लखनऊ: देश में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दीवाली पर आतिशबाजी को लेकर गंभीर है. इसी बीच हर तरफ ग्रीन पटाखों की चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं क्या होते हैं ग्रीन पटाखे, ये कैसे नॉर्मल पटाखे से अलग हैं. दरअसल, ग्रीन पटाखों को राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान ने खोजा है. ये दिखने में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं पर इनके जलने से कम प्रदूषण होता है.
ग्रीन पटाखे क्या होते हैं ?
- ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है.
- इन पटाखों से हानिकारक गैसें कम निकलती हैं. कहा जा सकता है कि लगभग 40 से 50 फीसदी तक कम. ये कम हानिकारक पटाखे होते हैं.
- सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर गैस निकलती हैं.
सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फ़र गैस निकलती है. ग्रीन पटाखों में इस्तेमाल होने वाले मसाले बहुत हद तक सामान्य पटाखों से अलग होते हैं. नीरी ने कुछ ऐसे फ़ॉर्मूले बनाए हैं जो हानिकारक गैस कम पैदा करेंगे.
ग्रीन पटाखे के फायदे
ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले नुकसानदायक कैमिकल नहीं होते. इसलिए इनकी मदद से वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा विकसित, ग्रीन पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में 30 फीसदी कम प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं.
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