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चीफ सेक्रेटरी ने की समीक्षा बैठक, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर खेल, लोक शिकायत और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग आदि के कार्यों की समीक्षा की.

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Published : May 4, 2023, 9:27 AM IST

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लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ खेल, लोक शिकायत और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग आदि के कार्यों की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 25 मई से प्रारंभ हो रहे हैं. पांच मई को लखनऊ में गेम्स के लोगो, मैस्कॉट व एंथम की लांचिंग होगी तथा तीन जून को वाराणसी में गेम्स का समापन होगा.


विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों में गेम्स के अंतर्गत मशाल रैली निकालने का निर्णय लिया गया है. रैली पांच मई को लखनऊ से चारों दिशाओं में निकाली जाएगी, जो सभी जनपदों से गुजरेगी. सभी जिलाधिकारी मशाल रैली के स्वागत एवं सुरक्षा का समुचित प्रबंध सुनिश्चित कराएंगे. मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश में एक मूवमेंट बिल्ड करना है, हर शहर को पता चलना चाहिए कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाए. मशाल रैली में प्रतिभाग करने हेतु जनपद के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाए. मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा भी इस रैली में प्रतिभाग किया जाए और वह स्वयं भी मशाल को लेकर कुछ दूर तक चलें. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा सकता है. राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगितायें प्रदेश के 4 शहरों-लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी, गोरखपुर में हो रही है.

इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये देश भर से 4705 एथलीट्स, 941 सपोर्ट स्टाफ, 1500 वॉलिंटियर कुल मिलाकर 7-8 हजार लोग प्रदेश में आएंगे. गेम्स के दौरान 4 जिलों की विशेष जिम्मेदारी है कि शहर की सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे. आयोजन स्थल पर विद्युत सप्लाई सुचारु रहे. उन्होंने कहा कि लोगों को बदलते उत्तर प्रदेश से परिचित कराने के लिए यह प्रतियोगिता एक अच्छा अवसर है। जिस प्रकार से जी-20 की बैठक हेतु चयनित शहरों में सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया गया था, उसी प्रकार से गोरखपुर में भी सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जाए. यह कार्य परमानेन्ट नेचर का होना चाहिए. इसके अलावा लखनऊ व वाराणसी में जी-20 की बैठकों के दौरान कराए गए सौन्दर्यीकरण कार्यों को और बेहतर (इम्प्रूव) किया जाए, ताकि लोग प्रदेश में हो रहे बदलाव को महसूस कर सकें और प्रदेश की अच्छी व सकारात्मक छवि लेकर जाएं.

समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में प्राप्त होने वाली शिकायतों के गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण के आधार पर जनपदों की रैंकिंग की जाती है. जिसकी समय-समय पर मुख्यमंत्र द्वारा भी समीक्षा की जाती है. अतः आईजीआरएस पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता के साथ समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए. जनपद में शिकायकर्ताओं की समस्याओं को सुनने के लिए निर्धारित समय पर अधिकारी कार्यालय में बैठें. इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए.


नगर निकाय चुनावों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद से गड़बड़ी की शिकायतें नहीं आनी चाहिए. चुनाव को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए पूरी सजगता से कार्य करें. उन्होंने आईसीडीएस द्वारा चलाए जा रहे ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान’ की जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान 30 जून तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर में गिरावट हेतु केवल स्तनपान आवश्यक है. गर्मियों मे शिशु को पानी पिलाने के कारण स्तनपान बाधित होता है. जिससे शिशु में संक्रमण व बीमारियां होने की संभावना होती है. छह माह तक के शिशुओं के लिए केवल स्तनपान ही कराना चाहिए, पानी भी नहीं पिलाना चाहिए. अभियान के दौरान विभागीय कनवर्जेन्स के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार व विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इस बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए.

