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69000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में आज नहीं हो सकी सुनवाई, अब आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी करेंगे विधानसभा घेराव - 69000 TEACHER RECRUITMENT

शिक्षक भर्ती मामले में अब मार्च में होगी सुनवाई, हताश अभ्यर्थियों ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव करने का किया एलान

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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले पर नहीं हो सकी सुनवाई (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 4:19 PM IST

लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में एक बार फिर सुनवाई न होने से अभ्यर्थी हताश है. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस पूरे मामले में सुनवाई मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी. आंदोलनकारी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के नेता अमरेंद्र पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा की, इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में लंबी-लंबी डेट मिल रही.

अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं. सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही. सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए निवेदन करें नहीं तो हम विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे.

बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं जबकि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने न्याय देते हुए अभ्यर्थियों के पक्ष में सुनाया है. अमरेंद्र पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार की लापरवाही के कारण ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है. हाईकोर्ट की डबल बेंच का फैसला आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिन लगातार धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का घेराव भी किया था. अब एक बार फिर 25 जनवरी से अभ्यर्थियों का धरना इको गार्डन में जारी है.

वहीं अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाई कोर्ट का ऑर्डर, सभी अभ्यर्थियों के पक्ष में हैं. लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और उनके हिस्से के पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है. 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन साल 2018 में किया गया था.

यह भी पढ़ें : 69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री से की मुलाकात

लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में एक बार फिर सुनवाई न होने से अभ्यर्थी हताश है. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस पूरे मामले में सुनवाई मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी. आंदोलनकारी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के नेता अमरेंद्र पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा की, इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में लंबी-लंबी डेट मिल रही.

अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं. सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही. सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए निवेदन करें नहीं तो हम विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे.

बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं जबकि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने न्याय देते हुए अभ्यर्थियों के पक्ष में सुनाया है. अमरेंद्र पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार की लापरवाही के कारण ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है. हाईकोर्ट की डबल बेंच का फैसला आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिन लगातार धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का घेराव भी किया था. अब एक बार फिर 25 जनवरी से अभ्यर्थियों का धरना इको गार्डन में जारी है.

वहीं अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाई कोर्ट का ऑर्डर, सभी अभ्यर्थियों के पक्ष में हैं. लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और उनके हिस्से के पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है. 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन साल 2018 में किया गया था.

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