लखनऊ: आईटीआई कर रहे अभ्यर्थियों को संस्थान रोजगार भी देगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान के प्रधानाचार्य की होगी .व्यावसायिक शिक्षा परिषद राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी आईटीआई संस्थानों में गुणवत्ता युक्त तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की तैयारी है. संस्थानों को नौकरी देने का पूरा रिकॉर्ड विभाग को देना होगा. ऐसा न करने वाले संस्थानों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
परखी जाएगी पढ़ाई की गुणवत्ता
तकनीकी शिक्षा के नाम पर चल रही मनमानी को रोकने के लिए व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिए हैं. व्यवसायिक शिक्षा परिषद ने बताया कि यह सरकारी ही नहीं निजी संस्थाओं की पढ़ाई की गुणवत्ता को परखने के लिए भी है. अलीगंज स्थित व्यवसाय शिक्षा परिषद के निर्देश में कहा गया है कि नौकरी पाने वालों की संख्या ट्रेड वार रखी जाए. एक आईटीआई में कितने विद्यार्थियों ने शिक्षा पूरी की, कितनों को नौकरी दी गई या कितने आगे की पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी सूची देनी होगी. संस्थान के प्रधानाचार्य की पूरी जानकारी विभाग को हर साल उपलब्ध कराएंगे.
युवाओं को मिलेगा नौकरी का लाभ
व्यवसायिक शिक्षा परिषद के संयुक्त निदेशक एससी तिवारी ने कहा कि सभी सरकारी और निजी संस्थानों में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है. संस्थानों में पहले से ही प्लेसमेंट सेल का गठन किया जा चुका है. इसके माध्यम से अप्रेंटिस और सेवा योजन का कार्य किया जाता है. इस नई व्यवस्था से सरकार की मंशा के अनुरूप अधिक से अधिक युवाओं को तकनीकी शिक्षा के साथ नौकरी का लाभ मिल सकेगा.
आईटीआई पर एक नजर
- प्रदेश में सरकारी आइटीआइ -305
- निजी आइटीआइ -2939
- सरकारी में प्रवेश क्षमता -1,20575
- निजी में प्रवेश क्षमता -3,71732
- प्रशिक्षण की ट्रेड -67
- प्रवेश के लिए आवेदन -4,83143
- केवल सरकारी के लिए -2,78266
- केवल निजी के लिए -1,34080
- सरकारी व निजी दोनों के लिए -1,01447