लखनऊ : राजधानी में लाखों वर्गफीट की बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है. जिसे लेकर अब सरकार भी सख्ती से अतिक्रमण और कब्जे को हटाने के प्रयास में लग गयी है. जिसे देखते हुए सूबे की राजधानी में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सरकारी जमीनों से कब्जे को हटाने के लिए योजना तैयार की है.
लखनऊ पुलिस भूमाफियाओं से खाली कराएगी जमीन
सरकारी और नजूल की जमीनों से भूमाफियाओं के कब्जों को हटाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सर्वे शुरू कर दिया है और बहुत जल्द सर्वे कि विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद उस पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. आपको बता दें कि सरकार ने नजूल की जमीनों का नवीनीकरण पर जून 2020 से रोक लगा दी है. ऐसे में 467 लोगों के पट्टे खत्म होने की पूरी सूची तैयार की गई है. वहीं अभियान चलाकर नजूल की जमीन वापस ली जाएगी.
लखनऊ में सैकड़ों जगहों पर नजूल की जमीनों का पट्टा
नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह के मुताबिक लखनऊ में सैकड़ों जगहों पर नजूल की जमीनों का पट्टा किया गया है. यह सभी पट्टे अलग-अलग वर्ष के मुताबिक दिए गए हैं. इनमें से कुछ पट्टे 10 साल के लिए है तो कुछ 50 साल के लिए दिए गए हैं. वैसे अधिकतम नजूल की जमीनों के पट्टे 30 साल के थे. अब ऐसे लोगों को नजूल की भूमि खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है. वहीं इनमें से कई लोग जमीनों को खाली करने के लिए तैयार नहीं है. जिसे पुलिस प्रशासन की मदद से मुक्त कराने की योजना बनाई गई है.
गरीबों के आवास समेत कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं होगी शुरू
नजूल की जमीन लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में है जो कि गोलागंज, गणेशगंज, अलीगंज, अस्तबल चारबाग, ट्रांस गोमती सेंट्रल स्कीम, असद खंदारी बाजार, अमानीगंज नगरिया, नरही, फतेहगंज, चाइना गेट, वजीरगंज, सुल्तानगंज, बरौनी खंडक, हुसैनगंज समेत कई क्षेत्रों में नजूल की जमीन पड़ी है. जिसकी वापसी की कार्रवाई की जाएगी. सरकार अगर नजूल की जमीन से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में पूरी तरह से सफल हो जाती है तो सूबे की सरकार के मुताबिक उस पर गरीबों के आवास समेत कई अन्य कल्याण कारी योजनाएं चलाई जा सकती हैं.