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ट्रॉमा सेंटर में न्यूरोलॉजी की इमरजेंसी फुल, मरीजों की लंबी वेटिंग

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में बीते दिनों न्यूरोलॉजी की इमरजेंसी शुरू की गई, लेकिन यह मरीजों को राहत देने की जगह उनका दर्द और बढ़ा रही है. न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल है और बाहर मरीज बेहोश पड़े हैं.

केजीएमयू के ट्रामा में न्यूरोलॉजी इमरजेंसी वार्ड फुल
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Published : Aug 30, 2019, 4:24 PM IST

लखनऊ: ट्रॉमा सेंटर में न्यूरोलॉजी विभाग की इमरजेंसी सेवा के लिए मरीजों को 30 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. मरीज इमरजेंसी के बाहर बेहोश हैं. उनकी सुध लेने वाला कोई चिकित्सक मौजूद नहीं है.

केजीएमयू के ट्रॉमा में न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल.

ये भी पढ़ें-लखनऊ: कृमि मुक्ति दिवस पर 14 लाख बच्चों को खिलाई गई कृमि नाशक डोज

न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल

  • मरीज 30 से 32 घंटों से चिकित्सा सेवा मिलने का इंतजार कर रहे.
  • उनका हाल तक पूछने वाला कोई मौजूद नहीं है.
  • यहां पर आने वाले मरीजों को 24 से 30 घंटों के इंतजार के बावजूद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है.
  • मरीज न्यूरो इमरजेंसी के बाहर ही स्ट्रेचर पर बेहोशी की हालत में पड़े हुए हैं.
  • ऐसे में गम्भीर मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है.
  • इसी तरह कई अलग-अलग जिलों से आए हुए मरीजों को तमाम दिक्कतें हैं.
  • इनमें प्रेम लता त्रिपाठी को पैरालाइसिस अटैक पड़ा है तो वहीं विवेक अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए यहां आया था.

लखनऊ: ट्रॉमा सेंटर में न्यूरोलॉजी विभाग की इमरजेंसी सेवा के लिए मरीजों को 30 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. मरीज इमरजेंसी के बाहर बेहोश हैं. उनकी सुध लेने वाला कोई चिकित्सक मौजूद नहीं है.

केजीएमयू के ट्रॉमा में न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल.

ये भी पढ़ें-लखनऊ: कृमि मुक्ति दिवस पर 14 लाख बच्चों को खिलाई गई कृमि नाशक डोज

न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल

  • मरीज 30 से 32 घंटों से चिकित्सा सेवा मिलने का इंतजार कर रहे.
  • उनका हाल तक पूछने वाला कोई मौजूद नहीं है.
  • यहां पर आने वाले मरीजों को 24 से 30 घंटों के इंतजार के बावजूद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है.
  • मरीज न्यूरो इमरजेंसी के बाहर ही स्ट्रेचर पर बेहोशी की हालत में पड़े हुए हैं.
  • ऐसे में गम्भीर मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है.
  • इसी तरह कई अलग-अलग जिलों से आए हुए मरीजों को तमाम दिक्कतें हैं.
  • इनमें प्रेम लता त्रिपाठी को पैरालाइसिस अटैक पड़ा है तो वहीं विवेक अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए यहां आया था.

Intro:
लखनऊ केजीएमयू ट्रामा सेंटर में बीते दिनों न्यूरोलॉजी की इमेरजेंसी शुरू की गई थी।लेकिन यह न्यूरोलॉजी इमेरजेंसी मरीजों को राहत देने की बजाय उनका दर्द और बढ़ा रही है। दरअसल न्यूरोलॉजी इमरजेंसी फुल है और बाहर मरीज बेहोश पड़े हैं। कई मरीज पिछले 30 से 32 घंटों से चिकित्सा सेवा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनका हाल तक पूछने वाला कोई मौजूद नहीं है।




Body:ट्रामा सेंटर में बनी न्यूरोलॉजी विभाग की इमेरजेंसी सेवा के लिए मरीजों को 30 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।मरीज इमेरजेंसी के बाहर बेहोश है उनकी सुध लेने वाले कोई चिकित्सक व डॉक्टर मौजूद नहीं है। ऐसे मे मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर आने वाले मरीजों को करें 24 से 30 घंटों की इंतजार के बावजूद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है और न्यूरो इमेरजेंसी के बाहर ही स्ट्रेचर पर बेहोशी की हालत में पड़े हुए है।हालात ऐसे हैं कि कोई भी चिकित्सक नहीं है ।जो बाहर बैठे हैं मरीजों का हाल जान सके। ऐसे में गम्भीर मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है। इसी तरह कई अलग-अलग जिलों से आए हुए मरीजों को तमाम दिक्कतें हैं। जिनमें प्रेम लता त्रिपाठी को पैरालाइसिस अटैक पड़ा है। तो वही बेटा विवेक अपनी मां को बेहतर इलाज के लिए यहां पर आए हुए थे।लेकिन उनको भी इलाज नहीं मिल सका। इस पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से भी बातचीत करी तो उन्होंने कहा ट्रामा में मरीजों की अधिकता ज्यादा रहती है इस वजह से इस तरह की दिक्कतें सामने आती है लेकिन इसके लिए भी वे मरीजों को मेडिसिन विभाग मे भेजकर बेहतर उपचार देने का प्रयास कर रहे हैं।

बाइट- तीमारदार
बाइट- तीमारदार
बाइट- डॉ एस एन शंखवार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, केजीएमयू




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7055605976
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