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लखनऊ: जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए यह केंद्र आज भी अधूरा

राजधानी लखनऊ में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन की स्मृतियों को गोमतीनगर इलाके में स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर संजोए हुए है, लेकिन अभी तक करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यह केंद्र अधूरा पड़ा हुआ है. सपा सरकार में 2013 में निर्माण कार्य शुरू हुआ. इसके बाद सपा सरकार चली गई और भाजपा सत्ता में आई, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.

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Published : Oct 12, 2019, 12:49 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 1:07 PM IST

जयप्रकाश नारायण.

लखनऊ: जयप्रकाश नारायण के आंदोलन की स्मृतियों को संजोए जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर गोमतीनगर में स्थित है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा सरकार में इस केंद्र का निर्माण कराया था. 17 मंजिली इमारत तैयार कराई थी. उद्देश्य था कि इसमें सरकारी दफ्तर खुलें और बैठकर अफसर काम कर सकें. हालांकि 17वीं मंजिल पर हेलीपैड भी बनाया गया था. 2013 से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन जब 2017 तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद नहीं लगी तो आधे अधूरे केंद्र का ही अखिलेश यादव ने उद्घाटन कर दिया था.

जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए है ये केंद्र.

करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अधूरा है केंद्र
करोड़ों की लागत लगने के बाद भी अभी तक ये केंद्र अधूरा ही पड़ा हुआ है. अंदर से यह केंद्र बेहद खूबसूरत है. इसमें किसी को भी जयप्रकाश नारायण के बारे में विस्तार से जानना हो और उनकी तस्वीरों के जरिए उनके संघर्ष को देखना हो तो सब कुछ इस केंद्र में उपलब्ध है. सरकार बदलने से संपूर्ण क्रांति के जनक के केंद्र के सम्पूर्ण निर्माण को भी ग्रहण लगा हुआ है.

केंद्र की 17 मंजिल बिल्डिंग में हेलीपैड के साथ स्विमिंग पूल और डाइविंग पूल
जेपी इंटरनेशनल सेंटर की 17 मंजिल बिल्डिंग में हेलीपैड के साथ ही स्विमिंग पूल और डाइविंग पूल भी मौजूद है, लेकिन आज ढाई साल बाद तक इस बिल्डिंग के हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर नहीं उतारा जा सका है और न ही इस सेंटर की ही शुरुआत हो पाई है. लोग जयप्रकाश नारायण को भी करीब से समझने में इसी वजह से दूर हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव से जब यह सवाल किया गया कि ढाई साल में आज तक इस पर हेलीपैड नहीं उतर पाया है तो उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की.

1970 के दौरान की स्मृतियां हैं मौजूद
जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए इस केंद्र में जेपी के जीवन का मुख्य दौर दर्शाया गया है. इसमें 1970 के दौरान उनका इंदिरा गांधी से विद्रोह भी शामिल है. यहां प्रवेश करते ही उनके संघर्ष की यादें तस्वीरों के जरिए तरोताजा हो जाएंगी, जहां तस्वीरों में संपूर्ण क्रांति को दर्शाया गया है. वहीं गहन मंथन करते हुए भी जयप्रकाश नारायण को दिखाया गया है.


समाजवादी चिंतक के रूप में भी दर्शाया गया
आजादी से पहले और बाद की जीवनी दिखाने के लिए कई मूर्तियां यहां पर लगी हुई हैं. जेपी के जन्म से लेकर आंदोलन तक सब कुछ इन तस्वीरों के माध्यम से बखूबी समझा जा सकता है. उनके समय की कुछ दवाइयां, चाय के कप, बेड, कुर्सी आज भी इसी केंद्र के अंदर मौजूद हैं. तस्वीर में कहीं जयप्रकाश नारायण गहन मंथन करते हुए दिख रहे हैं, तो कहीं पुस्तक हाथ में लेकर विद्यार्थी बने हुए हैं. संपूर्ण क्रांति के जनक के साथ ही समाजवादी चिंतक के रूप में भी उन्हें दर्शाया गया है. इतना ही नहीं साफ-साफ यह भी लिखा गया है कि आज भी देश को जेपी ही हिला सकते हैं.

लखनऊ: जयप्रकाश नारायण के आंदोलन की स्मृतियों को संजोए जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर गोमतीनगर में स्थित है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा सरकार में इस केंद्र का निर्माण कराया था. 17 मंजिली इमारत तैयार कराई थी. उद्देश्य था कि इसमें सरकारी दफ्तर खुलें और बैठकर अफसर काम कर सकें. हालांकि 17वीं मंजिल पर हेलीपैड भी बनाया गया था. 2013 से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन जब 2017 तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद नहीं लगी तो आधे अधूरे केंद्र का ही अखिलेश यादव ने उद्घाटन कर दिया था.

जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए है ये केंद्र.

करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अधूरा है केंद्र
करोड़ों की लागत लगने के बाद भी अभी तक ये केंद्र अधूरा ही पड़ा हुआ है. अंदर से यह केंद्र बेहद खूबसूरत है. इसमें किसी को भी जयप्रकाश नारायण के बारे में विस्तार से जानना हो और उनकी तस्वीरों के जरिए उनके संघर्ष को देखना हो तो सब कुछ इस केंद्र में उपलब्ध है. सरकार बदलने से संपूर्ण क्रांति के जनक के केंद्र के सम्पूर्ण निर्माण को भी ग्रहण लगा हुआ है.

