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साईं बाबा के 7 बड़े चमत्कार, जिसे जानते ही हर कोई बन जाता है उनका भक्त - lucknow

मान्यता है कि साईं धाम जाकर बाबा के दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख-दर्द आश्चर्यजनक तरीके से शीघ्र ही दूर हो जाते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पढ़ें शिरडी साईं बाबा के वो चमत्कार जिसे जानते लोग वहां खिंचे चले जाते हैं —

साईं बाबा
साईं बाबा
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Published : Nov 25, 2021, 9:56 AM IST

Updated : Nov 25, 2021, 11:18 AM IST

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में साईं भक्तों का पावन धाम है, इस पावन धाम में साईं बाबा का एक विशाल मंदिर है, जिसे विश्व के अमीर मंदिरों में से एक जाना जाता है. जहां पर आये दिन कोई न कोई बड़ी राशि का चढ़ावा साईं के चरणों में समर्पित करता रहता है.

साईं बाबा के इस पावन स्थान से कई ऐसे चमत्कार जुड़े हैं, जिन्हें जानने के बाद हर कोई उनके दरबार में खिंचा चला आता है. यूं तो शिरडी के साईं बाबा से जुड़े सैकड़ों चमत्कार हैं और नित नये उनके भक्तों को दिखाई देते भी रहते हैं.

पानी से जलने लगे दिये

मान्यता है ​कि साईं बाबा प्रतिदिन अपने आस–पास के मंदिर–मस्जिद में जाकर दीया जलाया करते थे. इसके लिए आस–पास में दुकानदारों से तेल मांगने भी जाया करते थे, लेकिन एक बार उन्हें कहीं से भी तेल नहीं मिला तो वे चुपचाप वापस लौट आए और अंधेरा होने पर दीये में तेल की जगह पानी डाला. उसके बाद वह दिया जल पड़ा. बाबा के चमत्कार से पानी के दिये भी जगमगा उठे.

सूखे कुंए का बढ़ गया पानी

बाबा के तमाम चमत्कारों में यह किस्सा तब का है, जब बाबा बाबा शिरडी पधारे थे. कहते हैं कि उन दिनों वहां पर पानी का बहुत अभाव था. वहां पर कुएं लगभग सूख से गये थे. पानी का स्तर नीचे होने के कारण शिरडी के लोगों को पानी के लिए बहुत दिक्कत होती थी. जब लोगों ने यह समस्या साईं बाबा को बताई तो उन्होंने अपने भक्तों को एक बूंद उनकी हथेली पर रखी और उसे कुंए में डालने को कही. आश्चर्यजनक तरीके से वह बूंद फूल में बदल गई. इसके बाद वह फूल कुएं के पानी के जल स्तर को बढ़ाते हुए पानी के साथ बाहर आ गये.

जब थम गई बारिश

कहते हैं कि एक बार शिरडी में उस समय के राय बहादुर अपने परिवार समेत बाबा का दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के बाद जब वे अपने घर जाने लगे तो तेज बारिश होने लगी. उनका जाना बहुत जरूरी था, ऐसे में उन्होंने बाबा से गुहार लगाई कि वे बारिश को रोक दें और सुरक्षित उन्हें घर पहुंचा दें. इतना कहना ही था कि आश्चर्यजनक तरीके से बारिश कुछ ही देर में रुक गई.

जलती फसल की बुझाई आग

मान्यता है कि एक बार शिरडी में बहुत अच्छी फसल हुई थी. बाबा का एक भक्त जब उनके पास पहुंचा तो बाबा ने उससे कहा कि तुम्हारे खेत में आग लग गई है. उसने जाकर देखा तो वहां ऐसा कुछ भी नहीं था. वह फिर उनके पास लौटकर आया और बाबा को बताया कि ऐसा कुछ नहीं है. बाबा ने फिर उसे एक बार जाने को कहा. जब वह गया तो उसने अपने खेतों में आग लगी पाई. उस भयानक आग को बुझाने में जब गांव के लोग असफल हो गये तो बाबा ने हाथ में पानी लेकर एक बार में आग बुझा दी.

काली गाय का दूध

एक बार साईं बाबा के गुरु वेकुंश ने उन्हें काली गाय का दूध लाने को कहा तो वो काफी देर तक उसे खोजते रहे. जब उन्हें काली गाय मिली तो पता चला कि वह दूध नहीं देती है. इस पर साईं बाबा ने उस गाय पर हाथ फेरकर उसके मालिक से कहा दुह कर देखो ये दूध देगी. आश्चर्यजनक तरीके से गाय ने दूध दिया और वह उसे अपने गुरु के पास ले गये.

नीम पर लगे मीठे फल

शिरडी में साईं बाबा एक नीम के पेड़ के नीचे योगासन लगाया करते थे. कहते हैं कि जब बाबा को भिक्षा नहीं मिलती थी तो वह नीम की कड़वी निबोलिया चबाया करते थे. मान्यता है कि इस नीम के पेड़ के आधे भाग में कड़वी और आधे भाग में मीठी निबोलिया निकलती हैं.

बच्ची को डूबने से बचाया

कहते हैं कि एक बार किसी तीन साल की बच्ची कुएं में गिर गई. वह बच्ची साई बाबा की प्रिय थी, जो खुद को बाबा की बहन बताया करती थी. जब लोग भाग कर कुएं के पास पहुंचे तो किसी अज्ञात हाथों ने उसे थाम रखा हो. जल्द ही लोगों ने उसे बाहर निकाल लिया. माना जाता है कि साईं की कृपा से वह डूबने से बच गई.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं)

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में साईं भक्तों का पावन धाम है, इस पावन धाम में साईं बाबा का एक विशाल मंदिर है, जिसे विश्व के अमीर मंदिरों में से एक जाना जाता है. जहां पर आये दिन कोई न कोई बड़ी राशि का चढ़ावा साईं के चरणों में समर्पित करता रहता है.

साईं बाबा के इस पावन स्थान से कई ऐसे चमत्कार जुड़े हैं, जिन्हें जानने के बाद हर कोई उनके दरबार में खिंचा चला आता है. यूं तो शिरडी के साईं बाबा से जुड़े सैकड़ों चमत्कार हैं और नित नये उनके भक्तों को दिखाई देते भी रहते हैं.

पानी से जलने लगे दिये

मान्यता है ​कि साईं बाबा प्रतिदिन अपने आस–पास के मंदिर–मस्जिद में जाकर दीया जलाया करते थे. इसके लिए आस–पास में दुकानदारों से तेल मांगने भी जाया करते थे, लेकिन एक बार उन्हें कहीं से भी तेल नहीं मिला तो वे चुपचाप वापस लौट आए और अंधेरा होने पर दीये में तेल की जगह पानी डाला. उसके बाद वह दिया जल पड़ा. बाबा के चमत्कार से पानी के दिये भी जगमगा उठे.

सूखे कुंए का बढ़ गया पानी

बाबा के तमाम चमत्कारों में यह किस्सा तब का है, जब बाबा बाबा शिरडी पधारे थे. कहते हैं कि उन दिनों वहां पर पानी का बहुत अभाव था. वहां पर कुएं लगभग सूख से गये थे. पानी का स्तर नीचे होने के कारण शिरडी के लोगों को पानी के लिए बहुत दिक्कत होती थी. जब लोगों ने यह समस्या साईं बाबा को बताई तो उन्होंने अपने भक्तों को एक बूंद उनकी हथेली पर रखी और उसे कुंए में डालने को कही. आश्चर्यजनक तरीके से वह बूंद फूल में बदल गई. इसके बाद वह फूल कुएं के पानी के जल स्तर को बढ़ाते हुए पानी के साथ बाहर आ गये.

जब थम गई बारिश

कहते हैं कि एक बार शिरडी में उस समय के राय बहादुर अपने परिवार समेत बाबा का दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के बाद जब वे अपने घर जाने लगे तो तेज बारिश होने लगी. उनका जाना बहुत जरूरी था, ऐसे में उन्होंने बाबा से गुहार लगाई कि वे बारिश को रोक दें और सुरक्षित उन्हें घर पहुंचा दें. इतना कहना ही था कि आश्चर्यजनक तरीके से बारिश कुछ ही देर में रुक गई.

जलती फसल की बुझाई आग

मान्यता है कि एक बार शिरडी में बहुत अच्छी फसल हुई थी. बाबा का एक भक्त जब उनके पास पहुंचा तो बाबा ने उससे कहा कि तुम्हारे खेत में आग लग गई है. उसने जाकर देखा तो वहां ऐसा कुछ भी नहीं था. वह फिर उनके पास लौटकर आया और बाबा को बताया कि ऐसा कुछ नहीं है. बाबा ने फिर उसे एक बार जाने को कहा. जब वह गया तो उसने अपने खेतों में आग लगी पाई. उस भयानक आग को बुझाने में जब गांव के लोग असफल हो गये तो बाबा ने हाथ में पानी लेकर एक बार में आग बुझा दी.

काली गाय का दूध

एक बार साईं बाबा के गुरु वेकुंश ने उन्हें काली गाय का दूध लाने को कहा तो वो काफी देर तक उसे खोजते रहे. जब उन्हें काली गाय मिली तो पता चला कि वह दूध नहीं देती है. इस पर साईं बाबा ने उस गाय पर हाथ फेरकर उसके मालिक से कहा दुह कर देखो ये दूध देगी. आश्चर्यजनक तरीके से गाय ने दूध दिया और वह उसे अपने गुरु के पास ले गये.

नीम पर लगे मीठे फल

शिरडी में साईं बाबा एक नीम के पेड़ के नीचे योगासन लगाया करते थे. कहते हैं कि जब बाबा को भिक्षा नहीं मिलती थी तो वह नीम की कड़वी निबोलिया चबाया करते थे. मान्यता है कि इस नीम के पेड़ के आधे भाग में कड़वी और आधे भाग में मीठी निबोलिया निकलती हैं.

बच्ची को डूबने से बचाया

कहते हैं कि एक बार किसी तीन साल की बच्ची कुएं में गिर गई. वह बच्ची साई बाबा की प्रिय थी, जो खुद को बाबा की बहन बताया करती थी. जब लोग भाग कर कुएं के पास पहुंचे तो किसी अज्ञात हाथों ने उसे थाम रखा हो. जल्द ही लोगों ने उसे बाहर निकाल लिया. माना जाता है कि साईं की कृपा से वह डूबने से बच गई.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं)

Last Updated : Nov 25, 2021, 11:18 AM IST
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