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'अटल' जयंती पर कवियों ने सुनाए पूर्व PM से जुड़े संस्मरण

राजधानी लखनऊ में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के तीसरे व अंतिम दिन कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. कवियों ने राष्ट्रभक्ति, हास्य और व्यंग कर लोगों को गुदगुदाया. साथ ही पूर्व प्रधान मंत्री से जुड़े संस्मरणों का उल्लेख किया गया.

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लखनऊ में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन.
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Published : Dec 26, 2020, 10:00 AM IST

लखनऊ: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के तीसरे व अंतिम दिन कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन में कवियों ने हृदय से अटल जी को याद किया. वहीं संगीत नाटक अकादमी परिसर में चल रही कला प्रदर्शनी पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न हुई. समारोह का आयोजन संस्कृति विभाग ने किया था. समारोह की समापन संध्या का उद्घाटन संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

मातु हंसवाहिनी की प्रस्तुति के बाद शुरू हुआ कवि सम्मेलन
शुक्रवार को कवि सम्मेलन की शुरुआत दिल्ली से आए डॉ. गजेन्द्र सोलंकी ने वाणी वन्दना 'मातु हंसवाहिनी' तथा राष्ट्र वंदना 'अमर रहे वैभव तेरा भारत वर्ष महान, करेंगे हर एक सांस में तेरा ही यशगान, उठ जाग भारत जाग रे, आलस्य निद्रा त्याग रे' से किया. कोरोना विभिषिका में राष्ट्र के दृष्टिकोण को नमन करते हुए प्रसिद्ध कवियत्री डॉ. मालविका हरिओम ने आशावादी गीत 'दीप आशा के जलायेंगे सदा, रोशनी के गीत गायेंगे सदा, बैर आपस के भुला कर हम सभी, प्रेम के उत्सव मनायेंगे सदा" गीत सुनाया तो साथ में दर्शक भी गुनगुनाने लगे.

राष्ट्र भक्ति गीतों से गुंजायमान हुआ हॉल
ओज की प्रखर कवियत्री कविता तिवारी ने अटल जी को नमन करते हुए "मार्तण्ड का उदय हुआ घनघोर तिमिर शरमाता है, शब्द सारथी बन करके जो राष्ट्र भक्ति को गाता है, भारत का वह रत्न अलौकिक जिस पर हमें अभिमान है, ऐसे अटल पुत्र को पाकर हुई धन्य शारदा माता है" सुनाया.

बढ़ती जनसंख्या और महंगाई पर व्यंग्य
कवि सम्मेलन के संचालक और सुप्रसिद्ध हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने अटल जी से जुड़े संस्मरण सुनाए. बढ़ती जनसंख्या, महंगाई, भाषा आदि विषयों को लेकर व्यंग्य तो किया ही विवाह व दहेज की विसंगतियों पर केन्द्रित कविता 'किराये पर' पढ़कर सुनाई.

कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने सुनाया अटल संस्मरण
डॉ. गजेन्द्र सोलंकी ने 'युगों युगों तक इस धरती पर भारत मां की शान रहे, राम कृष्ण गौतम के वंशज वाली पहचान रहे' जैसे गीतों के साथ देशभक्ति से ओत-प्रोत रचनाएं सुनाईं. नई दिल्ली से आए लोकप्रिय कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने अटल जी से जुड़े अपने संस्मरणों का उल्लेख करते हुए उन पर लिखी अपनी पुस्तक का उल्लेख किया, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री के रूप में खुद अटल जी ने किया था. हास्य और व्यंग्य के माध्यम से उन्होंने राजनेताओं पर भी कई प्रकार से कटाक्ष किए.

सांस्कृतिक प्रस्तुति
उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की ओर से चित्रकला व म्यूरल की कार्यशाला में सृजित कृतियों को भी दर्शकों की सराहना मिली. प्रदर्शनी स्थल पर बने मंच पर राजेश पाल एवं चन्द्रकला के सांस्कृतिक दल ने दिन भर अपनी प्रस्तुति दीं. लोक गायिका पूनम सिंह नेगी, अंजू सिंह आदि ने अटल जी की कटाक्ष कविता मनाली मत जइयो गोरी के साथ ही विभिन्न पारम्परिक गीत प्रस्तुत किए.

