लखनऊ: पिछड़ों के बीच केशव प्रसाद मौर्य की मजबूत पकड़ के कारण ही पार्टी ने उन्हें चुनाव हारने के बाद भी उपमुख्यमंत्री बना दिया. वहीं, दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य की हार ने उनके कद को और अधिक बढ़ाने का काम किया. जिसके जरिए भाजपा 2024 में पिछडों के बीच सियासी पकड़ को मजबूत बनाने के साथ ही सटीक तरीके का इस्तेमाल कर उसे वोट बैंक में तब्दील करने के कारवां को आगे बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर दिया है. यही वजह है कि उत्तराखंड में भाजपा ने पुष्कर धामी की स्वीकार्यता को देखते हुए उनकी हार के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया तो ठीक वैसे ही यूपी में केशव प्रसाद मौर्य को भी दोबारा उपमुख्यमंत्री बना दिया.
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल से 7000 से अधिक मतों से पराजित हो गए थे. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे. बावजूद इसके विधायक दल ने उनको अपना नेता चुना और अब वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए.
इसे भी पढ़ें - विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर
भाजपा के इस निर्णय के बाद यूपी में भी केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाने की चर्चा तेज हो गई थी और आखिरकार पार्टी ने उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम बनाकर सूबे के पिछड़ों को साधने की कोशिश की है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप