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जानिए, किन कामों को अंजाम देने से टूट सकता है आपका रोजा

रोजे के दौरान किस अमल से रोजेदारों का रोजा मकरूह या फिर टूट सकता है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने देश के बड़े शिया सुन्नी उलेमाओं से बात की जिसमें उन्होंने इस बारे में जानकारी दी.

किन कामों को अंजाम देने से टूट सकता है आपका रोजा.
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Published : May 26, 2019, 9:02 AM IST

Updated : May 26, 2019, 9:38 AM IST

लखनऊ : रमजान के पाक और मुकद्दस महीने में जहां मुसलमान 14 से 16 घंटे बिना कुछ खाए पिए सख्त गर्मी में परवरदिगार की इबादत में गुजारता है. तो वही रोजेदार को इस बात का डर भी सताता है कि कहीं उसके किसी गलत अमल की वजह से रोजा मकरूह है या फिर टूट न गया हो.

किन कामों को अंजाम देने से टूट सकता है आपका रोजा.

रोजे के दौरान इन कामों को करने से टूट सकता है आप का रोजा

  • रोजे की हालत में बुरे कामों को अंजाम देने से रोजा टूट जाता है.
  • रोजे के दौरान कुछ भी खाने या फिर पीने से रोजा टूट जाएगा.
  • रोजे की हालत में गलत बात बोलने या फिर गाली देने से रोजा मकरूह हो जाता है.
  • रोजे की हालत में रहते हुए शरई तौर पर मना की गई चीजों को देखने से रोजा मकरूह होता है.
  • किसी शख्स को तकलीफ पहुंचाने से भी इस्लाम में रोजा मकरूह करार दिया गया है.
  • रोजे की हालत में रहते हुए झूठ बोलने से रोजा मकरुह हो जाता है.
  • रोजे के दौरान पती पत्नी के बीच जिस्मानी ताल्लुकात बनने से रोजा टूट जाता है.
  • रोजे के दौरान किसी शख्स को बुराई करने से मना किया गया है.
  • रोजे के दौरान रिश्वत का लेनदेन रोजे को खतरे में डालता है.
  • किसी की पीठ पीछे बुराई करने से रोजा मकरूह हो जाता है.

रमजान का मुबारक महीना जारी है इस महीने में मोमिनो पर अल्लाह की रहमत बरसती है. इस महीने में ही कुरान शरीफ भी नाजिल हुआ था. रमजान बाकी सारे महीनों से सबसे अफजल माना जाता है क्योंकि इस महीने में इंसान को अपने गुनाह से निजात मिलने के रास्ते खुलते हैं और दिनी एतबार के साथ दुनियाबी एतबार से भी इंसानों को एक कामयाब जिंदगी जीने की सीख मिलती है.

लखनऊ : रमजान के पाक और मुकद्दस महीने में जहां मुसलमान 14 से 16 घंटे बिना कुछ खाए पिए सख्त गर्मी में परवरदिगार की इबादत में गुजारता है. तो वही रोजेदार को इस बात का डर भी सताता है कि कहीं उसके किसी गलत अमल की वजह से रोजा मकरूह है या फिर टूट न गया हो.

किन कामों को अंजाम देने से टूट सकता है आपका रोजा.

रोजे के दौरान इन कामों को करने से टूट सकता है आप का रोजा

  • रोजे की हालत में बुरे कामों को अंजाम देने से रोजा टूट जाता है.
  • रोजे के दौरान कुछ भी खाने या फिर पीने से रोजा टूट जाएगा.
  • रोजे की हालत में गलत बात बोलने या फिर गाली देने से रोजा मकरूह हो जाता है.
  • रोजे की हालत में रहते हुए शरई तौर पर मना की गई चीजों को देखने से रोजा मकरूह होता है.
  • किसी शख्स को तकलीफ पहुंचाने से भी इस्लाम में रोजा मकरूह करार दिया गया है.
  • रोजे की हालत में रहते हुए झूठ बोलने से रोजा मकरुह हो जाता है.
  • रोजे के दौरान पती पत्नी के बीच जिस्मानी ताल्लुकात बनने से रोजा टूट जाता है.
  • रोजे के दौरान किसी शख्स को बुराई करने से मना किया गया है.
  • रोजे के दौरान रिश्वत का लेनदेन रोजे को खतरे में डालता है.
  • किसी की पीठ पीछे बुराई करने से रोजा मकरूह हो जाता है.

रमजान का मुबारक महीना जारी है इस महीने में मोमिनो पर अल्लाह की रहमत बरसती है. इस महीने में ही कुरान शरीफ भी नाजिल हुआ था. रमजान बाकी सारे महीनों से सबसे अफजल माना जाता है क्योंकि इस महीने में इंसान को अपने गुनाह से निजात मिलने के रास्ते खुलते हैं और दिनी एतबार के साथ दुनियाबी एतबार से भी इंसानों को एक कामयाब जिंदगी जीने की सीख मिलती है.

Intro:रमजान के पाक और मुकद्दस महीने में जहां मुसलमान इस मुबारक महीने में 14 से 16 घंटे बिना कुछ खाए और बिना कुछ पिये सख्त गर्मी में परवरदिगार की इबादत में गुजारता है तो वही रोजेदार को इस बात का डर भी सताता है कि कहीं उसके किसी गलत अमल की वजह से रोजा मकरूह है या फिर टूट ना गया हो। इन्हीं सब बातों के लिए देखिए ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट जिसमें देश के बड़े शिया सुन्नी उलमा बता रहे हैं कि रोजे के दौरान किस अमल से रोजेदारों का रोजा मकरूह या फिर टूट सकता है।


Body:रोजे के दौरान इन कामों को करने से टूट सकता है आप का रोजा

* रोजे की हालत में बुरे कामों को अंजाम देने से रोजा टूट जाता है

* रोजे के दौरान कुछ भी खाने या फिर पीने से रोजा टूट जाएगा

* रोजे की हालत में गलत बात बोलने या फिर गाली देने से रोजा मकरू हो जाता है

* रोजे की हालत में रहते हुए शरई तौर पर मना की गई चीजों को देखने से रोजा मकरू होता है

* किसी शख्स को तकलीफ पहुंचाने से भी इस्लाम में रोजा मकरू करार दिया गया है

* रोजे की हालत में रहते हुए झूठ बोलने से रोजा मकरु हो जाता है

* रोज़े के दौरान पती पत्नी के बीच जिस्मानी तालुकात बनने से रोज़ा टूट जाता है

* रोजे के दौरान किसी शख्स की बुराई करने से मना किया गया है

* रोजे के दौरान रिश्वत का लेनदेन रोजे को खतरे में डालता है

* किसी की पीठ पीछे बुराई करने से रोजा मकरूह हो जाता है

बाइट- मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली, सुन्नी धर्मगुरु

बाइट- मौलना कल्बे जवाद, शिया धर्मगुरु


Conclusion:रमजान का मुबारक महीना जारी है इस महीने में मोमिनो पर अल्लाह की रहमत बरसती है। इस महीने में ही कुरान शरीफ भी नाजिल हुआ था। रमजान बाकी सारे महीनों से सबसे अफजल माना जाता है क्योंकि इस महीने में इंसान को अपने गुनाह से निजात मिलने के रास्ते खुलते हैं और दीनी एतबार के साथ दुनियाबी एतबार से भी इंसानों को एक कामयाब जिंदगी जीने की सीख मिलती है।
Last Updated : May 26, 2019, 9:38 AM IST
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