ETV Bharat / state

मातृ मृत्यु दर रोकने को शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, केजीएमयू ने उठाया ये कदम

यूपी में मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू हो रही है. इसमें भाग लेने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ और इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट (आईएचएटी) के बीच बुधवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. जानें इस एमओयू से क्या फायदा होने वाला है.

केजीएमयू
केजीएमयू
author img

By

Published : Apr 1, 2021, 3:38 AM IST

लखनऊः यूपी में मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू हो रही है. इसमें भाग लेने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ और इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट (आईएचएटी) के बीच बुधवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इस परियोजना का प्रस्ताव इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गाइनकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स (एफआईजीओ) और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए ने किया है.

यह भी पढ़ेंः लोहिया संस्थान से 32 डॉक्टर हुए कार्यमुक्त, स्वास्थ्य विभाग में वापस

प्रशिक्षित होंगे चिकित्सा अधिकारी और कार्यकर्ता
केजीएमयू को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए एक प्रशिक्षण स्थल के रूप में चुना गया है. इसमें जिला अस्पतालों और सीएचसीएस के चिकित्सा अधिकारियों को साथ ही अन्य स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को पीपीएच बंडल एप्रोच द ओब्स्टेटिटिक्स और गायनेकोलॉजी विभाग, केजीएमयू के संकाय में प्रशिक्षित किया जाएगा. लखनऊ में मास्टर ट्रेनर नियुक्त होंगे. पीपीएच (प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव) के कारण हजारों प्रसूताओं की मृत्यु हो जाती है. इन मौतों को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

लखनऊः यूपी में मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू हो रही है. इसमें भाग लेने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ और इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट (आईएचएटी) के बीच बुधवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इस परियोजना का प्रस्ताव इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गाइनकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स (एफआईजीओ) और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए ने किया है.

यह भी पढ़ेंः लोहिया संस्थान से 32 डॉक्टर हुए कार्यमुक्त, स्वास्थ्य विभाग में वापस

प्रशिक्षित होंगे चिकित्सा अधिकारी और कार्यकर्ता
केजीएमयू को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए एक प्रशिक्षण स्थल के रूप में चुना गया है. इसमें जिला अस्पतालों और सीएचसीएस के चिकित्सा अधिकारियों को साथ ही अन्य स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को पीपीएच बंडल एप्रोच द ओब्स्टेटिटिक्स और गायनेकोलॉजी विभाग, केजीएमयू के संकाय में प्रशिक्षित किया जाएगा. लखनऊ में मास्टर ट्रेनर नियुक्त होंगे. पीपीएच (प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव) के कारण हजारों प्रसूताओं की मृत्यु हो जाती है. इन मौतों को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.