लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बन रहे 320 बेडों वाले कोविड-19 अस्पताल की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस अस्पताल का लोकार्पण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को किया गया. सरकारी तंत्र में बना कोविड-19 का यह अस्पताल अब तक का सबसे अधिक बेड की क्षमता वाला अस्पताल है, जिसमें तमाम ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, जो मरीजों के साथ डॉक्टरों के लिए भी सुविधाजनक साबित होंगी.
320 बेड वाला अस्पताल इलाज के लिए तैयार
कोविड-19 अस्पताल की सभी सुविधाओं और मरीजों को मिलने वाले इलाज पर ईटीवी भारत से केजीएमयू के कुछ नोडल अधिकारियों ने बात की. कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी प्रोफेसर जेडी रावत ने बताया कि 320 बेड वाला यह अस्पताल इलाज के लिए एक समुचित व्यवस्था का एक बेहतरीन उदाहरण है. क्योंकि यहां पर गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों, युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. यह लेवल-3 अस्पताल है, जिसके लिहाज से यहां पर हर बेड पर ऑक्सीजन और गंभीर मरीजों के लिहाज से सभी व्यवस्था की गई है. यहां पर कोविड-19 से संक्रमित कोई मरीज आता है, तो उसके संक्रमण के इलाज के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है.
100 बेड आईसीयू के लिए आरक्षित
प्रोफेसर रावत ने बताया कि अस्पताल में 100 बेड आईसीयू के लिए आरक्षित किए गए हैं, तो वहीं पीडियाट्रिक आईसीयू के लिए 6 और नियोनेटल आईसीयू के लिए 6 बेड अलग से आरक्षित किए गए हैं. यहां पर वेंटिलेटर की सुविधा है और एक सबसे एडवांस एसी डक्ट के लिए 'हेपा' फिल्टर भी लगाया गया है, जो कि अस्पताल से एसी डक्ट के जरिए बाहर जाने वाली हवा को पूरी तरह से स्वच्छ करने के बाद ही बाहर फेंकता है. इससे अंदर का वायरस किसी भी हाल में बाहर के व्यक्तियों को संक्रमित नहीं करेगा. डॉ. रावत ने बताया कि इसमें एक लेबर रूम भी बनाया गया है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को भर्ती किया जा सके और नॉर्मल डिलीवरी के साथ यदि जरूरत पड़े तो सिजेरियन डिलीवरी भी समय से कराई जा सके.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 320 बेड वाले कोविड-19 अस्पताल का किया लोकार्पण.
- अस्पताल में 100 बेड आईसीयू के लिए आरक्षित.
- अस्पताल परिसर में पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी की सेवाएं सुनिश्चित की गई हैं.
रिसेप्शन पर 5 बेड आरक्षित
केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉक्टर सुधीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक परिसर में ही हमने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज की हर तरह की सुविधा देने की कोशिश की है. यानी कि यहां पर मरीज की जांच के साथ उपचार की सुविधा भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी. अस्पताल के भूतल पर हमने एक हेल्प डेस्क बनाया है, जिसमें मरीजों को उनके उपचार और निदान से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी मिल सकती है. इसके अलावा हमने रिसेप्शन पर 5 बेड आरक्षित किए हैं, जिनमें इमरजेंसी में आए मरीजों को त्वरित इलाज मिलेगा. रिसेप्शन से आगे के ट्रांसपोर्टेशन के लिए रैंप और लिफ्ट की सुविधा दी गई है.
21 व्यक्तियों की क्षमता वाली मोर्चरी की भी व्यवस्था
डॉ. सिंह बताते हैं कि यहां पर 320 बेड दिए गए हैं, जिनमें से 100 बेड आईसीयू के लिए और 220 बेड आइसोलेशन वार्ड के लिए रखे गए हैं. परिसर में पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी की सेवाएं सुनिश्चित की गई है. साथ ही साथ यहां पर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की व्यवस्था भी की गई है. उन्होंने बताया कि यदि अपरिहार्य कारणों से किसी मरीज की मृत्यु होती है, तो उनके पार्थिव शरीर के लिए 21 व्यक्तियों की क्षमता वाली मोर्चरी की व्यवस्था भी की गई है.
वहीं अस्पताल के प्रभारी डॉ. रावत ने बताया कि डॉक्टरों की 300 से 400 लोगों की टीम 8 यूनिट के तहत रोजाना काम कर रही है. यह व्यवस्था अभी तक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंदर बने आईडीएच में चल रही थी. अब उसे हम धीरे-धीरे यहां शिफ्ट करेंगे. साथ ही डॉक्टरों को अभी तक क्वारंटाइन करने की व्यवस्था हम कैंपस में ही कर रहे हैं, यदि जरूरत और पड़ेगी तो हम अन्य जगहों की व्यवस्था भी करेंगे.