लखनऊ: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के तीसरे व अंतिम दिन कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन में कवियों ने हृदय से अटल जी को याद किया. वहीं संगीत नाटक अकादमी परिसर में चल रही कला प्रदर्शनी पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न हुई. समारोह का आयोजन संस्कृति विभाग ने किया था. समारोह की समापन संध्या का उद्घाटन संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

मातु हंसवाहिनी की प्रस्तुति के बाद शुरू हुआ कवि सम्मेलन
शुक्रवार को कवि सम्मेलन की शुरुआत दिल्ली से आए डॉ. गजेन्द्र सोलंकी ने वाणी वन्दना 'मातु हंसवाहिनी' तथा राष्ट्र वंदना 'अमर रहे वैभव तेरा भारत वर्ष महान, करेंगे हर एक सांस में तेरा ही यशगान, उठ जाग भारत जाग रे, आलस्य निद्रा त्याग रे' से किया. कोरोना विभिषिका में राष्ट्र के दृष्टिकोण को नमन करते हुए प्रसिद्ध कवियत्री डॉ. मालविका हरिओम ने आशावादी गीत 'दीप आशा के जलायेंगे सदा, रोशनी के गीत गायेंगे सदा, बैर आपस के भुला कर हम सभी, प्रेम के उत्सव मनायेंगे सदा" गीत सुनाया तो साथ में दर्शक भी गुनगुनाने लगे.

राष्ट्र भक्ति गीतों से गुंजायमान हुआ हॉल
ओज की प्रखर कवियत्री कविता तिवारी ने अटल जी को नमन करते हुए "मार्तण्ड का उदय हुआ घनघोर तिमिर शरमाता है, शब्द सारथी बन करके जो राष्ट्र भक्ति को गाता है, भारत का वह रत्न अलौकिक जिस पर हमें अभिमान है, ऐसे अटल पुत्र को पाकर हुई धन्य शारदा माता है" सुनाया.

बढ़ती जनसंख्या और महंगाई पर व्यंग्य
कवि सम्मेलन के संचालक और सुप्रसिद्ध हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने अटल जी से जुड़े संस्मरण सुनाए. बढ़ती जनसंख्या, महंगाई, भाषा आदि विषयों को लेकर व्यंग्य तो किया ही विवाह व दहेज की विसंगतियों पर केन्द्रित कविता 'किराये पर' पढ़कर सुनाई.

कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने सुनाया अटल संस्मरण
डॉ. गजेन्द्र सोलंकी ने 'युगों युगों तक इस धरती पर भारत मां की शान रहे, राम कृष्ण गौतम के वंशज वाली पहचान रहे' जैसे गीतों के साथ देशभक्ति से ओत-प्रोत रचनाएं सुनाईं. नई दिल्ली से आए लोकप्रिय कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने अटल जी से जुड़े अपने संस्मरणों का उल्लेख करते हुए उन पर लिखी अपनी पुस्तक का उल्लेख किया, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री के रूप में खुद अटल जी ने किया था. हास्य और व्यंग्य के माध्यम से उन्होंने राजनेताओं पर भी कई प्रकार से कटाक्ष किए.

सांस्कृतिक प्रस्तुति
उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की ओर से चित्रकला व म्यूरल की कार्यशाला में सृजित कृतियों को भी दर्शकों की सराहना मिली. प्रदर्शनी स्थल पर बने मंच पर राजेश पाल एवं चन्द्रकला के सांस्कृतिक दल ने दिन भर अपनी प्रस्तुति दीं. लोक गायिका पूनम सिंह नेगी, अंजू सिंह आदि ने अटल जी की कटाक्ष कविता मनाली मत जइयो गोरी के साथ ही विभिन्न पारम्परिक गीत प्रस्तुत किए.

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