लखनऊ: विटामिन डी (Vitamin D) हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी (Vitamin D) हमारी हड्डियों के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है, लेकिन आजकल ज्यादातर लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. इसका मुख्य कारण है, हमारा तेजी से बदलता रहन सहन. एक रिपोर्ट में विटामिन डी (Vitamin D) की सबसे ज्यादा कमी महिलाओं में पाई गई है. भारत में लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन डी (Vitamin D) की कमी पाई गई.
महिलाओं में विटामिन डी (Vitamin D) की कमी के कई कारण हैं. इसमें सबसे मुख्य कारण यह है कि महिलाएं अक्सर धूप में जाने से बचती हैं. उन्हें लगता है कि सूरज की यूवी (Ultra Violet Rays) किरणें उनकी स्किन को नुकसान ना पहुंचा सकती हैं. यही वजह है कि अक्सर धूप में निकलते समय महिलाएं या तो छाता लेकर निकलती हैं या सन्सक्रीन लगाकर निकलती हैं. इस वजह से उन्हें सही मात्रा में धूप नहीं मिल पाती. इसके साथ ही अक्सर महिलाएं घर के काम में इतना व्यस्त रहती हैं कि अपने ऊपर ध्यान ही नहीं दे पातीं. घर के अंदर रहने के कारण भी वह सूर्य की किरणों (Sun Rays) से दूर रहती हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन डी (Vitamin D) बहुत महत्वपूर्ण है. न सिर्फ उनकी सेहत के लिए बल्कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को विटामिन डी की खुराक जरूर लेनी चाहिए क्योंकि उनके गर्भ में पल रहे शिशु और उनकी सेहत के लिए विटामिन डी काफी फायदेमंद होता है. डॉ एसके नंदा न कहा कि ये शरीर को कैल्शियम और फॉस्फेट पचाने में मदद करता है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ रखता है. ऐसा शोध में भी साबित हुआ है. बॉयोमेडिकल रिसर्च से पता चला है कि रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारियां विटामिन डी की कमी से ही होती हैं. विटामिन डी की मामूली कमी से भी शरीर में कैंसर, हृदयरोग संबंधी रोग, डायबिटीज जैसे कई खतरनाक रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
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महिलाएं में होती है विटामिन-डी की कमी
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के क्वीन मेरी अस्पताल की प्रोफेसर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान बताती हैं कि हमारे देश में लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है. इसकी वजह यह है कि महिलाएं अपना सारा वक्त घर के काम में लगा देती हैं और साथ ही वह धूप में जाना पसंद नहीं करतीं. महिलाओं को ऐसा लगता है कि वे खुद को धूप से बचाकर अपने आप को सुरक्षित करती हैं लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी गलतफहमी है. विटामिन-डी के लिए सूरज ही एक मात्र स्रोत है. अगर महिलाएं धूप में जाने लगें तो महिलाओं में होने वाली इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है.
विटामिन-डी के कई लाभ हैं. अगर आपको अपने घर से निकलने में परेशानी हो रही है, तो 7-11 बजे के बीच कुछ समय के लिए अपनी बालकनी या छत पर बैठना मददगार हो सकता है. यह विटामिन-डी की कमी को पूरा कर सकता है. सुबह 11 से लेकर शाम 5 बजे तक अगर जरूरी न हो तो घर से न निकले. अगर निकले भी तो चेहरे पर मास्क लगा कर निकले, सूरज की तेज किरणें हानिकारक हो सकती हैं. सही समय पर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने और विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने को आपकी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.
विटामिन डी की कमी कैसे दूर करें
- विटामिन-डी के लिए सुबह की धूप सबसे बेहतर होती है.
- अंडे के पीले भाग में विटामिन-डी पाया जाता है. इसके लिए डॉक्टर हमेशा विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए अंडे की जर्दी खाने की सलाह देते हैं.
- विटामिन-डी की कमी दूर करने के लिए मछली और गाजर का भी सेवन कर सकते हैं. इसमें विटामिन-डी पाया जाता है.
विटामिन-डी की कमी के परेशानी
- विटामिन डी की कमी होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.
- शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर आप समय से पहले वृद्ध दिखाई देने लगेंगे. चेहरे और हाथों में झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं.
- हड्डियों में दर्द की समस्या हो तो यह भी विटामिन डी के लक्षणों में से एक है.
- मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना.
- विटामिन डी की कमी होने के कारण, शरीर में एनर्जी लेवल कम हो जाता है और सारा दिन थकावट महसूस होती है. साथ ही किसी काम में मन नहीं लगता है.
- जरुरत से ज्यादा नींद आना, हमेशा डिप्रेशन में होने जैसा महसूस करना. यह सब विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं.
विटामिन डी की कमी होने वाले प्रमुख रोग
- डायबिटीज
- कोलेस्ट्रॉल और सूजन- जलन
- त्वचा का रंग गहरा होना
- दिमाग पर असर पड़ना
- हार्ट अटैक और अस्थमा
- एनीमिया का खतरा