लखनऊः नई पेंशन स्कीम की राशि निजी बैंकों में जमा करने का गंभीर मामला विधान परिषद में उठाया गया है. इसकी एसआईटी से जांच कराई जाएगी. विधान परिषद में नेता सदन व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी होगा.
विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने सवाल किया कि एनपीएस में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत कटौती होती है, जबकि 14 प्रतिशत राशि राज्य सरकार जमा करवाती है. जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से यह राशि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) संस्था के पास जमा की जाती है. यह संस्था एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेश करती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में स्थिति यह है कि एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की बिना सहमति लिए यह राशि निजी बैंकों में जमा की जा रही है. 12 से अधिक जिलों लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, इटावा, बलरामपुर, कासगंज, बिजनौर, रामपुर, देव या, गाजियाबाद, अंबेडकरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, बाराबंकी और सोनभद्र आदि में नियमों को तोड़ दिया गया है.
जवाब में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है इसलिए प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने की सिफारिश कर दी गई है. सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि जांच जल्द और समयबद्ध ढंग से पूरी की जानी चाहिए. सरकार निजी बैंकों में जमा राशि को सरकारी बैंकों में जमा करवाने पर भी विचार करे. विभाग ने माना 25 जिलों के 4200 से अधिक शिक्षकों- कर्मचारियों का पैसा निजी बैकों में जमा कराया गया.
ये भी पढ़ेंः 69000 सहायक टीचर भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सरकार को आदेश- एक अंक देकर दो माह में नियुक्ति करें
नई पेंशन का पैसा निजी बैंकों में जमा करने के खिलाफ होगी जांच: केशव प्रसाद मौर्य - केशव प्रसाद मौर्य की न्यूज
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि नई पेंशन का पैसा निजी बैंकों में जमा करने के खिलाफ जांच होगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 29, 2023, 10:14 AM IST
लखनऊः नई पेंशन स्कीम की राशि निजी बैंकों में जमा करने का गंभीर मामला विधान परिषद में उठाया गया है. इसकी एसआईटी से जांच कराई जाएगी. विधान परिषद में नेता सदन व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी होगा.
विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने सवाल किया कि एनपीएस में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत कटौती होती है, जबकि 14 प्रतिशत राशि राज्य सरकार जमा करवाती है. जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से यह राशि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) संस्था के पास जमा की जाती है. यह संस्था एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेश करती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में स्थिति यह है कि एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की बिना सहमति लिए यह राशि निजी बैंकों में जमा की जा रही है. 12 से अधिक जिलों लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, इटावा, बलरामपुर, कासगंज, बिजनौर, रामपुर, देव या, गाजियाबाद, अंबेडकरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, बाराबंकी और सोनभद्र आदि में नियमों को तोड़ दिया गया है.
जवाब में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है इसलिए प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने की सिफारिश कर दी गई है. सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि जांच जल्द और समयबद्ध ढंग से पूरी की जानी चाहिए. सरकार निजी बैंकों में जमा राशि को सरकारी बैंकों में जमा करवाने पर भी विचार करे. विभाग ने माना 25 जिलों के 4200 से अधिक शिक्षकों- कर्मचारियों का पैसा निजी बैकों में जमा कराया गया.
ये भी पढ़ेंः 69000 सहायक टीचर भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सरकार को आदेश- एक अंक देकर दो माह में नियुक्ति करें