लखनऊ/मिर्ज़ापुर/कन्नौज/औरैया/आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान के जवाब में कहा है कि 'भौतिकता में यह बयान अखिलेश यादव का है. स्वामी प्रसाद मौर्य तो केवल अखिलेश यादव के भोंपू हैं. अखिलेश यादव को इस बात का जवाब देना चाहिए कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर वह क्या कहते हैं.' उन्होंने कहा कि 'डॉ राम मनोहर लोहिया ने भी भगवान राम, भगवान कृष्ण और शिव को भारत का आधार बताया था और उन्हीं लोहिया के आदर्शों पर चलने वाली समाजवादी पार्टी ने इस बयान का विरोध क्यों नहीं किया.' यह बातें केशव प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं.
उन्होंने कहा कि 'राम जन्मभूमि आंदोलन का मैं भी सिपाही रहा हूं. अयोध्या की धरती और सरयू को राम भक्तों के खून से लाल किया गया था. इस बयान की मैं कड़ी आलोचना करता हूं. अयोध्या पर वह क्या कहना चाहते हैं. रामचरित मानस पर जो सवाल उठाए गए उस पर वह क्या कहना चाहते हैं. राम भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं. शिवपाल यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि 'शिवपाल यादव की अपनी खुद की क्या स्थिति है समाजवादी पार्टी में यह बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. समाजवादी पार्टी कुछ नेताओं से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बयान दिलाकर असमंजस का माहौल बनाना चाहती है, मगर वास्तविकता यह है कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की अपनी राजनीति पर चल रही है. उनके लिए राम का विरोध कोई नई बात नहीं है. स्वामी प्रसाद मौर्य पर क्या कार्रवाई होगी इस मुद्दे पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'पुलिस का मामला है और सरकार इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही है. अखिलेश यादव इस मुद्दे पर जवाब देकर अपना स्टैंड क्लियर करें.'
'स्वामी प्रसाद की मौर्य की बुद्धि खत्म' : मिर्जापुर के सिटी क्लब में आयोजित उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि 'रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद की मौर्य की बुद्धि एक तरह से खत्म हो चुकी है, दलबदलू व्यक्ति केवल अपना फायदा देखता है. सपा में जाने पर जनता ने नकार दिया. जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा को बर्खास्त करके बाहर करना चाहिए. उनका भी चरित्र उजागर हो रहा है. प्रभु श्री राम पर टिप्पणी करने वाले सपा के ही लोग हैं, ऐसे लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी.
'सब अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा' : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. सांसद सुब्रत पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि 'जब वह बीजेपी में थे तब प्रतिदिन रामचरित मानस पढ़ते थे. दिन भर राम-राम जपते थे. विशेष वर्ग को खुश करने के लिए गाली दी जा रही है. यह सब अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा है. वह सिर्फ नाराज होने की नौटंकी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक पार्टी से नहीं निकाला है.'
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के औरैया में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के श्रीरामचरित मानस पर दिए बयान पर करारा जबाव दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने रामचरित मानस विवाद में समाजवादी पार्टी के MLA स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलते हुए कहा कि 'ये देश सनातन प्रेमियों का देश है. इस देश में भगवान श्रीराम व भगवान श्रीकृष्ण जैसे देवताओं ने जन्म लिया है और जो व्यक्ति इस देश में रहते हुए भगवान राम की गाथा "श्रीराम चरित मानस" का अपमान करता है तो वह हमारे आराध्य भगवान श्रीराम का भी अपमान कर रहा है. 'ऐसे व्यक्ति या तो नासमझ प्राणी होते हैं या वह इंसान नहीं होते.'
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान कि पूरे देश में तीखी आलोचना हो रही है. स्वामी प्रसाद के बयान से जहां समाजवादी पार्टी निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी पूर्व मंत्री पर आक्रामक है. मंगलवार को गोरखपुर फैजाबाद स्नातक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह के समर्थन में आयोजित मतदाता सम्मेलन में पहुंचे. बीजेपी एमएलसी सुभाष यदुवंश ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर रहे हैं, जबकि पिछले चुनावों में जनता ने उन्हें हराकर बैन कर दिया है. कहा की 'असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के कारण ही जनता ने उन्हें सदन नहीं भेजा, लेकिन फिर भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पिछले दरवाजे से एमएलसी बना दिया.'