केंद्र की 17 मंजिल बिल्डिंग में हेलीपैड के साथ स्विमिंग पूल और डाइविंग पूल
जेपी इंटरनेशनल सेंटर की 17 मंजिल बिल्डिंग में हेलीपैड के साथ ही स्विमिंग पूल और डाइविंग पूल भी मौजूद है, लेकिन आज ढाई साल बाद तक इस बिल्डिंग के हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर नहीं उतारा जा सका है और न ही इस सेंटर की ही शुरुआत हो पाई है. लोग जयप्रकाश नारायण को भी करीब से समझने में इसी वजह से दूर हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव से जब यह सवाल किया गया कि ढाई साल में आज तक इस पर हेलीपैड नहीं उतर पाया है तो उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की.

1970 के दौरान की स्मृतियां हैं मौजूद
जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए इस केंद्र में जेपी के जीवन का मुख्य दौर दर्शाया गया है. इसमें 1970 के दौरान उनका इंदिरा गांधी से विद्रोह भी शामिल है. यहां प्रवेश करते ही उनके संघर्ष की यादें तस्वीरों के जरिए तरोताजा हो जाएंगी, जहां तस्वीरों में संपूर्ण क्रांति को दर्शाया गया है. वहीं गहन मंथन करते हुए भी जयप्रकाश नारायण को दिखाया गया है.


समाजवादी चिंतक के रूप में भी दर्शाया गया
आजादी से पहले और बाद की जीवनी दिखाने के लिए कई मूर्तियां यहां पर लगी हुई हैं. जेपी के जन्म से लेकर आंदोलन तक सब कुछ इन तस्वीरों के माध्यम से बखूबी समझा जा सकता है. उनके समय की कुछ दवाइयां, चाय के कप, बेड, कुर्सी आज भी इसी केंद्र के अंदर मौजूद हैं. तस्वीर में कहीं जयप्रकाश नारायण गहन मंथन करते हुए दिख रहे हैं, तो कहीं पुस्तक हाथ में लेकर विद्यार्थी बने हुए हैं. संपूर्ण क्रांति के जनक के साथ ही समाजवादी चिंतक के रूप में भी उन्हें दर्शाया गया है. इतना ही नहीं साफ-साफ यह भी लिखा गया है कि आज भी देश को जेपी ही हिला सकते हैं.

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समाजसेवी जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए है ये केंद्र

लखनऊ। समाजसेवी जयप्रकाश नारायण के आंदोलन की स्मृतियों को संजोए लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में स्थित है जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा सरकार में इस केंद्र का निर्माण कराया था। 17 मंजिली इमारत तैयार कराई थी। उद्देश्य था कि इसमें सरकारी दफ्तर खुलें और बैठकर अफसर काम कर सकें। 17वीं मंजिल पर हेलीपैड भी बनाया गया था। 2013 से निर्माण कार्य शुरू हुआ लेकिन जब 2017 तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद नहीं लगी तो आधे अधूरे केंद्र का ही अखिलेश यादव ने उद्घाटन कर दिया था। सपा सरकार चली गई और भाजपा सरकार आई तो इसके बाद यहां का काम भी अधूरा ही रह गया। करोड़ों की लागत लगने के बाद भी अभी तक ये केंद्र अधूरा ही पड़ा हुआ है। अंदर से यह केंद्र बेहद खूबसूरत है। किसी को भी जयप्रकाश नारायण के बारे में विस्तार से जानना हो और उनकी तस्वीरों के जरिए उनके संघर्ष को देखना हो तो सब कुछ जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र में उपलब्ध है। सरकार बदलने से संपूर्ण क्रांति के जनक के केंद्र के सम्पूर्ण निर्माण को भी ग्रहण लगा हुआ है।


Body:समाजसेवी जयप्रकाश नारायण की स्मृतियों को संजोए इस केंद्र में जेपी के जीवन का मुख्य दौर दर्शाया गया है। इसमें 1970 के दौरान उनका इंदिरा गांधी से विद्रोह भी शामिल है। यहां प्रवेश करते ही उनके संघर्ष की यादें तस्वीरों के जरिए तरोताजा हो जाएंगी। जहां तस्वीरों में संपूर्ण क्रांति को दर्शाया गया है वहीं गहन मंथन करते हुए भी जयप्रकाश नारायण को दिखाया गया है। आजादी से पहले और बाद की जीवनी दिखाने के लिए कई मूर्तियां यहां पर लगी हुई हैं। जेपी के जन्म से लेकर आंदोलन तक सब कुछ इन तस्वीरों के माध्यम से बखूबी समझा जा सकता है। उनके समय की कुछ दवाइयां, चाय के कप, बेड, कुर्सी आज भी इसी केंद्र के अंदर देखने को मौजूद है। तस्वीर में कहीं जयप्रकाश नारायण गहन मंथन करते हुए दिख रहे हैं तो कहीं पुस्तक हाथ में लेकर विद्यार्थी बने हुए हैं। संपूर्ण क्रांति के जनक के साथ ही समाजवादी चिंतक के रूप में भी उन्हें दर्शाया गया है। इतना ही नहीं साफ-साफ यह भी लिखा गया है कि आज भी देश को जेपी ही हिला सकते हैं।


Conclusion:जेपी इंटरनेशनल सेंटर की 17 मंजिली बिल्डिंग में हेलीपैड के साथ ही स्विमिंग पूल और डाइविंग पूल भी मौजूद है, लेकिन आज ढाई साल बाद तक इस बिल्डिंग के हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर नहीं उतारा जा सका है और न ही इस सेंटर की ही शुरुआत हो पाई है। लोग जयप्रकाश नारायण को भी करीब से समझने में इसी वजह से दूर हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव से जब यह सवाल किया गया कि ढाई साल में आज तक इस पर हेलीपैड नहीं उतार पाया है तो उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की और साथ ही चुटकी भी ली की चलिए हम लोग एक काम करें साथ चलें ऊंचाई से डर न लगे और यहीं पर ऊंचाई पर बैठकर अगली सरकार तय करें।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
Last Updated : Oct 12, 2019, 1:07 PM IST
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