ETV Bharat / state

11 साल के बच्चे की खून की नसें फटीं, केजीएमयू के डॉक्टरों बचाई जान

राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में एक 11 साल के बच्चे को गंभीर हालत में भर्ती किया गया. डाक्टर संजीव कुमार ने अपनी टीम के साथ बच्चे का इलाज शुरू किया. डॉक्टरों की समझदारी से बच्चे की जान बच गई.

डॉक्टरों की समझदारी ने बचाई बच्चे की जान
डॉक्टरों की समझदारी ने बचाई बच्चे की जान.
author img

By

Published : Nov 9, 2020, 10:38 AM IST

लखनऊ : केजीएमयू के पीडियाट्रिक विभाग में एक 11 वर्षीय बालक को रविवार को खून की उल्टी की शिकायत के बाद भर्ती किया गया. बच्चे के शरीर से लगातार खून बहने से उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी. हालात बिगड़ता देख बच्चे की एंडोस्कोपी शुरू की गई और थोड़ी ही देर में डाक्टरों ने बच्चे की आहार नली में हो रहे आंतरिक रक्तस्राव को रोक दिया.

एंडोस्कोपी से मिला फायदा

राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में एक 11 साल के बच्चे को गंभीर हालत में भर्ती किया गया. डॉक्टर संजीव कुमार ने अपनी टीम के साथ बच्चे का इलाज शुरू किया. बच्चे को खून बहने की शिकायत के बाद 2 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया. लेकिन बच्चे का आंतरिक रक्तस्राव बढ़ता ही जा रहा था. बच्चे को लगातार खून की उल्टियां हो रही थीं, जिससे उसकी हालत नाजुक होती जा रही थी. ऐसे में मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी ने बच्चे की इमरजेंसी एंडोस्कोपी करने के निर्देश दिए. कुछ ही घंटों में मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ सुमित रूंगटा ने कठिन समय होने के बाद भी बच्चे की एंडोस्कोपी कर बच्चे के आहार नाल से हो रहे आंतरिक रक्तस्राव पर काबू पा लिया.

बर्ड्स यारी सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित है बच्चा

इलाज के दौरान कोविड-19 इंफेक्शन को ध्यान में रखते हुए पूरी टीम को सुरक्षित रखना और प्रोटेक्टिव मास्क-शील्ड पहने होने के बाद बच्चे में एंडोस्कोपी करना और भी कठिन था. प्रोसीजर के बाद बच्चे की खून की उल्टी रुक गई और उसकी सेहत में सुधार होना शुरू हो गया. अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है. आगे जांच करने पर यह पाया गया कि यह बच्चा बर्ड्स यारी सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित है. इलाज के दौरान टीम में डॉ कमलेंद्र वर्मा, डॉ गुलाम अख्तर और टेक्नीशियन जितेन्द्र और अनिकेत शामिल थे.

लखनऊ : केजीएमयू के पीडियाट्रिक विभाग में एक 11 वर्षीय बालक को रविवार को खून की उल्टी की शिकायत के बाद भर्ती किया गया. बच्चे के शरीर से लगातार खून बहने से उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी. हालात बिगड़ता देख बच्चे की एंडोस्कोपी शुरू की गई और थोड़ी ही देर में डाक्टरों ने बच्चे की आहार नली में हो रहे आंतरिक रक्तस्राव को रोक दिया.

एंडोस्कोपी से मिला फायदा

राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में एक 11 साल के बच्चे को गंभीर हालत में भर्ती किया गया. डॉक्टर संजीव कुमार ने अपनी टीम के साथ बच्चे का इलाज शुरू किया. बच्चे को खून बहने की शिकायत के बाद 2 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया. लेकिन बच्चे का आंतरिक रक्तस्राव बढ़ता ही जा रहा था. बच्चे को लगातार खून की उल्टियां हो रही थीं, जिससे उसकी हालत नाजुक होती जा रही थी. ऐसे में मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी ने बच्चे की इमरजेंसी एंडोस्कोपी करने के निर्देश दिए. कुछ ही घंटों में मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ सुमित रूंगटा ने कठिन समय होने के बाद भी बच्चे की एंडोस्कोपी कर बच्चे के आहार नाल से हो रहे आंतरिक रक्तस्राव पर काबू पा लिया.

बर्ड्स यारी सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित है बच्चा

इलाज के दौरान कोविड-19 इंफेक्शन को ध्यान में रखते हुए पूरी टीम को सुरक्षित रखना और प्रोटेक्टिव मास्क-शील्ड पहने होने के बाद बच्चे में एंडोस्कोपी करना और भी कठिन था. प्रोसीजर के बाद बच्चे की खून की उल्टी रुक गई और उसकी सेहत में सुधार होना शुरू हो गया. अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है. आगे जांच करने पर यह पाया गया कि यह बच्चा बर्ड्स यारी सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित है. इलाज के दौरान टीम में डॉ कमलेंद्र वर्मा, डॉ गुलाम अख्तर और टेक्नीशियन जितेन्द्र और अनिकेत शामिल थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.