखनऊः जो काम एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेश नहीं कर पाए वो काम डिफेंस एक्सपो ने कर दिखाया

लखनऊ: देश का बजट एक फरवरी को आएगा. देश भर की निगाहें बजट की तरफ हैं. लोगों की बजट से तमाम अपेक्षाएं हैं. बजट कैसा हो सकता है. तमाम सवालों और अनुमानों पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में वित्त मंत्री के सामने जितनी बड़ी चुनौती है, इससे पहले कभी किसी भी वित्त मंत्री के सामने नहीं रहीं. इसलिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए वित्त मंत्री शनिवार को बजट पेश करेंगी. देखना होगा कि बजट जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है.

जानिए बजट पर क्या कहते हैं अर्थशास्त्री.

अर्थव्यस्था के लिए चुनौती भरा समय
प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती भरा समय है. कुछ लोगों का यह भी मत है कि पिछले कई दशकों में किसी भी वित्त मंत्री के सामने इतनी बड़ी कठिनाई उपस्थित नहीं हुई है, जितनी आज है. क्योंकि हम सब जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सुस्ती है. मंदी की आहट है. तकनीकी रूप से भले ही न कहें कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, लेकिन आर्थिक मंदी के असर दिखाई दे रहे हैं. जो आर्थिक संकेतक आए हैं, उनसे लगता है कि देश की आर्थिक व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है. संतोषजनक नहीं है.

अर्थव्यवस्था निवेश और मांग का अच्छा चक्र स्थापित हो
प्रोफेसर त्यागी कहते हैं कि बजट का जहां तक सवाल है, मुझे लगता है कि वित्त मंत्री इस प्रकार के उपायों की घोषणा जरूर करेंगी, जिससे अर्थव्यवस्था में निवेश और मांग का अच्छा चक्र फिर से स्थापित हो सके. ताकि निवेश भी बढ़ जाए. उपभोग भी बढ़ जाए. उसके लिए आवश्यक है कि लोगों के हाथ में और व्यापारियों के हाथ में अधिक पैसा हो.

आयकर में लोगों को मिल सकती है छूट
उन्होंने कहा कि एक अपेक्षा तो वित्त मंत्री से सबकी यहां है कि व्यक्तिगत आयकर में छूट दी जाएगी. वह स्लैब में परिवर्तन करके दिया जा सकता है. न्यूनतम लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. आमदनी में बचत के जो प्रावधान किए जाते हैं, टैक्स में छूट मिलने की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा सकता है.

प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर में जरूर सुविधा दी जाएगी. इससे स्वाभाविक है कि मध्यम वर्ग खुश होगा. उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो उम्मीद की जा सकती है कि बाजार में मांग भी बढ़ेगी. दूसरी ओर सरकार यह भी चाहेगी कि निवेश बढ़े. निवेश बढ़ने के लिए सरकार ने पहले भी कुछ उपाय किए हैं. कारपोरेट कर में छूट दी है. बैंकों को कर्ज देने की क्षमता का विकास किया है तो सरकार इस दिशा में कुछ उद्योगों को चिन्हित कर सकती है.

बढ़ सकता है आयात शुल्क
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग या कंस्ट्रक्शन उद्योग, रियल एस्टेट सेक्टर से जहां से अधिक मात्रा में निवेश होता है, उससे मांग बढ़ती है. अर्थव्यवस्था में विकास की दर बढ़ती है. निर्यात क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हो सकता है कि आने वाले समय में बाहर से आने वाले उत्पाद पर आयात शुल्क बढ़ जाए. इसके माध्यम से भारतीय उद्योग को संरक्षण और भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

आयकर में छूट से नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा लाभ
प्रोफेसर यशवीर त्यागी ने कहा कि दूसरी ओर कृषि क्षेत्र है. किसानों को काफी परेशानी है. किसानों के सामने दिक्कत है. उसे दूर करने के लिए सरकार इस बजट में कुछ उपाय की घोषणा करेगी. भारत में सबसे अधिक आयकर नौकरीपेशा लोग ही देते हैं, क्योंकि वह अपनी आय को छिपा नहीं सकते हैं. व्यक्तिगत आयकर में छूट देने पर बड़ी संख्या में नौकरी पेशा लोगों को लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इस बजट से उत्तर प्रदेश को रेल से कुछ उम्मीद है, लेकिन मुझे लगता है कि रेलवे में सरकार निजीकरण की तरफ जा रही है. हो सकता है नई ट्रेनों की घोषणा न करें. जो पहले से रेल लाइन बनाने का कार्य चल रहा है. उसको जरूर गति मिलेगी. रेल किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: लखनऊः जो काम एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेश नहीं कर पाए वो काम डिफेंस एक्सपो ने कर दिखाया

