ETV Bharat / state

लखनऊ : दहशतगर्दी नहीं प्यार का पैगाम देता है इस्लाम

भारत में भी दहशतगर्दी के चलते बड़ी तादाद में सेना के जवान शहीद हो रहे हैं. इसकी बानगी अभी पुलवामा में भी देखने को मिली है, जिससे देश के हर शख्स की आंख नम है.

author img

By

Published : Feb 16, 2019, 4:13 PM IST

इस्लाम के जानकार बताते है कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है

लखनऊ : पूरी दुनिया में दहशतगर्दी से बेकसूर लोग बड़ी तादाद में मारे जाते हैं. जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है. भारत में भी दहशतगर्दी के चलते बड़ी तादाद में सेना के जवान शहीद हो रहे हैं, जिसकी बानगी अभी पुलवामा में भी देखने को मिली है, इससे देश के हर शख्स की आंख नम है दहशतगर्द संस्थाएं इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को बरगलाती हैं, जबकि इस्लाम के जानकार बताते है कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है.

इस्लाम के जानकार बताते हैं कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है
undefined

क़ाज़ी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली का कहना है इस्लाम मजहब प्यार मोहब्बत और रवादारी का मजहब है और इस्लाम की यह खूबी है कि इस्लाम सबको साथ रहकर भी अपने को बाक़ी रखना बखूबी जानता है जिहाद के नाम पर दूसरों की जान लेने वाले जन्नत में नहीं बल्कि जहन्नम के सरदार बनेंगे और यह इस्लाम की झूठी दुहाई देने वाले मुसलमान कहने तक के हकदार नहीं है क्योंकि मजहबे इस्लाम में जिहाद मज़लूमो पर हथियार उठाने का नाम नहीं है जालिमों के खिलाफ खड़े होने का नाम जिहाद है.

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले को लेकर देश के हर शक्स की आंख नम है अफसोस है गुस्सा है और नाराजगी है क्योंकि मुल्क की हिफाजत करने वाले जवानों की जान गई है लेकिन कुछ दहशतगर्द इस्लाम के नाम पर दहशतगर्दी को बढ़ावा देती दिखाई देती है जैसे कि पाकिस्तान का हाफिज सईद जो अपने को इस्लाम का बड़ा जानकार कहता है जबकि इस्लाम से और दहशतगर्दी से दूर दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है यह दहशतगर्दी में मजहब इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को झूठे जेहाद का रास्ता दिखाती हैं बरगलाती है यही इस्लाम है जबकि इस्लाम के असली जानकारी इन बातों को खारिज करते नजर आते हैं.

undefined

लखनऊ : पूरी दुनिया में दहशतगर्दी से बेकसूर लोग बड़ी तादाद में मारे जाते हैं. जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है. भारत में भी दहशतगर्दी के चलते बड़ी तादाद में सेना के जवान शहीद हो रहे हैं, जिसकी बानगी अभी पुलवामा में भी देखने को मिली है, इससे देश के हर शख्स की आंख नम है दहशतगर्द संस्थाएं इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को बरगलाती हैं, जबकि इस्लाम के जानकार बताते है कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है.

इस्लाम के जानकार बताते हैं कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है
undefined

क़ाज़ी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली का कहना है इस्लाम मजहब प्यार मोहब्बत और रवादारी का मजहब है और इस्लाम की यह खूबी है कि इस्लाम सबको साथ रहकर भी अपने को बाक़ी रखना बखूबी जानता है जिहाद के नाम पर दूसरों की जान लेने वाले जन्नत में नहीं बल्कि जहन्नम के सरदार बनेंगे और यह इस्लाम की झूठी दुहाई देने वाले मुसलमान कहने तक के हकदार नहीं है क्योंकि मजहबे इस्लाम में जिहाद मज़लूमो पर हथियार उठाने का नाम नहीं है जालिमों के खिलाफ खड़े होने का नाम जिहाद है.

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले को लेकर देश के हर शक्स की आंख नम है अफसोस है गुस्सा है और नाराजगी है क्योंकि मुल्क की हिफाजत करने वाले जवानों की जान गई है लेकिन कुछ दहशतगर्द इस्लाम के नाम पर दहशतगर्दी को बढ़ावा देती दिखाई देती है जैसे कि पाकिस्तान का हाफिज सईद जो अपने को इस्लाम का बड़ा जानकार कहता है जबकि इस्लाम से और दहशतगर्दी से दूर दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है यह दहशतगर्दी में मजहब इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को झूठे जेहाद का रास्ता दिखाती हैं बरगलाती है यही इस्लाम है जबकि इस्लाम के असली जानकारी इन बातों को खारिज करते नजर आते हैं.

undefined
ftp path:- up_lko_arslan_16feb_pulwamareaction


स्लग:- पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर उलेमा से बातचीत

रिपोर्टर:- अर्सलान समदी
दिनांक:-16/2/19
लोकेशन:- लखनऊ


एंकर:- पूरी दुनिया में दहशतगर्दी से बेकसूर लोग बड़ी तादाद में मारे जाते हैं जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है भारत में भी दहशतगर्दी के चलते बड़ी तादाद में सेना के जवान शहीद हो रहे हैं जिसकी बानगी अभी पुलवामा में भी देखने को मिली है, जिससे देश के हर शख्स की आंख नम है दहशतगर्द संस्थाएं इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को बरगलाती हैं जबकि इस्लाम के जानकार बताते है कि इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है। 


विओ, क़ाज़ी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली का कहना है इस्लाम मजहब प्यार मोहब्बत और रवादारी का मजहब है और इस्लाम की यह खूबी है कि इस्लाम सबको साथ रहकर भी अपने को बाक़ी रखना बखूबी जानता है जिहाद के नाम पर दूसरों की जान लेने वाले जन्नत में नहीं बल्कि जहन्नम के सरदार बनेंगे और यह इस्लाम की झूठी दुहाई देने वाले मुसलमान कहने तक के हकदार नहीं है क्योंकि मजहबे इस्लाम में जिहाद मज़लूमो पर हथियार उठाने का नाम नहीं है जालिमों के खिलाफ खड़े होने का नाम जिहाद है।


फाइनल वीओ:-  पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले को लेकर देश के हर शक्स की आंख नम है अफसोस है गुस्सा है और नाराजगी है क्योंकि मुल्क की हिफाजत करने वाले जवानों की जान गई है लेकिन कुछ दहशतगर्द इस्लाम के नाम पर दहशतगर्दी को बढ़ावा देती दिखाई देती है जैसे कि पाकिस्तान का हाफिज सईद जो अपने को इस्लाम का बड़ा जानकार कहता है जबकि इस्लाम से और दहशतगर्दी से दूर दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है यह दहशतगर्दी में मजहब इस्लाम की झूठी दुहाई देकर नौजवानों को झूठे जेहाद का रास्ता दिखाती हैं बरगलाती है यही इस्लाम है जबकि इस्लाम के असली जानकारी इन बातों को खारिज करते नजर आते हैं।

TIK TAK on ftp

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.