लखनऊ : जवाहर भवन कर्मचारी संघ ने तर्कसंगत मांगे न पूर्ण होने पर सरकार से कड़ी नाराजगी जताई है. कर्मचारियों का मानना है कि मांगों को मानने से कोई अतिरिक्त वित्तीय भार सरकार पर नहीं पड़ेगा. प्रशासनिक निर्णय और व्यावहारिक नजरिए से काम बन सकता है.
विसंगतिपूर्ण व्यवस्था से है नाराजगी
जवाहर भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार बच्चा बताते हैं कि कई ऐसे पद हैं जो तहसील और जिला स्तरीय पद घोषित किए गए हैं. गेहूं क्रय नीति 2021- 22 मई क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को तहसील स्तरीय पर्यवेक्षण अधिकारी भी नामित किया गया है. लेकिन कार्यकारी आदेश जारी कर अब उन्हें केंद्र प्रभारी बनाया जा रहा है. इस तरह के विसंगतपूर्ण निर्णय से संवर्ग में नाराजगी है.
जूनियर कर्मचारियों को सौंपा गया है वरिष्ठ की जांच का काम
कर्मचारी नेता सुशील कुमार बच्चा ने बताया कि सेवा प्रावधानों के अनुसार जूनियर कर्मचारी अपने से वरिष्ठ की कार्य प्रणाली की जांच नहीं कर सकते. गेहूं केंद्रों पर कई ग्राम स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी घोषित कर दिया गया है. ऐसे में वह किस तरह अपने वरिष्ठ अधिकारियों की जांच कर सकेंगे.
ओवर टाइम का कोई भुगतान नहीं
क्रय केंद्र का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे कर दिया गया है. यह कार्य अवधि 2 घंटे ज्यादा है. शासन के द्वारा ओवरटाइम भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि अतिरिक्त काम के लिए अतिरिक्त भुगतान की व्यवस्था की जानी चाहिए.
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