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NEET-2021 : यूपी में तलाश रहे हैं बेस्ट मेडिकल कॉलेज तो यह जानकारी आपके लिए हो सकती है फायदेमंद

मेडिकल कॉलेजों में स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए नीट (NEET) के परिणाम जारी कर दिए गए हैं. काउंसलिंग का कार्यक्रम मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की ओर से जल्द जारी किया जाएगा.

एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने दी जानकारी.
एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने दी जानकारी.
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Published : Nov 4, 2021, 6:10 PM IST

लखनऊ: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए नीट (NATIONAL ELIGIBILITY CUM ENTRANCE TEST) के परिणाम गुरुवार को जारी कर दिए गए. इसमें सफल हुए अभ्यर्थी अब काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, काउंसलिंग का कार्यक्रम मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की तरफ से जारी किया जाएगा.

काउंसलिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे छात्रों को कॉलेज चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए व कौन से कॉलेज बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं? इस मामले पर एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने ईटीवी भारत को विशेष जानकारी दी.

एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने दी जानकारी.


1. इस रैंक तक के परीक्षार्थियों को मिलेगा सरकारी कॉलेज

नीट 2021 की परीक्षा बीते 12 सितंबर को आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए करीब 16 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और 15 लाख के आसपास परीक्षार्थी इसमें शामिल हुए थे. एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि नीट परीक्षा की कटऑफ इस बार 604 तक गई है. पिछले साल भी यह कटऑफ 604 के ही आसपास ही थी. इस बार एम्स समेत देश के दूसरे संस्थानों में सीटें बढ़ी हैं. इसलिए यह उम्मीद जताई जा सकती है कि करीब 17000 रैंक तक के छात्रों को सरकारी कॉलेज मिल सकते हैं.


2. काउंसलिंग में अपनाएं यह रणनीति

यह काउंसलिंग राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है. इसी के माध्यम से राज्य स्तर पर भी दाखिले लिए जाते हैं. विशेषज्ञ मनीष सिंह बताते हैं कि छात्र को अगर सेंट्रल में अच्छी रैंक नहीं मिली है तो वह स्टेट की काउंसलिंग में भी जरूर भाग लें, स्टेट में भी कई अच्छे कॉलेज हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ में आरएमएल बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उनका सुझाव है कि 7000, 8000 व 9000 रैंक पाने वाले छात्रों को राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग में शामिल होना चाहिए. इससे उन्हें राज्य का अच्छा कॉलेज मिल सकेगा.

यह भी पढ़ें- 350 से ज्यादा निजी कॉलेजों के 1 लाख छात्र छात्राओं को झटका, फीस में नहीं मिलेगी कोई राहत

3. ये हैं यूपी के बेस्ट मेडिकल कॉलेज

विशेषज्ञ मनीष सिंह ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश में नंबर वन पर है. काउंसलिंग के दौरान इस कॉलेज की हमेशा मांग रहती है. दूसरे नंबर पर कानपुर का गणेश शंकर विद्यार्थी चिकित्सा संस्थान है. इसके बाद इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज का नंबर आता है.


एनआईआरएफ की रैंकिंग में यह हैं टॉप पर

  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

इन कॉलेजों में दाखिले के लिए रहती मारामारी

  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ
  • गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर.
  • मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज
  • डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस लखनऊ
  • यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज सैफई
  • बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर
  • एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा
  • लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ
  • महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी
  • रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली

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लखनऊ: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए नीट (NATIONAL ELIGIBILITY CUM ENTRANCE TEST) के परिणाम गुरुवार को जारी कर दिए गए. इसमें सफल हुए अभ्यर्थी अब काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, काउंसलिंग का कार्यक्रम मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की तरफ से जारी किया जाएगा.

काउंसलिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे छात्रों को कॉलेज चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए व कौन से कॉलेज बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं? इस मामले पर एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने ईटीवी भारत को विशेष जानकारी दी.

एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने दी जानकारी.


1. इस रैंक तक के परीक्षार्थियों को मिलेगा सरकारी कॉलेज

नीट 2021 की परीक्षा बीते 12 सितंबर को आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए करीब 16 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और 15 लाख के आसपास परीक्षार्थी इसमें शामिल हुए थे. एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि नीट परीक्षा की कटऑफ इस बार 604 तक गई है. पिछले साल भी यह कटऑफ 604 के ही आसपास ही थी. इस बार एम्स समेत देश के दूसरे संस्थानों में सीटें बढ़ी हैं. इसलिए यह उम्मीद जताई जा सकती है कि करीब 17000 रैंक तक के छात्रों को सरकारी कॉलेज मिल सकते हैं.


2. काउंसलिंग में अपनाएं यह रणनीति

यह काउंसलिंग राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है. इसी के माध्यम से राज्य स्तर पर भी दाखिले लिए जाते हैं. विशेषज्ञ मनीष सिंह बताते हैं कि छात्र को अगर सेंट्रल में अच्छी रैंक नहीं मिली है तो वह स्टेट की काउंसलिंग में भी जरूर भाग लें, स्टेट में भी कई अच्छे कॉलेज हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ में आरएमएल बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उनका सुझाव है कि 7000, 8000 व 9000 रैंक पाने वाले छात्रों को राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग में शामिल होना चाहिए. इससे उन्हें राज्य का अच्छा कॉलेज मिल सकेगा.

यह भी पढ़ें- 350 से ज्यादा निजी कॉलेजों के 1 लाख छात्र छात्राओं को झटका, फीस में नहीं मिलेगी कोई राहत

3. ये हैं यूपी के बेस्ट मेडिकल कॉलेज

विशेषज्ञ मनीष सिंह ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश में नंबर वन पर है. काउंसलिंग के दौरान इस कॉलेज की हमेशा मांग रहती है. दूसरे नंबर पर कानपुर का गणेश शंकर विद्यार्थी चिकित्सा संस्थान है. इसके बाद इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज का नंबर आता है.


एनआईआरएफ की रैंकिंग में यह हैं टॉप पर

  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

इन कॉलेजों में दाखिले के लिए रहती मारामारी

  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ
  • गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर.
  • मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज
  • डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस लखनऊ
  • यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज सैफई
  • बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर
  • एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा
  • लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मेरठ
  • महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी
  • रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली

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