लखनऊ: उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट अकादमी द्वारा उर्दू अकादमी में शनिवार को जश्न ए उर्दू 2020 के तहत कई हस्तियों को सम्मानित किया गया. जश्न ए उर्दू कार्यक्रम के दौरान उर्दू को बढ़ावा देने और थियटर ड्रामा से दूर होती उर्दू पर चर्चा हुई. इस दौरान वरिष्ठ समाजसेवी सीमा मोदी ने कहा की रंगमंच की दुर्दशा के लिए सरकार के साथ-साथ हम सब जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा की ऐसा नहीं है कि उर्दू नाटक का अभाव है,लेकिन हम लोग उस पर काम ही नहीं कर पाते हैं.
उर्दू पर चर्चा
आलोक श्रीवास्तव ने वक्त के साथ आम बोलचाल से भी दूर होती जा रही उर्दू पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की लाइब्रेरी में लगभग उर्दू में सौ नाटक हैं, लेकिन कोई भी उनको पढ़ने वाला नहीं है और ना ही उनको रंगमंच पर लाने के लिए कोई आगे आता है. हम सबको मिलकर रंगमंच की स्थिति को सुधारनी होगी.
उर्दू क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां हुईं शामिल
राजधानी लखनऊ स्तिथ उर्दू अकादमी में जश्न ए उर्दू कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को उर्दू क्षेत्र से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हुईं. नवाबीन ए अवध नवाब मीर जाफर अब्दुलाह ने उर्दू तालीम के सत्र में कहा कि उर्दू ऐसी जुबान है, जो इंसान की छवि में चार चांद लगा देती है. 'सलीके से हवाओं में जो खुशबू घोल सकते हैं, अभी कुछ लोग बाकी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं'. उनके इस शेर ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया.
वही मोहसिन खान द्वारा लिखित उपन्यास अल्लाह मियां का कारखाना का विमोचन सिनेस्टार फिरोज खान ने किया. फिरोज खान ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही घरों में उर्दू सिखाई जानी चाहिए. उर्दू एक तहजीब की भाषा है, जिसकी कोई मिसाल नहीं. फिल्म इंडस्ट्री में भी उर्दू के शब्दों का बड़े पैमाने पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल किया जाता है.
यहां तक कि सियासत दान भी उर्दू भाषा का इस्तेमाल लोगों को प्रभावित करने के लिए करते हैं, चाहे वह किसी भी कौम या किसी भी पार्टी से हों. इस अवसर पर कार्यक्रम में अब्दुल वहीद, वामिक खान ,जुबेर अहमद , तौसीफ हुसैन ,नजम एहसान, प्रियंका गुप्ता समेत कई हस्तियां शामिल रहीं. इस अवसर पर संस्था द्वारा अपने मंच पर कई हस्तियों को सम्मानित भी किया गया.