लखनऊ : व्यक्ति में अगर प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाए तो तमाम दिक्कत परेशानी हो सकती है. प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से कम होने से हमें सतर्क होना चाहिए. प्लेटलेट्स कम होने के चलते मरीज की जान जाने का भी संकट हो सकता है. यह बातें शनिवार को किंग चार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में आयोजित सीएमई के मुख्य अतिथि डॉ. ज्योतिर्मय पाल ने कहीं. एपीआई (यूपी चैप्टर और लखनऊ चैप्टर) के तहत मेडिसिन विभाग में शनिवार और रविवार को पीजी मेडिसिन अपडेट पर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. जिसकी अध्यक्षता प्रो. वीरेंद्र आतम और आयोजन सचिव डॉ. मेधावी गौतम कर रहे हैं. यह दो दिवसीय कार्यक्रम है. जिसमें पहले दिन वार्ड राउंड और ओपीडीएस के दौरान रेजीडेंट डॉक्टरों द्वारा विशेषज्ञों से प्रश्न उत्तर किए जाएंगे. जिसका जवाब विशेषज्ञों को देना होगा. केसीएच विभाग के डॉ. राजीव गर्ग ने कहा कि आईएलडी विशेष रूप से पोस्ट कोविड क्षेत्र में एक बढ़ती हुई इकाई है.
डॉ. एसके द्विवेदी ने आपातकाल में पेश होने वाले ईसीजी के वैल्यूएशन पैटर्न की व्याख्या करने और उन्हें जल्दी पहचानने और उनका इलाज करने के बारे में जानकारी साझी की. एसजीपीजीआई के डॉ. नारायण प्रसाद ने किडनी रोग के विभिन्न स्पेक्ट्रम के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि पेशाब में खून आना एक आपात स्थिति हो सकती है और उसी के अनुसार निपटा जाना चाहिए. प्रो. अमित गोयल ने वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में बताया. डॉ. अस्मीन अहमद ने उन गलतियों के बारे में बताया जो एक आईसीयू मरीज की रक्त रिपोर्ट की जांच करते समय जरूरी हैं. डॉ. हरदीप मल्होत्रा, डॉ. अखिल शर्मा, डॉ. अभिषेक, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. आनंद, डॉ. सर्वेश कुमार ने न्यूरोलॉजिकल रोग के साथ हृदय रोग से पीड़ित मरीज के बारे में चर्चा की.
सम्मेलन में पूरे उत्तर प्रदेश यूपी मेडिकल काउंसिल के लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस सीएमई को मान्यता प्राप्त तीन घंटे क्रेडिट रूप में प्रदान किया गया. सीएमई के मुख्य अतिथि डॉ. ज्योतिर्मय पाल रहे. उन्होंने इस तरह के इंटरैक्टिव और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मेडिसिन विभाग के प्रयासों की भी सराहना की. प्रो विनीत शर्मा, प्रो वाइस चांसलर और प्रो. एसएन शंखवार इस अवसर पर मौजूद रहे. मुख्य अतिथि डॉ. अशोक चंद्रा ने छात्रों को उनके दैनिक अभ्यास के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए. मेडिसिन विभाग के डॉ. सावलानी, डॉ. कौशल उस्मान, डॉ. चौधरी डॉ. सोनकर, डॉ. अजय ने छात्रों को ऐसे आयोजनों में नियमित रूप से भाग लेने और हमेशा ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया.
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