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चुनाव हारे सिंधिया और राज बब्बर कर रहे कांग्रेस कार्यालय पर हार की समीक्षा

कांगेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय पर लोकसभा में हुई हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना से लोकसभा चुनाव हार गए हैं, वहीं प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से हार गए.

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Published : Jun 14, 2019, 12:18 PM IST

समीक्षा बैठक करते ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर .

लखनऊ: कांगेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय पर 39 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने अपनी मां और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के साथ 41 सीटों में से 40 सीटों पर हार की समीक्षा की थी. जहां एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना से लोकसभा चुनाव हार गए हैं, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को फतेहपुर सीकरी से शिकस्त मिली है. दोनों हारे हुए पदाधिकारी हारे हुए प्रत्याशियों के साथ हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं.

हार की समीक्षा करते ज्यातिरादित्य सिंधिया और राजब्बर.
  • कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था.
  • उन्हें पश्चिमी लोकसभा की 39 सीटों का प्रभार दिया गया था, हालांकि सिंधिया कोई करिश्मा नहीं कर पाए और कांग्रेस सभी सीटें हार गई.
  • इतना ही नहीं वह स्वयं एमपी के गुना सीट से एमपी का चुनाव लड़े थे, लेकिन उत्तर प्रदेश को जिताने की ख्वाहिश लेकर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही चुनाव हार गए.
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. वे प्रत्याशियों से सवाल-जवाब कर रहे हैं कि आखिर वे क्यों चुनाव हारे ? क्या वजह रही ?
  • प्रत्याशियों का कहना है कि यूपी में कहीं पर भी कांग्रेस का संगठन ही नहीं है, लिहाजा हम अपने लोगों को ही मतदान केंद्र तक खींचने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
  • ऐसे में बूथ लेवल से लेकर उच्च स्तर तक संगठन को मजबूत करने की बेहद आवश्यकता है. जब संगठन मजबूत होगा तो कांग्रेस खुद-ब-खुद खड़ी हो जाएगी.

लखनऊ: कांगेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय पर 39 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने अपनी मां और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के साथ 41 सीटों में से 40 सीटों पर हार की समीक्षा की थी. जहां एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना से लोकसभा चुनाव हार गए हैं, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को फतेहपुर सीकरी से शिकस्त मिली है. दोनों हारे हुए पदाधिकारी हारे हुए प्रत्याशियों के साथ हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं.

हार की समीक्षा करते ज्यातिरादित्य सिंधिया और राजब्बर.
  • कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था.
  • उन्हें पश्चिमी लोकसभा की 39 सीटों का प्रभार दिया गया था, हालांकि सिंधिया कोई करिश्मा नहीं कर पाए और कांग्रेस सभी सीटें हार गई.
  • इतना ही नहीं वह स्वयं एमपी के गुना सीट से एमपी का चुनाव लड़े थे, लेकिन उत्तर प्रदेश को जिताने की ख्वाहिश लेकर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही चुनाव हार गए.
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं. वे प्रत्याशियों से सवाल-जवाब कर रहे हैं कि आखिर वे क्यों चुनाव हारे ? क्या वजह रही ?
  • प्रत्याशियों का कहना है कि यूपी में कहीं पर भी कांग्रेस का संगठन ही नहीं है, लिहाजा हम अपने लोगों को ही मतदान केंद्र तक खींचने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
  • ऐसे में बूथ लेवल से लेकर उच्च स्तर तक संगठन को मजबूत करने की बेहद आवश्यकता है. जब संगठन मजबूत होगा तो कांग्रेस खुद-ब-खुद खड़ी हो जाएगी.
Intro:note: फीड एफटीपी से भेजी गई है।

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अपना चुनाव हारे सिंधिया और राज बब्बर कर रहे कांग्रेस कार्यालय पर हार की समीक्षा

लखनऊ। कांगेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर आज कांग्रेस मुख्यालय पर 39 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने अपनी मां और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के साथ 41 सीटों में से 40 सीटों पर हार की समीक्षा की थी। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना से लोकसभा चुनाव हार गए हैं, वहीं प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से। दोनों हारे हुए पदाधिकारी हारे हुए प्रत्याशियों के साथ हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं।




Body:कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। उन्हें पश्चिमी लोकसभा की 39 सीटों का प्रभार दिया गया था। हालांकि सिंधिया कोई करिश्मा नहीं कर पाए और कांग्रेस सभी सीटें हार गई। इतना ही नहीं वह स्वयं एमपी के गुना सीट से एमपी का चुनाव लड़े थे, लेकिन उत्तर प्रदेश को जिताने की ख्वाहिश लेकर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना ही चुनाव हार गए।


Conclusion:बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं तो वे प्रत्याशियों से सवाल-जवाब कर रहे हैं कि आखिर वे क्यों चुनाव हारे? क्या वजह रही? प्रत्याशियों का बस एक ही जवाब आ रहा है कि यूपी में कहीं पर भी कांग्रेस का संगठन ही नहीं है लिहाजा हम अपने लोगों को ही मतदान केंद्र तक खींचने में नाकाम साबित हो रहे हैं। ऐसे में बूथ लेवल से लेकर उच्च स्तर तक संगठन को मजबूत करने की बेहद आवश्यकता है। जब संगठन मजबूत होगा तो कांग्रेश खुद-ब-खुद खड़ी हो जाएगी।
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