लखनऊ: कुछ बीमारियों को लेकर समाज में कुछ ऐसी भ्रांतियां फैली होती हैं, जिसको मिटाने के लिए एक लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन बीमारियों के भ्रम से न केवल मरीज बल्कि डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं. पाइल्स की बीमारी के प्रति फैली भ्रम और तमाम तरह के इलाज के तरीकों की सत्यता को बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिससे आम लोगों समेत डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ को भी इस बीमारी की भ्रांतियों के बारे में पता चल सके.
- केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा पाइल्स की बीमारी पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
- यह कार्यक्रम 20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर किया जाएगा.
- इस दिन पर पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के साथ विद्यार्थियों के लिए भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.
- इस अवसर पर पाइल्स डे की थीम पर आधारित पोस्टर कंपटीशन और अन्य प्रतियोगिताएं भी की जाएंगी.
- इससे हॉस्पिटल स्टाफ में भी इसके प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा.
- यह बीमारी 30 वर्ष की आयु के बाद के लोगों को अधिक होती है, लेकिन कभी-कभार बच्चों को भी यह बीमारी हो जाती है.
पाइल्स की बीमारी बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. हमारे पास 80 से 85 फीसदी ऐसे लोग इस बीमारी से ग्रसित आते हैं जो पहले से ही कहीं न कहीं ट्रीटमेंट करवा चुके होते हैं. इसके अलावा लोग इस भ्रम में भी जीते हैं कि इस ट्रीटमेंट में सिर्फ ऑपरेशन ही किया जाएगा, जबकि हम पहले मेडिकेशन और फिर जीवनशैली में परिवर्तन करके मरीज की इस बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं.
-डॉ. अरशद अहमद, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी