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यूपी में बीजेपी से गठबंधन न होने का बिहार सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई असर: केसी त्यागी - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने 'ईटीवी भारत' से बातचीत में कहा है कि अगर यूपी में गठबंधन नहीं हुआ तो इसका बिहार सरकार और एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

जेडीयू राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से खास बातचीत.
जेडीयू राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से खास बातचीत.
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Published : Jan 18, 2022, 5:23 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) बिहार की तरह चलना तो साथ चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी राहें जुदा हो गईं. दोनों पार्टियों के नेताओं में कई बार वार्ता के बावजूद बात नहीं बन पाई और गठबंधन होते-होते रह गया. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने अकेले ही यूपी चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि अगर यूपी में गठबंधन नहीं हुआ तो इसका बिहार सरकार और एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पेश है राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से बातचीत के प्रमुख अंश-

जेडीयू राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से खास बातचीत.
सवाल: लड़ना तो आप भाजपा के साथ चाहते थे, वार्ता भी हुई, लेकिन कमी कहां रह गई?
केसी त्यागी:हम तो अब भी लड़ना चाहते हैं. बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है. आप उनके नेतृत्व से पूछे तो बेहतर होगा. हमारी पार्टी के जो वार्ताकार आरसीपी सिंह ने गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान से कई बार बात की. भाजपा का नेतृत्व भी लगातार सकारात्मक था. अंतिम समय में उन्होंने अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी. हमारे सामने अपनी पार्टी को पहचान को बचाना जरूरी था, इसलिए हमने अकेले लड़ने का फैसला किया.
सवाल: ट्विटर पर आपकी पार्टी और भाजपा के पदाधिकारियों के बीच ट्विटर वार चल रहा है. क्या बिहार में कुछ ठीक नहीं है?
केसी त्यागी: बिहार में हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने जब तक तक हम गठबंधन में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर नड्डा जी के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. क्योंकि इस समय जनसभाएं बंद है, प्रेस कॉन्फ्रेंस भी सीमित है तो दोनों दलों के कार्यकर्ता समय-समय ट्विटर के जरिए अपनी बात कहते रहते हैं. इसको ट्विटर युद्ध नहीं कहना चाहिए बल्कि ट्विटर वार्तालाप कहना चाहिए.
सवाल: बनारस पीएम नरेंद्र मोदी का क्षेत्र है, लेकिन आपने कहा कि अगर बनारस के विकास को हटा दिया जाए तो कोई विकास नहीं हुआ है. स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाकर छोटे राज्य का दर्जा देने की बात कही है?

केसी त्यागी: मैं अपनी बातों पर अडिग हूं. पूर्वांचल में जिस तरह के उद्योग लगने चाहिए थे, वह नहीं लगे. देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर और चंदौसी के लोगों से पूछ लीजिए. हां बनारस में जरूर अच्छे कार्य हुए हैं. इसको पिछड़ा क्षेत्र मानकर इसके लिए विशेष आर्थिक जोन का इंतजाम करके स्थापित करना चाहिए, ताकि यहां से लोगों का आना जाना बंद हो.

इसे भी पढ़ें-नहीं बनी बीजेपी से बात, यूपी में चुनाव लड़ेगा जनता दल यूनाइटेड

सवालः भाजपा से सपा में कई पिछड़े वर्ग के नेता गए हैं, क्या लगता है कोई असर पड़ेगा?
केसी त्यागी: इसका जवाब मैं नहीं दे सकता. बिहार में पिछड़ी जाति या दलित समूह को एनडीए सरकार से कोई शिकायत नहीं है.

सवाल: केसी त्यागी की नजर में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश में कौन बेहतर है?
कैसी त्यागी: इस प्रश्न के जवाब के लिए मैं उपयुक्त आदमी नहीं हूं. नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं, यह मैं अवश्य मानता हूं.

सवाल: यूपी में जदयू कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कब तक प्रत्याशी घोषित करेंगे?
केसी त्यागी: हमने सूची तैयार कर ली है, सूची लेकर वह दिल्ली जाएंगे. वहां, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक बुलाई है, जिसमें तय होगा कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) बिहार की तरह चलना तो साथ चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी राहें जुदा हो गईं. दोनों पार्टियों के नेताओं में कई बार वार्ता के बावजूद बात नहीं बन पाई और गठबंधन होते-होते रह गया. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने अकेले ही यूपी चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि अगर यूपी में गठबंधन नहीं हुआ तो इसका बिहार सरकार और एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पेश है राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से बातचीत के प्रमुख अंश-

जेडीयू राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से खास बातचीत.
सवाल: लड़ना तो आप भाजपा के साथ चाहते थे, वार्ता भी हुई, लेकिन कमी कहां रह गई?
केसी त्यागी:हम तो अब भी लड़ना चाहते हैं. बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है. आप उनके नेतृत्व से पूछे तो बेहतर होगा. हमारी पार्टी के जो वार्ताकार आरसीपी सिंह ने गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान से कई बार बात की. भाजपा का नेतृत्व भी लगातार सकारात्मक था. अंतिम समय में उन्होंने अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी. हमारे सामने अपनी पार्टी को पहचान को बचाना जरूरी था, इसलिए हमने अकेले लड़ने का फैसला किया.
सवाल: ट्विटर पर आपकी पार्टी और भाजपा के पदाधिकारियों के बीच ट्विटर वार चल रहा है. क्या बिहार में कुछ ठीक नहीं है?
केसी त्यागी: बिहार में हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने जब तक तक हम गठबंधन में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर नड्डा जी के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. क्योंकि इस समय जनसभाएं बंद है, प्रेस कॉन्फ्रेंस भी सीमित है तो दोनों दलों के कार्यकर्ता समय-समय ट्विटर के जरिए अपनी बात कहते रहते हैं. इसको ट्विटर युद्ध नहीं कहना चाहिए बल्कि ट्विटर वार्तालाप कहना चाहिए.
सवाल: बनारस पीएम नरेंद्र मोदी का क्षेत्र है, लेकिन आपने कहा कि अगर बनारस के विकास को हटा दिया जाए तो कोई विकास नहीं हुआ है. स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाकर छोटे राज्य का दर्जा देने की बात कही है?

केसी त्यागी: मैं अपनी बातों पर अडिग हूं. पूर्वांचल में जिस तरह के उद्योग लगने चाहिए थे, वह नहीं लगे. देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर और चंदौसी के लोगों से पूछ लीजिए. हां बनारस में जरूर अच्छे कार्य हुए हैं. इसको पिछड़ा क्षेत्र मानकर इसके लिए विशेष आर्थिक जोन का इंतजाम करके स्थापित करना चाहिए, ताकि यहां से लोगों का आना जाना बंद हो.

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सवालः भाजपा से सपा में कई पिछड़े वर्ग के नेता गए हैं, क्या लगता है कोई असर पड़ेगा?
केसी त्यागी: इसका जवाब मैं नहीं दे सकता. बिहार में पिछड़ी जाति या दलित समूह को एनडीए सरकार से कोई शिकायत नहीं है.

सवाल: केसी त्यागी की नजर में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश में कौन बेहतर है?
कैसी त्यागी: इस प्रश्न के जवाब के लिए मैं उपयुक्त आदमी नहीं हूं. नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं, यह मैं अवश्य मानता हूं.

सवाल: यूपी में जदयू कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कब तक प्रत्याशी घोषित करेंगे?
केसी त्यागी: हमने सूची तैयार कर ली है, सूची लेकर वह दिल्ली जाएंगे. वहां, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक बुलाई है, जिसमें तय होगा कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

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