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लखनऊ: पाइल्स पर फैले भ्रम को मिटाने के लिए केजीएमयू करेगा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन - लखनऊ की खबरें

यूपी की राजधानी में स्थित केजीएमयू पाइल्स की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. यह कार्यक्रम केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा किया जाएगा.

केजीएमयू करेगा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Nov 19, 2019, 4:53 PM IST

लखनऊ: कुछ बीमारियों को लेकर समाज में कुछ ऐसी भ्रांतियां फैली होती हैं, जिसको मिटाने के लिए एक लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन बीमारियों के भ्रम से न केवल मरीज बल्कि डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं. पाइल्स की बीमारी के प्रति फैली भ्रम और तमाम तरह के इलाज के तरीकों की सत्यता को बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिससे आम लोगों समेत डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ को भी इस बीमारी की भ्रांतियों के बारे में पता चल सके.

केजीएमयू करेगा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन.
केजीएमयू चलाएगा जन जागरूकता कार्यक्रम
  • केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा पाइल्स की बीमारी पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
  • यह कार्यक्रम 20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर किया जाएगा.
  • इस दिन पर पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के साथ विद्यार्थियों के लिए भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.
  • इस अवसर पर पाइल्स डे की थीम पर आधारित पोस्टर कंपटीशन और अन्य प्रतियोगिताएं भी की जाएंगी.
  • इससे हॉस्पिटल स्टाफ में भी इसके प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • यह बीमारी 30 वर्ष की आयु के बाद के लोगों को अधिक होती है, लेकिन कभी-कभार बच्चों को भी यह बीमारी हो जाती है.

पाइल्स की बीमारी बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. हमारे पास 80 से 85 फीसदी ऐसे लोग इस बीमारी से ग्रसित आते हैं जो पहले से ही कहीं न कहीं ट्रीटमेंट करवा चुके होते हैं. इसके अलावा लोग इस भ्रम में भी जीते हैं कि इस ट्रीटमेंट में सिर्फ ऑपरेशन ही किया जाएगा, जबकि हम पहले मेडिकेशन और फिर जीवनशैली में परिवर्तन करके मरीज की इस बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं.
-डॉ. अरशद अहमद, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी

लखनऊ: कुछ बीमारियों को लेकर समाज में कुछ ऐसी भ्रांतियां फैली होती हैं, जिसको मिटाने के लिए एक लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन बीमारियों के भ्रम से न केवल मरीज बल्कि डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं. पाइल्स की बीमारी के प्रति फैली भ्रम और तमाम तरह के इलाज के तरीकों की सत्यता को बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिससे आम लोगों समेत डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ को भी इस बीमारी की भ्रांतियों के बारे में पता चल सके.

केजीएमयू करेगा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन.
केजीएमयू चलाएगा जन जागरूकता कार्यक्रम
  • केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा पाइल्स की बीमारी पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
  • यह कार्यक्रम 20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर किया जाएगा.
  • इस दिन पर पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के साथ विद्यार्थियों के लिए भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.
  • इस अवसर पर पाइल्स डे की थीम पर आधारित पोस्टर कंपटीशन और अन्य प्रतियोगिताएं भी की जाएंगी.
  • इससे हॉस्पिटल स्टाफ में भी इसके प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • यह बीमारी 30 वर्ष की आयु के बाद के लोगों को अधिक होती है, लेकिन कभी-कभार बच्चों को भी यह बीमारी हो जाती है.

पाइल्स की बीमारी बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. हमारे पास 80 से 85 फीसदी ऐसे लोग इस बीमारी से ग्रसित आते हैं जो पहले से ही कहीं न कहीं ट्रीटमेंट करवा चुके होते हैं. इसके अलावा लोग इस भ्रम में भी जीते हैं कि इस ट्रीटमेंट में सिर्फ ऑपरेशन ही किया जाएगा, जबकि हम पहले मेडिकेशन और फिर जीवनशैली में परिवर्तन करके मरीज की इस बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं.
-डॉ. अरशद अहमद, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी

Intro:लखनऊ। कुछ बीमारियों को लेकर समाज में कुछ ऐसी भ्रांतियां फैली होती है जिसको मिटाने के लिए एक लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है। इन बीमारियों के भ्रम से न केवल मरीज बल्कि डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं। पाइल्स की बीमारी के प्रति फैली भ्रम और तमाम तरह के इलाज के तरीकों की सत्यता को बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स अंतर्राष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं ताकि आम लोगों समेत डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ को भी इस बीमारी के भ्रांतियों के बारे में पता चल सके।


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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा पाइल्स की बीमारी पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। यह कार्यक्रम 20 नवंबर यानी अंतरराष्ट्रीय पाइल्स दिवस के अवसर पर किया जाएगा इसके बारे में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ अरशद अहमद ने बताया कि पाइल्स एक सामान्य बीमारी है जो किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है। सामान्यतया यह बीमारी मिडल एज के व्यक्तियों यानी 30 वर्ष की आयु के बाद के लोगों को अधिक होती है लेकिन बच्चों में भी इस बीमारी का इलाज किया गया है।

डॉ अरशद ने बताया कि इस बीमारी के होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में शारीरिक कार्य करने की शैली खत्म होती जा रही है। लंबे समय तक बैठकर काम करने और सही खानपान न होने की वजह से यह बीमारी अधिक होती जा रही है और लगातार इसके मरीज बढ़ रहे हैं।

डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी से डॉक्टर अमित ने बताया कि 20 नवंबर को हम जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत लोगों को इस डिपार्टमेंट में आकर फ्री परामर्श और बातचीत करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं इसके साथ ही इस दिन पर हम पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के साथ हमारे डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों के लिए भी कुछ प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं जिसमें पाइल्स डे की थीम पर आधारित कुछ पोस्टर कंपटीशन और अन्य प्रतियोगिताएं की जाएंगी ताकि हॉस्पिटल स्टाफ में भी इसके प्रति जागरूकता बढ़े।


Conclusion:डॉ अरशद ने बताया कि पाइल्स की बीमारी बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई है। हमारे पास 80 से 85% लोग इस बीमारी से ग्रसित ऐसे आते हैं जो पहले से ही कहीं ना कहीं ट्रीटमेंट करवा चुके होते हैं। इसके अलावा लोग इस भ्रम में भी जीते हैं कि इस ट्रीटमेंट में सिर्फ ऑपरेशन ही किया जाएगा जबकि हम पहले मेडिकेशन और फिर जीवनशैली में परिवर्तन करके मरीज में इस बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं।

बाइट - डॉ अरशद अहमद प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी केजीएमयू
बाइट- डॉ अमित डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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