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लखनऊः शोध संस्थानों के साथ मिलकर KGMU करेगा कोरोना वायरस पर रिसर्च - केजीएमयू करेगा कोरोना पर रिसर्च

पूरी दुनिया के लिए अबूझ पहेली बन चुके कोरोना की गुत्थी सुलझाने के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू ने एक पहल की है. संस्थान ने कोरोना वायरस के लिए शोध को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है. इसके तहत शोधार्थियों को 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे. संस्थान के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.

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केजीएमयू
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Published : Apr 19, 2020, 10:11 AM IST

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना संक्रमण पर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए शोध समिति का गठन किया गया है. संस्थान के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट की अध्यक्षता में केजीएमयू के ब्राउन हॉल में शनिवार को इससे जुड़ी बैठक की गई. बैठक में रिसर्च से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए बनी गाइडलाइन को मंजूरी मिली है. इसके साथ ही केजीएमयू रिसर्च सेल ने कोरोना संक्रमण से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क के लिए शोधार्थियों को 5 लाख रुपये तक के अनुदान का निर्णय लिया है.

प्लाज्मा थेरेपी पर भी होगा रिसर्च
कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए दवाइयां बनाने और संक्रमित क्षेत्रों के सैनिटाइजेशन के लिए इलेक्ट्रॉन गन के उत्पादन के लिए सीडीआरआई, एनबीआरआई और आयुष विभाग के साथ केजीएमयू ने एमओयू भी हस्ताक्षर किया है. ऐसे में इन संस्थानों के साथ मिलकर काम करने और उसके सकारात्मक पहलुओं पर भी इस बैठक में चर्चा की गई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि केजीएमयू में भर्ती कोरोना संक्रमण से प्रभावित गंभीर मरीजों के लिए वैक्सीन निर्माण और इसके निदान के लिए किए जाने वाले परीक्षणों जैसे प्लाजमा थेरेपी के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से रिसर्च और कार्य किया जाएगा.

बैठक में ये लोग रहे शामिल
शोध समिति की बैठक में केजीएमयू रिसर्च सेल के डीन प्रोफेसर आरके गर्ग, प्रो. वीसी, प्रो. जी.पी. सिंह, दंत संकाय के डीन अनिल चंद्रा, मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीके दलाल, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता जैन, बायो केमिस्ट्री विभाग के हेड प्रो. मेहंदी, प्रो. अनूप वर्मा, पलमोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. राजीव, प्रो. एसके सिंह, प्रो. एसके सक्सेना,प्रो. बालेंद्र सिंह, प्रो. पारुल जैन और डॉ. अतिन सिंघाई उपस्थित रहे.

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना संक्रमण पर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए शोध समिति का गठन किया गया है. संस्थान के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट की अध्यक्षता में केजीएमयू के ब्राउन हॉल में शनिवार को इससे जुड़ी बैठक की गई. बैठक में रिसर्च से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए बनी गाइडलाइन को मंजूरी मिली है. इसके साथ ही केजीएमयू रिसर्च सेल ने कोरोना संक्रमण से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क के लिए शोधार्थियों को 5 लाख रुपये तक के अनुदान का निर्णय लिया है.

प्लाज्मा थेरेपी पर भी होगा रिसर्च
कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए दवाइयां बनाने और संक्रमित क्षेत्रों के सैनिटाइजेशन के लिए इलेक्ट्रॉन गन के उत्पादन के लिए सीडीआरआई, एनबीआरआई और आयुष विभाग के साथ केजीएमयू ने एमओयू भी हस्ताक्षर किया है. ऐसे में इन संस्थानों के साथ मिलकर काम करने और उसके सकारात्मक पहलुओं पर भी इस बैठक में चर्चा की गई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि केजीएमयू में भर्ती कोरोना संक्रमण से प्रभावित गंभीर मरीजों के लिए वैक्सीन निर्माण और इसके निदान के लिए किए जाने वाले परीक्षणों जैसे प्लाजमा थेरेपी के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से रिसर्च और कार्य किया जाएगा.

बैठक में ये लोग रहे शामिल
शोध समिति की बैठक में केजीएमयू रिसर्च सेल के डीन प्रोफेसर आरके गर्ग, प्रो. वीसी, प्रो. जी.पी. सिंह, दंत संकाय के डीन अनिल चंद्रा, मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीके दलाल, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता जैन, बायो केमिस्ट्री विभाग के हेड प्रो. मेहंदी, प्रो. अनूप वर्मा, पलमोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. राजीव, प्रो. एसके सिंह, प्रो. एसके सक्सेना,प्रो. बालेंद्र सिंह, प्रो. पारुल जैन और डॉ. अतिन सिंघाई उपस्थित रहे.

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