लखनऊ: विगत 6 माह से वेतन न मिलने को लेकर जल निगम कर्मचारियों ने जल निगम मुख्यालय पर तीन दिवसीय घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम में प्रदेश भर के जल निगम कर्मियों को इकट्ठा किया गया है और इन सभी जल निगम कर्मियों ने एक स्वर में प्रदेश सरकार से वेतन आश्रित नियुक्ति व सेवानिवृत्त के देय को देने की मांग की है. जल निगम कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो इस गर्मी के मौसम में प्रदेश की जनता प्यासी मर जाएगी और जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व जल निगम के महाप्रबंधक की होगी.
अध्यक्ष ने कहा कि दो दौर की बातें हो चुकी हैं. हम लोगों को 6 माह से वेतन नहीं मिल रहा है. होली का त्योहार निकट है. यदि प्रशासन हम लोगों की बातों को नहीं सुनता है तो प्रदेश के लोगों को इकट्ठा कर प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ ही सीवरेज और पेयजल की व्यवस्था बाधित करेगें. जिससे प्रदेश की 25 करोड़ जनता परेशान होगी और इसकी जिम्मेदारी सरकार व जल निगम के प्रबंधक की होगी.
प्यासी मर जाएगी प्रदेश की जनता
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल निगम कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश शर्मा का कहना है कि पेयजल व्यवस्था फील्ड के कर्मचारी ही देखते हैं और आज हालत यह है कि 2 ट्यूबवेल पर एक ऑपरेटर तैनात हैं. कहीं-कहीं ऑपरेटर भी नहीं है. ऐसे में जिस तरह से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हर घर को नल से जोड़ने की योजना पर विचार कर रहे हैं. जब कर्मचारी ही नहीं रहेगा तो इस योजना को साकार कैसे किया जाएगा. और निश्चित रूप से प्रदेश की जनता प्यासी ही मर जाएगी.
बताते चलें कि जल निगम कर्मचारी विगत 6 माह से अधिक समय से अपना वेतन भत्ते और पेंशन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसको लेकर कर्मचारियों ने दो बार शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी की पर अभी तक कर्मचारियों को आश्वासन ही मिला है. ऐसे में कर्मचारियों ने तीन दिवसीय डेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम आयोजित किया है.