लखनऊ : देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अकेले लखनऊ में संक्रमितों की संख्या हजारों में पहुंच चुकी है. यहां लाशें जलाने के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही है. दूसरी ओर, कोरोना संक्रमित मरीजों को मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसके चलते अधिकतर मरीजों की मौत हो रही है.
इसी बीच लखनऊ में किन्नर समाज की अध्यक्ष प्रियंका सिंह रघुवंशी द्वारा संचालित शिव फाउंडेशन संस्था सामने आयी है जो लोगों की लगातार मदद कर रही है. इस संस्था द्वारा लगातार लोगों को दवा और एंबुलेंस उपलब्ध कराया जा रहा है. उनकी संस्था जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के शवों का दाह-संस्कार भी करवा रही है. लोगों की मदद के दौरान प्रियंका खुद भी बीमार हो गईं हैं. एक दिन पहले ही उन्होंने आरटी-पीसीआर के लिए सैंपल दिया है. इसकी रिपोर्ट का इंतजार है..एक रिपोर्ट.
मरीजों को उपलब्ध करायी नि:शुल्क एंबुलेंस
संस्था द्वारा कोरोना संक्रमितों को नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराई जा रही है. इससे गरीब व असहाय लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद मिल रही है. उनके द्वारा कारोना मरीजों को 248 ऑक्सीजन सिलेंडर नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए गए हैं. शिव फाउंडेशन की ओर से इसके लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है.
फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रियंका सिंह रघुवंशी ने बताया कि गरीबों की मदद के लिए उन्होंने एंबुलेंस खरीदी और 248 ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे. बताया कि आज जब अस्पतालों के बाहर मरीज तड़प के मर रहे हैं और तीमारदार परेशान हो रहे हैं, उनकी संस्था पिछले डेढ़ साल से कोरोना संक्रमित लोगों के लिए कार्य कर रही है.
कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि लोगों की मदद की जाए. एंबुलेंस और ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत ना हो. बताया कि अपने इस अभियान में उनकी संस्था ने न ही प्रशासन की मदद ली और न ही सरकार से कोई मदद मांगी. बताया कि यह उनकी खुद की कमाई का एक हिस्सा है जिसे वह जरूरतमंदों की मदद में लगा रहीं हैं.
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नहीं बनातीं वीडियो
वह बतातीं हैं कि शुरुआत में उन्होंने एक वीडियो बनाकर अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था. लोगों के कमेंट की वजह से उन्होंने उस वीडियो को डिलीट कर दिया. इसके बाद से वह जब भी किसी की मदद करतीं हैं तो इस पुनीत कार्य की पब्लिसिटी के लिए विडियो या फोटो नहीं बनातीं.
कहा कि अपनी पब्लिसिटी के लिए नहीं बल्कि लोगों की मदद और उन्हें जागरूक करने के लिए उन्होंने वह वीडियो बनाया था ताकि लोग संस्था के बारे में जानें और अधिक से अधिक उनके पास आएं. पर लोगों ने उसे गलत समझा. इस लिए अब हर तरह की पब्लिसिटी बंद.
कहा, 'फिलहाल हमें किसी पहचान की जरूरत नहीं है. अब हमारे काम से ही हमारी संस्था पहचानी जाती है. जरूरतमंद लोग फोन करके खुद एंबुलेंस व ऑक्सीजन की मदद मांगते हैं. उनकी मदद करके दिल से खुशी होती है'.