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लखनऊ: प्रदर्शनी में कवियों ने बांधा समां, 'लोकल फॉर वोकल' को मिला समर्थन - राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी

'लोकल के लिए वोकल' के तहत उत्पादों को लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में जगह दी गई. रविवार को प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें कवियों ने 'लोकल के लिए वोकल' पहल का समर्थन किया.

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राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन.
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Published : Nov 2, 2020, 2:24 AM IST

लखनऊ: चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने स्थित खेल मैदान में 26 अक्टूबर से संचालित राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 9 नवंबर को समाप्त होगी. प्रदर्शनी का आयोजन सरकार के 'लोकल के लिए वोकल' प्रोडक्ट और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग सहित खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है.

राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन.

प्रदर्शनी में 55 से अधिक प्रोडक्ट की दुकानें लगी हैं. प्रदर्शनी में गीत, संगीत, नृत्य कला और रंगमंच सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, ताकि लोग मनोरंजन कर सकें. रविवार को प्रदर्शनी स्थल पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों की काव्य और हास्य रचनाओं की प्रस्तुति पर लोगों ने तालियां बजाकर कवियों का हौसला आफजाई किया. प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन में कवियों ने 'लोकल के लिए वोकल' पहल को समर्थन दिया.

कवि सम्मेलन की संचालिका अलका अस्थाना ने बताया कि लखनऊ के कवि इस सम्मेलन में सम्मिलित हुए, जिन्होंने खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया है तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाई जा रही शुभ एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की सराहना की है. उनका कहना है कि देश में 'लोकल फॉर वोकल' की थीम को मानना चाहिए और हमें अपने देश में बनने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए.

लखनऊ: चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने स्थित खेल मैदान में 26 अक्टूबर से संचालित राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 9 नवंबर को समाप्त होगी. प्रदर्शनी का आयोजन सरकार के 'लोकल के लिए वोकल' प्रोडक्ट और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग सहित खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है.

राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन.

प्रदर्शनी में 55 से अधिक प्रोडक्ट की दुकानें लगी हैं. प्रदर्शनी में गीत, संगीत, नृत्य कला और रंगमंच सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, ताकि लोग मनोरंजन कर सकें. रविवार को प्रदर्शनी स्थल पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों की काव्य और हास्य रचनाओं की प्रस्तुति पर लोगों ने तालियां बजाकर कवियों का हौसला आफजाई किया. प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन में कवियों ने 'लोकल के लिए वोकल' पहल को समर्थन दिया.

कवि सम्मेलन की संचालिका अलका अस्थाना ने बताया कि लखनऊ के कवि इस सम्मेलन में सम्मिलित हुए, जिन्होंने खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया है तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाई जा रही शुभ एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की सराहना की है. उनका कहना है कि देश में 'लोकल फॉर वोकल' की थीम को मानना चाहिए और हमें अपने देश में बनने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए.

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