लखनऊ : ट्रॉमा सेंटर में बीती रात गंभीर मरीज को वेंटिलेटर बेड नहीं मिला. डॉक्टरों ने वेंटिलेटर खाली न होने की बात कही. इसी दौरान दलाल मरीज को फुसलाकर गोमतीनगर के निजी अस्पताल लेकर चले गए. 24 घंटे में 40 हजार का बिल थमा दिया. परिवारीजन परेशान हैं. इसी दौरान खुद को मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर बताने वाले राहुल ने मरीज के तीमारदार को फोन किया. मरीज को कैसरबाग के निजी अस्पताल में शिफ्ट कराने की सलाह दी. रोज का खर्च सात से आठ हजार रुपये बताए. तीमारदार व कथित डॉ. राहुल का ऑडियो गुरुवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ. केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
बीती रात लखनऊ निवासी हरीश कुमार को गंभीर अवस्था में परिवारीजन ट्रॉमा सेंटर लेकर आए. परिवारीजनों ने पर्चा बनवाया. मरीज को कैजुअल्टी में ले गए. यहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताई. वेंटिलेटर की जरूरत बताई, पर ट्रॉमा में वेंटिलेटर बेड खाली नहीं था. करीब एक घंटे परिवारीजन वेंटिलेटर बेड के लिए भटकते रहे. इसके बाद बेड नहीं मिला. इसी दौरान परिवारीजनों को काली टीशर्ट पहने युवक से भेंट हुई. उसने मरीज को गोमतीनगर के निजी अस्पताल में वेंटिलेटर दिलाने का वादा किया.
इसके बाद मरीज को एम्बुलेंस से लेकर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया. इसी दौरान परिवारीजनों के मोबाइल पर दूसरे दलाल ने फोन किया. उसने अपना नाम डॉ. राहुल बताया. खुद को मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर बताया. फोन पर उसने मरीज को कैसरबाग के पास निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने का वादा किया. कहा वहां बामुश्किल सात से आठ हजार रुपये खर्च आएगा. जबकि गोमतीनगर के निजी अस्पताल में 40 हजार रुपये रोज का खर्च आ रहा है. तीमारदार व राहुल का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें तीमारदारों ने राहुल को बताया कि निजी अस्पताल मरीज को डिस्चार्ज नहीं कर रहे हैं. केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जांच का दावा किया है. साथ ही डॉ. राहुल का ताल्लुक केजीएमयू से न होने की बात कही.
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