लखनऊ: जितनी तेजी से साइबर ठगी के तरीके बदल रहे हैं, उतनी ही फुर्ती से जालसाज अपने ठिकाने भी बदल रहे हैं. ऐसे में राजधानी की साइबर पुलिस के लिए जालसाजों के बदलते ठिकाने सिरदर्द बन रहे हैं. पहले साइबर जालसाजों का अड्डा झारखंड के जामताड़ा से लेकर राजस्थान के भरतपुर में हुआ करता था, लेकिन अब जांच में सामने आया है कि जालसाजों ने हैदराबाद और चित्तौड़गढ़ को अपना हब बना लिया है. हैरानी इस बात की भी है कि ये जालसाज ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसा कई गुना करने का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं.
केस-1: कृष्णानगर के रहने वाले मोहित ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक लिंक आया था, जिसमें यूट्यूब विडियो को लाइक करने के एवज में इनकम की बात कही गई. पैसे भी आए, लेकिन बाद में क्रिप्टो करेंसी में एक लाख रुपये लगवा दिए गए. अब वॉलेट से पैसा ट्रांसफर नहीं हो रहा है.
केस-2: महानगर के सुहेल अंसारी ने बताया कि ने बीते दो माह से केटीएफ नाम की वेबसाइट से जुड़ा हूं, जहां क्रिप्टोकरेंसी में पैसा कई गुना पहुंच जाता है, लेकिन जब ट्रांसफर करता हूं, तो पैसा नहीं निकलता, उनके जब 13 लाख रुपये डूब गए तब उन्होंने शिकायत साइबर पुलिस को दी है.
500 से ज्यादा आईं शिकायतें
साइबर सेल के अधिकारी ने बताया कि बीते कई माह साइबर ठगी का ये खेल टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म्स पर चल रहा है. जब इन ठगी की जांच की गई तो अधिकतर केस के लिंक चित्तौड़गढ़ व हैदराबाद से जुड़े हैं. उनके मुताबिक, अब तक 500 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं.
इस तरह फंसाते हैं जाल में
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर, विज्ञापन या अनजान लिंक पर क्लिक करने से जालसाज को आप तक घुसपैठ हो जाती है. इसके बाद वो ऑनलाइन लिंक से वे आपकी आईडी तैयार करवाकर आपका अकाउंट बनवाते हैं. इसके बाद जालसाज आपको क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने के लिए उकसाते हैं और जब अधिक मात्रा में पैसा इन्वेस्ट हो जाता है तो वो गायब हो जाते हैं.
अमित दुबे के मुताबिक, साइबर जालसाज जिन खातों में पैसा मंगवाते हैं, वह खाते यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल, कनार्टक समेत अन्य राज्यों के बैंक के होते हैं. जांच में सामने आया है कि ये जालसाज चित्तौड़गढ़ और हैदराबाद में बैठ कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. बैंक में पैसा आने के बाद ये सामने वाले व्यक्ति को ऐसा दिखाते हैं कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने से उन्हें काफी फायदा हुआ है. महज कुछ ही दिनों में आपके खाते में लाखों रुपये दिखने लगता है. इसके बाद पैसा ट्रांसफर करने के नाम पर और वसूलते हैं. अंत में गायब हो जाते हैं.
पढ़ेंः ट्रैफिक पुलिस सिपाही के खाते से साइबर ठग ने उड़ा लिये 50 हजार रुपये