Intro:लखनऊ: देश की डामाडोल अर्थव्यवस्था के बीच कल देश का आएगा बजट

लखनऊ। देश का बजट एक फरवरी को आएगा। देशभर की निगाहें बजट की तरफ हैं। तमाम अपेक्षाएं हैं। बजट कैसा हो सकता है। तमाम सवालों और अनुमानों पर अर्थशास्त्री प्रोफ़ेसर यशवीर त्यागी ने ईटीवी भारत से बातचीत की। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में वित्त मंत्री के सामने जितनी बड़ी चुनौती है, इससे पहले कभी किसी भी वित्त मंत्री के सामने इतनी बड़ी चुनौती नहीं रही। इसलिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए वित्त मंत्री कल बजट पेश करेंगी। देखना होगा कि बजट जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है।




Body:प्रोफेसर एसवीर त्यागी ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती भरा समय है। कुछ लोगों का यह भी मत है कि पिछले कई दशकों में किसी भी वित्त मंत्री के सामने इतनी बड़ी कठिनाई उपस्थित नहीं हुई है। जितनी आज है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सुस्ती है। मंदी की आहट है। तकनीकी रूप से भले ही न कहें अर्थव्यवस्था में सुस्ती है लेकिन आर्थिक मंदी के असर दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक संकेतक आए हैं। इससे लगता है कि देश की आर्थिक व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। संतोषजनक नहीं है।

प्रोफेसर त्यागी कहते हैं कि जितनी हमारी आवश्यकता है। जो हमारी विकास डर मात्र 5% पर रह गई है। तो उससे हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होगा। दूसरे अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुख्य कारण मांग में कमी। उपभोग में कमी या फिर खपत में कमी कहिए। निवेश नहीं हो रहा है। उद्यमी, व्यापारी पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं। नया निवेश नहीं कर रहे हैं। तो वित्त मंत्री के सामने बड़ी चुनौती है।

बजट का जहां तक सवाल है मुझे लगता है कि वित्त मंत्री इस प्रकार के उपायों की घोषणा जरूर करेंगी जिससे अर्थव्यवस्था में निवेश और मांग का अच्छा चक्र फिर से स्थापित हो सके। ताकि निवेश भी बढ़ जाए। उपभोग ही बढ़ जाए। उसके लिए आवश्यक है कि लोगों के हाथ में, व्यापारियों के हाथ में अधिक पैसा हो। एक अपेक्षा तो वित्त मंत्री से सबकी यहां है कि व्यक्तिगत आयकर में छूट दी जाएगी। वह स्लैब में परिवर्तन करके दिया जा सकता है। न्यूनतम लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। आमदनी में बचत के जो प्रावधान किए जाते हैं। टैक्स में छूट मिलने की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा सकता है।

व्यक्तिगत आयकर में जरूर सुविधा दी जाएगी। इससे स्वाभाविक है कि मध्यमवर्ग खुश होगा। उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो उम्मीद की जा सकती है कि बाजार में मांग भी बढ़ेगी। दूसरी ओर सरकार यह भी चाहेगी कि निवेश बढ़े। निवेश बढ़ने के लिए सरकार ने पहले भी कुछ उपाय किए हैं। कारपोरेट कर में छूट दी है। सरकार इस दिशा में उद्योगों को चिन्हित कर सकती है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग या कंस्ट्रक्शन उद्योग, रियल एस्टेट सेक्टर से जहां से अधिक मात्रा में निवेश होता है। उससे मांग बढ़ती है। अर्थव्यवस्था में विकास की दर बढ़ती है। निर्यात क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हो सकता है कि आने वाले समय में बाहर से उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है। इसके माध्यम से भारतीय उद्योग को संरक्षण मिलेगा। भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

दूसरी ओर कृषि क्षेत्र है। किसानों को काफी परेशानी है। किसानों के सामने दिक्कत है। उसे दूर करने के लिए सरकार इस बजट में कुछ उपाय की घोषणा करेगी। भारत में सबसे अधिक आयकर नौकरीपेशा लोग ही कर देते हैं। क्योंकि वह अपनी आय को छिपा नहीं सकते हैं। व्यक्तिगत आयकर में छूट देने पर बड़ी संख्या में नौकरी पेशा लोगों को लाभ मिलेगा। इस बजट से उत्तर प्रदेश को रेल से कुछ उम्मीद है। लेकिन मुझे लगता है कि रेलवे में सरकार निजी करण की तरफ जा रही है। हो सकता है नई ट्रेनों की घोषणा न करे। जो पहले से रेल लाइन बनाने का कार्य चल रहा है उसको जरूर गति मिलेगी। रेल किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी।

दिलीप शुक्ला, 9450663213

नोट-इसका वीडियो कैमरा पर्सन धीरज ने लाईव यू से भेजा है। जिसका स्लग- tiktak with yashvir tyagi


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