कमिश्नर डीएम के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार व बाजरा की खरीद की समीक्षा की


मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार व बाजरा की खरीद की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित किए जाएं. इस कार्य में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाए. किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. गेहूं खरीद बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर कोई अच्छी रणनीति भी अपना सकते हैं. कहा कि गेहूं खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन में प्रगति लाई जाए. क्रियाशील क्रय केंद्र समय से खुले, सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो और सही से खरीदारी हो इसका भी समय समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाए. समस्त केन्द्र प्रभारियों की प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्य रूप से समीक्षा की जाए. क्रय के उपरांत किसानों को 3 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम चल रहे बाजार भाव वाली मंडियों में नए क्रय केन्द्र खोलकर उस क्षेत्र के किसानों को उचित मूल्य दिलाया जाए. बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 6000 क्रय केन्द्र के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 5729 क्रय केन्द्रों को अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है. 1 लाख 48 हजार 389 कृषकों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया है. जिसमें से 1 लाख 21 हजार 950 सत्यापन हो चुका है. 4381 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 31 हजार 105 किसानों से 1.37 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई और 240.65 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया.

बैठक में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर कई प्रमुख फीडबैक भी मिले हैं. शिकायत के ठीक ढंग से निस्तारण न होने और जनता की संतुष्टि को लेकर चीफ सेक्रेटरी ने नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों का निस्तारण ठीक ढंग से किया जाए और जनता को संतुष्ट करना ही सरकार का मकसद है. उन्होंने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री की योगी आदित्यनाथ के स्तर पर होती है. ऐसे में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अप्रैल महीने में शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेने का काम किया गया तो पता चला कि 25 फीसदी शिकायत करता ही उनकी शिकायतों का निस्तारण से संतुष्ट हैं. जबकि शिकायतों के निस्तारण में अब सरकार कई महत्वपूर्ण बदलाव भी करेगी. साथ ही सीएम कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर शिकायतों के निस्तारण में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार की गई है. अप्रैल में करीब 6:30 लाख शिकायतें आई थी. जिसमें सरकार ने करीब 3.5 लाख से अधिक शिकायतों का फीडबैक लिया, जिसमें यह बात सामने आई थी. शिकायतों का निस्तारण तो हुआ, लेकिन एक चौथाई लोग ही संतुष्ट हुए हैं. इसमें और किस प्रकार से सुधार किया जा सकता है. इसको लेकर काफी कुछ बदलाव किए जाने हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी निकाय चुनाव: बीजेपी की मांग, बुर्कानशीं महिलाओं की मतदान से पहले की जाए पहचान

लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ खेल, लोक शिकायत और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग आदि के कार्यों की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 25 मई से प्रारंभ हो रहे हैं. पांच मई को लखनऊ में गेम्स के लोगो, मैस्कॉट व एंथम की लांचिंग होगी तथा तीन जून को वाराणसी में गेम्स का समापन होगा.


विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों में गेम्स के अंतर्गत मशाल रैली निकालने का निर्णय लिया गया है. रैली पांच मई को लखनऊ से चारों दिशाओं में निकाली जाएगी, जो सभी जनपदों से गुजरेगी. सभी जिलाधिकारी मशाल रैली के स्वागत एवं सुरक्षा का समुचित प्रबंध सुनिश्चित कराएंगे. मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश में एक मूवमेंट बिल्ड करना है, हर शहर को पता चलना चाहिए कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाए. मशाल रैली में प्रतिभाग करने हेतु जनपद के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाए. मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा भी इस रैली में प्रतिभाग किया जाए और वह स्वयं भी मशाल को लेकर कुछ दूर तक चलें. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा सकता है. राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगितायें प्रदेश के 4 शहरों-लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी, गोरखपुर में हो रही है.

इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये देश भर से 4705 एथलीट्स, 941 सपोर्ट स्टाफ, 1500 वॉलिंटियर कुल मिलाकर 7-8 हजार लोग प्रदेश में आएंगे. गेम्स के दौरान 4 जिलों की विशेष जिम्मेदारी है कि शहर की सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे. आयोजन स्थल पर विद्युत सप्लाई सुचारु रहे. उन्होंने कहा कि लोगों को बदलते उत्तर प्रदेश से परिचित कराने के लिए यह प्रतियोगिता एक अच्छा अवसर है। जिस प्रकार से जी-20 की बैठक हेतु चयनित शहरों में सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया गया था, उसी प्रकार से गोरखपुर में भी सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जाए. यह कार्य परमानेन्ट नेचर का होना चाहिए. इसके अलावा लखनऊ व वाराणसी में जी-20 की बैठकों के दौरान कराए गए सौन्दर्यीकरण कार्यों को और बेहतर (इम्प्रूव) किया जाए, ताकि लोग प्रदेश में हो रहे बदलाव को महसूस कर सकें और प्रदेश की अच्छी व सकारात्मक छवि लेकर जाएं.

समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में प्राप्त होने वाली शिकायतों के गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण के आधार पर जनपदों की रैंकिंग की जाती है. जिसकी समय-समय पर मुख्यमंत्र द्वारा भी समीक्षा की जाती है. अतः आईजीआरएस पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता के साथ समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए. जनपद में शिकायकर्ताओं की समस्याओं को सुनने के लिए निर्धारित समय पर अधिकारी कार्यालय में बैठें. इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए.


नगर निकाय चुनावों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद से गड़बड़ी की शिकायतें नहीं आनी चाहिए. चुनाव को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए पूरी सजगता से कार्य करें. उन्होंने आईसीडीएस द्वारा चलाए जा रहे ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान’ की जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान 30 जून तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर में गिरावट हेतु केवल स्तनपान आवश्यक है. गर्मियों मे शिशु को पानी पिलाने के कारण स्तनपान बाधित होता है. जिससे शिशु में संक्रमण व बीमारियां होने की संभावना होती है. छह माह तक के शिशुओं के लिए केवल स्तनपान ही कराना चाहिए, पानी भी नहीं पिलाना चाहिए. अभियान के दौरान विभागीय कनवर्जेन्स के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार व विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इस बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए.

कमिश्नर डीएम के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार व बाजरा की खरीद की समीक्षा की


मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार व बाजरा की खरीद की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित किए जाएं. इस कार्य में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाए. किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. गेहूं खरीद बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर कोई अच्छी रणनीति भी अपना सकते हैं. कहा कि गेहूं खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन में प्रगति लाई जाए. क्रियाशील क्रय केंद्र समय से खुले, सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो और सही से खरीदारी हो इसका भी समय समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाए. समस्त केन्द्र प्रभारियों की प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्य रूप से समीक्षा की जाए. क्रय के उपरांत किसानों को 3 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम चल रहे बाजार भाव वाली मंडियों में नए क्रय केन्द्र खोलकर उस क्षेत्र के किसानों को उचित मूल्य दिलाया जाए. बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 6000 क्रय केन्द्र के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 5729 क्रय केन्द्रों को अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है. 1 लाख 48 हजार 389 कृषकों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया है. जिसमें से 1 लाख 21 हजार 950 सत्यापन हो चुका है. 4381 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 31 हजार 105 किसानों से 1.37 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई और 240.65 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया.

बैठक में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर कई प्रमुख फीडबैक भी मिले हैं. शिकायत के ठीक ढंग से निस्तारण न होने और जनता की संतुष्टि को लेकर चीफ सेक्रेटरी ने नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों का निस्तारण ठीक ढंग से किया जाए और जनता को संतुष्ट करना ही सरकार का मकसद है. उन्होंने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री की योगी आदित्यनाथ के स्तर पर होती है. ऐसे में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अप्रैल महीने में शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेने का काम किया गया तो पता चला कि 25 फीसदी शिकायत करता ही उनकी शिकायतों का निस्तारण से संतुष्ट हैं. जबकि शिकायतों के निस्तारण में अब सरकार कई महत्वपूर्ण बदलाव भी करेगी. साथ ही सीएम कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर शिकायतों के निस्तारण में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार की गई है. अप्रैल में करीब 6:30 लाख शिकायतें आई थी. जिसमें सरकार ने करीब 3.5 लाख से अधिक शिकायतों का फीडबैक लिया, जिसमें यह बात सामने आई थी. शिकायतों का निस्तारण तो हुआ, लेकिन एक चौथाई लोग ही संतुष्ट हुए हैं. इसमें और किस प्रकार से सुधार किया जा सकता है. इसको लेकर काफी कुछ बदलाव किए जाने हैं.

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