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उन्नाव रेप मामला: एम्स का ट्रामा सेंटर बना अस्थाई कोर्ट, दर्ज होगा पीड़िता का बयान

उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थाई कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए. कोर्ट से मिली अनुमति के बाद जज धर्मेश शर्मा बुधवार से पीड़िता का एम्स जाकर बयान दर्ज करेंगे.

एम्स का ट्रामा सेंटर बना अस्थाई कोर्ट
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Published : Sep 11, 2019, 11:00 AM IST

नई दिल्ली:उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा बुधवार से पीड़िता का बयान एम्स जाकर दर्ज करेंगे. जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थाई कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए.

उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थाई कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था सवाल
पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा. दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है.

कोर्ट से मांगा ट्रायल पूरा करने के लिए समय
उसके बाद 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की जरूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते हैं.

नई दिल्ली:उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा बुधवार से पीड़िता का बयान एम्स जाकर दर्ज करेंगे. जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थाई कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए.

उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थाई कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था सवाल
पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा. दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है.

कोर्ट से मांगा ट्रायल पूरा करने के लिए समय
उसके बाद 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की जरूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते हैं.

Intro:नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा आज से पीड़िता का एम्स जाकर बयान दर्ज करेंगे। जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए। उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी। 



Body:पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।




Conclusion:पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
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