लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) बिहार की तरह चलना तो साथ चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी राहें जुदा हो गईं. दोनों पार्टियों के नेताओं में कई बार वार्ता के बावजूद बात नहीं बन पाई और गठबंधन होते-होते रह गया. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने अकेले ही यूपी चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि अगर यूपी में गठबंधन नहीं हुआ तो इसका बिहार सरकार और एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पेश है राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से बातचीत के प्रमुख अंश-
केसी त्यागी: मैं अपनी बातों पर अडिग हूं. पूर्वांचल में जिस तरह के उद्योग लगने चाहिए थे, वह नहीं लगे. देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर और चंदौसी के लोगों से पूछ लीजिए. हां बनारस में जरूर अच्छे कार्य हुए हैं. इसको पिछड़ा क्षेत्र मानकर इसके लिए विशेष आर्थिक जोन का इंतजाम करके स्थापित करना चाहिए, ताकि यहां से लोगों का आना जाना बंद हो.
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सवालः भाजपा से सपा में कई पिछड़े वर्ग के नेता गए हैं, क्या लगता है कोई असर पड़ेगा?
केसी त्यागी: इसका जवाब मैं नहीं दे सकता. बिहार में पिछड़ी जाति या दलित समूह को एनडीए सरकार से कोई शिकायत नहीं है.
सवाल: केसी त्यागी की नजर में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश में कौन बेहतर है?
कैसी त्यागी: इस प्रश्न के जवाब के लिए मैं उपयुक्त आदमी नहीं हूं. नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं, यह मैं अवश्य मानता हूं.
सवाल: यूपी में जदयू कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कब तक प्रत्याशी घोषित करेंगे?
केसी त्यागी: हमने सूची तैयार कर ली है, सूची लेकर वह दिल्ली जाएंगे. वहां, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक बुलाई है, जिसमें तय होगा कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.