लखनऊ : खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन में अपने लखनऊ के ऐतिहासिक केडी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ यूनिवर्सिटी के मैदानों के साथ छल हो गया है. प्राइवेट यूनिवर्सिटी बाबू बनारसी दास में तमाम खेलों के आयोजन किए जा रहे हैं. यहां तक कि प्रतिष्ठित खेलों के उद्घाटन समारोह का आयोजन भी बीबीडी यूनिवर्सिटी के क्रिकेट ग्राउंड में हो रहा है, मगर केडी सिंह बाबू स्टेडियम और यूनिवर्सिटी ग्राउंड में एक भी खेल का आयोजन नहीं किया जाएगा. लंबे समय से इन खेलों का एलान हो चुका था. इसके बावजूद प्रतिष्ठित सरकारी खेल मैदानों को एक भी आयोजन का अवसर लखनऊ में नहीं मिल रहा. जिसका जवाब उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय के अधिकारियों के पास में नहीं है. वे कह रहे हैं कि केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अनेक खेलों के लिए नए निर्माण किए जा रहे हैं, मगर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स पहले इन निर्माणों को क्यों नहीं पूरा किया गया, इसका जवाब उनके पास नहीं है.
बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (बीबीडी) एक निजी विश्वविद्यालय है. इसके बावजूद खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम के सबसे बड़े आयोजन खेल गांव का निर्माण इसी विश्वविद्यालय में किए जाने पर बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी ग्राउंड क्रिकेट स्टेडियम में उद्घाटन समारोह का आयोजन आज शाम को किया जा रहा है. पूरे देश के 200 विश्वविद्यालयों से करीब 4000 से अधिक खिलाड़ी इन खेलों में भाग ले रहे हैं. लखनऊ के अलावा गोरखपुर वाराणसी हो गौतम बुध नगर में भी खेल आयोजन किए जा रहे हैं. लखनऊ के साई सेंटर, बीबीडी बैडमिंटन, बीबीडी विश्वविद्यालय, गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट कॉलेज, गोमती नगर के हॉकी स्टेडियम कोई ना योजनाओं के लिए जरूर चुना गया है, मगर केडी सिंह बाबू स्टेडियम पहले की तरह सुना पड़ा है. यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों से लेकर कई अन्य खेलों की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं. यहां अनेक खेलों के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. इसके बावजूद यहां एक भी आयोजन ना होना आयोजकों की मंशा पर सवाल उठा रहा है.
केडी सिंह बाबू स्टेडियम की ही नहीं है. इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के पास भी अपने ग्राउंड हैं. राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय खेल होने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय को भी किसी खेल की मेजबानी नहीं दी गई है. ना ही समय रहते हैं यहां पर खेल भी व्यवस्था में सुधार किया गया है. ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय जो अपने 100 साल पूरे कर चुका है उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय ने उसके साथ भी सौतेला व्यवहार किया है. इस बारे में उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डॉ आरपी सिंह ने बताया कि पहले हम लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम को तैराकी प्रतियोगिता के लिए मेजबानी दे रहे थे. मगर स्विमिंग पूल का काम अधूरा होने की वजह से यह नहीं हो सका. केडी सिंह बाबू स्टेडियम में एथलेटिक्स का ट्रैक भी बनाया जाना है. कई काम हो रहे हैं और भविष्य में यहां भी बड़े खेलों की मेजबानी होगी. मगर निजी विश्वविद्यालय को इतना महत्व क्यों दिया गया इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है.
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