लखनऊ: सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में श्रमिकों को सरकार की पहली प्राथमिकता करार दिया. उन्होंने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी इस समय बाहरी राज्यों से आए श्रमिकों को उनके गृह जनपद में भेजने, उन्हें क्वारंटाइन करने और राशन सामग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था में जुटी हुई है.
श्रमिकों के खाते में भेजा जा रहा 1 हजार रुपये
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, 'प्रदेश सरकार ने सभी क्षेत्रों में बहुत योजनाबद्ध तरीके से हमारे श्रमिक भाई-बहनों की वापसी से पहले ही तैयारी शुरू कर दी है. अब कोई श्रमिक आ रहे हैं, किसी भी प्रदेश से आ रहे हैं, आते ही उनको राशन का जो पैकेट है, वह उपलब्ध कराया जाता है. उनका रजिस्ट्रेशन करके उनके खाते में 1 हजार रुपये महीने की सहायता प्रदान करने का काम किया जा रहा है.'
उन्होंने बताया कि ग्रामीण उद्योगों को फूड प्रोसेसिंग के तहत बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत आने वाले कामों को भी बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. चाहे निजी क्षेत्र के अंदर निर्माण का कार्य हो, गांव के अंदर प्रधानमंत्री आवास का कार्य हो, इन सभी कामों में सरकार ने योजना बनाई है.
रोजगार को लेकर श्रमिक न हो चिंतित
डिप्टी सीएम ने आश्वस्त करते हुए कहा कि, 'जो हमारे श्रमिक भाई-बहन आएंगे, वह रोजगार को लेकर चिंतित न रहें. उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे जरूरी कदम उठाए हैं, जिससे उनको उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सके.'
कृषि कार्यों में दी गई छूट
उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में यूपी में पूरी छूट दे दी गई है. इस समय सब्जी मंडियों को भी खोल दिया गया है, क्योंकि लोगों को सब्जियों की जरूरत है. चाहे लॉकडाउन हो या न हो. इसके साथ ही किसानों के लिए बीज, कीटनाशक और कृषि से सम्बन्धित दुकानों को भी खोल दिया गया है.
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सोशल डिस्टेसिंग का रखें ध्यान
डिप्टी सीएम ने कहा कि मैं ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील करना चाहता हूं कि लॉकडाउन है तब भी शारीरिक दूरी रखना है. लॉकडाउन न हो तब भी शारीरिक दूरी रखना है. शारीरिक दूरी ही हमारी सुरक्षा है. मुंह पर मास्क बांधकर रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.