लखनऊ : राजधानी में सरकारी नौकरी के नाम अलीगंज निवासी एक महिला से खुद को लेबर कमिश्नर बता कर 10 लाख रुपये ऐंठ लिए. वहीं हजरतगंज और इंदिरा नगर के रहने वाले दो युवकों से भी शक्ति भवन और सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 14 रुपये ठग लिए गए. तीनों पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज करवाया है. पुलिस के मुताबिक एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.
खुद को लेबर कमिश्नर बता युवती से ठगे 10 लाख
पहला मामला अलीगंज थानांतर्गत का है. जहां त्रिवेणीनगर की रहने वाली एक महिला से नीरज नाम के एक युवक मिली थी, जिसने खुद को लेबर कमिश्नर बताया और कहा कि कई सरकारी विभाग में उसके कॉन्टैक्ट है वो उसकी नौकरी दिलवा सकता है. सरकारी नौकरी की तलाश कर रही महिला को नीरज ने बताया कि वह कई लोगों की सरकारी विभागों में नौकरी दिलाई है. पीड़िता ठग के झांसे में आ गई और नौकरी करने के लिए हामी भर दी. नीरज ने कहा कि नौकरी पाने के लिए 10 लाख का खर्चा आएगा. पीड़िता के मुताबिक उसने अपने खेत गिरवी रख कर 10 लाख रुपये का जुगाड़ किया और नीरज को दे दिए. पैसा लेने के बाद नीरज गायब हो गया और जब पीड़िता ने कॉल की तो वह ताल मटोल करने लगा. पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. जिसके बाद अलीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
FCI में नौकरी दिलाने के नाम पर 14 लाख ठगे
लखीमपुर के निघासन निवासी राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि अंबुज सिंह और सुमन सिंह नाम के व्यक्तियों ने एफसीआई में उससे नौकरी दिलाने के नाम पर 14 लाख रुपये हड़प लिए. पीड़ित के मुताबिक ठगी करने में आरोपियों के साथ एफसीआई के कुछ कर्मचारी भी शामिल है. पीड़ित राकेश कुमार मौर्य ने इन्दिरानगर थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इसके अलावा कैसरबाग के रहने वाले जितेंद्र कुमार साहु ने कैसरबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई है कि शक्तिभवन में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर उससे वहीं पर संविदा पर काम करने वाले युवकों ने 42 हजार रुपये ले लिए और नौकरी भी नहीं दिलाई. कैसरबाग थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपों की जांच की जा रही है.
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