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विशेषज्ञों ने बताया, गर्मी और लू से कैसे करें बचाव...

गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में गर्म हवाओं के थपेड़ों से परेशान होना वाजिब है. कुछ ही दिनों में सूरज की तपती गर्मी और तेज हवाओं की वजह से लोग घरों से बाहर निकलना कम कर देंगे. इस मौसम में लू लगने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. ऐसे में लू से बचाव करना बहुत जरूरी होता है.

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Published : Apr 11, 2021, 4:39 PM IST

गर्मी और लू से कैसे करें बचाव...
गर्मी और लू से कैसे करें बचाव...

लखनऊ: मार्च के माह से ही उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पढ़ना शुरू हो गई है. गर्मी की वजह से लोग काफी परेशान हैं. अचानक बढ़ने वाली गर्मी से लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. मौसम विज्ञान विभाग ने कुछ जिलों में गर्म हवाएं चलने की चेतावनी भी जारी की है. आम जनमानस भीषण गर्मी से जूझ रहा है और बचाव के लिए लोगों ने सूती गमछा का प्रयोग शुरू कर दिया है. वहीं महिलाएं भी गर्मी से बचाव के लिए चेहरे को सूती कपड़े से बांधती नजर आ रही हैं.

जानकारी देते मौसम वैज्ञानिक.

प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद लोग अपने रोजगार के लिए सड़कों पर निकल रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस बार मार्च माह से ही भीषण गर्मी शुरू हो गई है, लेकिन नौकरी या अन्य जरूरी कामों के लिए उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है. धूप से बचाव के लिए सूती कपड़ों का इस्तेमाल चेहरा ढकने के लिए कर रहे हैं. इस मौसम में खीरा, ककड़ी जैसे फलों का सेवन करने के साथ ही समय-समय पर पानी का भी सेवन कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस बार मार्च माह से ही गर्मी शुरू हो गई है. आने वाले मई माह तक भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है.

मौसम वैज्ञानिक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में अभी तापमान सामान्य से एक या दो डिग्री अधिक है. अभी किसी भी जिले में लू नहीं चल रही है. मई माह आते-आते तापमान में सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी, जिसके बाद चलने वाली हवाएं हीटवेव बन जाएंगी. यह गर्म हवाएं आम जनमानस के लिए अत्यधिक घातक होती हैं.

सरोजिनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. अजहर ने बताया कि गर्म हवा लगने से हीट स्ट्रोक पड़ जाता है, जिससे मरीज के शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने लगता है और शरीर में फ्लूड की कमी हो जाती है, जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस भी कहा जाता है. इस बीमारी में बीमार व्यक्ति के शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने लगता है और उसके शरीर में सोडियम, पोटेशियम जैसे तत्वों की कमी हो जाती है. ऐसी स्थिति में बीमार व्यक्ति को तुरंत ही चिकित्सीय सहायता के लिए हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. हीट स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति के इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

डॉक्टर ने बताया कि गर्मी के मौसम में तरबूज, खरबूज और खीरे का सेवन अधिक करना चाहिए. वहीं घरों में नींबू पानी, नमक पानी का घोल का सेवन लगातार करते रहना चाहिए. इस मौसम में सूती कपड़ों का प्रयोग लाभदायक होता है. सूती कपड़ों का प्रयोग अवश्य करें. ज्यादातर फुल बाह के कपड़े पहनने चाहिए. शरीर की किसी भी त्वचा पर सीधे सूरज की रोशनी नहीं पड़नी चाहिए. गर्म हवाओं का सीधा संपर्क त्वचा से होने पर हीट स्ट्रोक की संभावनाएं अधिक होती है.

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में 1 हफ्ते का अनुमानित तापमान

शहरन्यूनतम तापमान
(डिग्री सेल्सियस)
अधिकतम तापमान
(डिग्री सेल्सियस)
लखनऊ 2241
कानपुर1940
मुजफ्फरनगर1838
वाराणसी2340
बांदा2244
गोरखपुर2240
आगरा2141
अलीगढ़1939
मेरठ1839
झांसी2343
प्रयागराज2342

लखनऊ: मार्च के माह से ही उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पढ़ना शुरू हो गई है. गर्मी की वजह से लोग काफी परेशान हैं. अचानक बढ़ने वाली गर्मी से लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. मौसम विज्ञान विभाग ने कुछ जिलों में गर्म हवाएं चलने की चेतावनी भी जारी की है. आम जनमानस भीषण गर्मी से जूझ रहा है और बचाव के लिए लोगों ने सूती गमछा का प्रयोग शुरू कर दिया है. वहीं महिलाएं भी गर्मी से बचाव के लिए चेहरे को सूती कपड़े से बांधती नजर आ रही हैं.

जानकारी देते मौसम वैज्ञानिक.

प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद लोग अपने रोजगार के लिए सड़कों पर निकल रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस बार मार्च माह से ही भीषण गर्मी शुरू हो गई है, लेकिन नौकरी या अन्य जरूरी कामों के लिए उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ रहा है. धूप से बचाव के लिए सूती कपड़ों का इस्तेमाल चेहरा ढकने के लिए कर रहे हैं. इस मौसम में खीरा, ककड़ी जैसे फलों का सेवन करने के साथ ही समय-समय पर पानी का भी सेवन कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि इस बार मार्च माह से ही गर्मी शुरू हो गई है. आने वाले मई माह तक भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है.

मौसम वैज्ञानिक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में अभी तापमान सामान्य से एक या दो डिग्री अधिक है. अभी किसी भी जिले में लू नहीं चल रही है. मई माह आते-आते तापमान में सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी, जिसके बाद चलने वाली हवाएं हीटवेव बन जाएंगी. यह गर्म हवाएं आम जनमानस के लिए अत्यधिक घातक होती हैं.

सरोजिनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. अजहर ने बताया कि गर्म हवा लगने से हीट स्ट्रोक पड़ जाता है, जिससे मरीज के शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने लगता है और शरीर में फ्लूड की कमी हो जाती है, जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस भी कहा जाता है. इस बीमारी में बीमार व्यक्ति के शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने लगता है और उसके शरीर में सोडियम, पोटेशियम जैसे तत्वों की कमी हो जाती है. ऐसी स्थिति में बीमार व्यक्ति को तुरंत ही चिकित्सीय सहायता के लिए हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. हीट स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति के इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

डॉक्टर ने बताया कि गर्मी के मौसम में तरबूज, खरबूज और खीरे का सेवन अधिक करना चाहिए. वहीं घरों में नींबू पानी, नमक पानी का घोल का सेवन लगातार करते रहना चाहिए. इस मौसम में सूती कपड़ों का प्रयोग लाभदायक होता है. सूती कपड़ों का प्रयोग अवश्य करें. ज्यादातर फुल बाह के कपड़े पहनने चाहिए. शरीर की किसी भी त्वचा पर सीधे सूरज की रोशनी नहीं पड़नी चाहिए. गर्म हवाओं का सीधा संपर्क त्वचा से होने पर हीट स्ट्रोक की संभावनाएं अधिक होती है.

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में 1 हफ्ते का अनुमानित तापमान

शहरन्यूनतम तापमान
(डिग्री सेल्सियस)
अधिकतम तापमान
(डिग्री सेल्सियस)
लखनऊ 2241
कानपुर1940
मुजफ्फरनगर1838
वाराणसी2340
बांदा2244
गोरखपुर2240
आगरा2141
अलीगढ़1939
मेरठ1839
झांसी2343
प्रयागराज2342
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