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प्रदूषण से आंखों में पैदा हो रही जलन व इंफेक्शन, बचने के लिए करें ये उपाय..

यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदूषण स्तर बढ़ गया है. प्रदूषण के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातर बढ़त जा रही है. सिविल अस्पताल के नेत्र में मरीजों की संख्या 15-20 फीसदी तक बढ़ी है. .

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प्रदूषण से आंखों में पैदा हो रही जलन
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Published : Feb 28, 2022, 8:55 PM IST

लखनऊ: मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. यह प्रदूषण अब आंखों में जलन और इंफेक्शन पैदा कर रहा है. राजधानी के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में इस समय आंखों में हो रहे दिक्कत से परेशान मरीजों की संख्या में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हजरतगंज से डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के वरिष्ठ आई स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश शर्मा बताते हैं कि इस समय मौसम बदल रहे हैं. मानसून मे बदलाव होने के समय प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हमारी इंवॉल्वमेंट में धूलकण इत्यादि का काफी प्रकोप होता है, जिसके कारण आंखों की समस्या इस मौसम में बढ़ जाती है.



प्रदूषण से बचने के लिए करें ये उपाय..

  • बाइक चलाते समय चश्मा लगाएं
    डॉ. शर्मा ने बताया कि खास तौर पर जब भी हम दो पहिया वाहन चला रहे होते हैं उस समय राइडर को अपने आंखों में धूप से बचने के लिए चश्मा लगाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है. इसी के जरिए वह धूल कण जो सीधे तौर पर राइडर की आंखों में प्रवेश करने से रोकता है. इसलिए दो पहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से आंखों को पूरा कवर करने वाला चश्मा पहने. जिससे आपकी पूरी आंख ढकी रहेगी. क्योंकि इस समय इंवॉल्वमेंट में धूल कण हवा में ज्यादा उड़ते हैं जो सीधे तौर पर आंखों में जाकर जलन पैदा करते हैं.
    प्रदूषण से आंखों में पैदा हो रही जलन

बाहर से आकर ठंडे पानी से आंख धुलें
इस समय बहुत ज्यादा जरूरी है कि अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखा जाए. इसलिए डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि जब भी आप घर के बाहर रहते हैं उस समय एलर्जी आई ड्रॉप जरूर साथ में लें. लेकिन किसी भी एलर्जी आई ड्रॉप को लेने से पहले अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ परामर्श लेकर ही दवाओं का इस्तेमाल करें. दिन भर बाहर रहने के बाद जब भी आप घर पर आते हैं. उस समय सबसे पहले ठंडे पानी से आंखों को धुले. आंखों में पानी के छिट्टे मारे, इसके जरिए आंखों में गए हुए धूल के कण पानी सहित बाहर आ जाते हैं. और आंखों को राहत मिलती है. इसके बाद डॉक्टर द्वारा दी गई एलर्जी आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें.

पढ़ेंः बरसाना में शुरू हुई लट्ठमार होली की तैयारी, जानें क्या है परंपरा

ओपीडी में बढ़े मरीज
डॉ. राकेश बताते हैं कि इस समय सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 15 से 20 फ़ीसदी मरीजों की संख्या बढ़ी है. क्योंकि इस समय मौसम में बदलाव हुआ है.बाहर तेज हवाएं चल रही हैं. जिसके कारण इंवॉल्वमेंट में धूल कण हवा के साथ उड़ गए हैं. अधिक देर बाहर रहना इस समय आंखों के लिए काफी नुकसानदेह है. जितना जरूरी है उतना ही घर के बाहर निकले या फिर बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मे का इस्तेमाल करें.
उन्होंने बताया कि इस समय बसंत ऋतु में तेज हवाएं चलती हैं और हवा में धूल का समावेश होता है. यह आंखों के लिए काफी नुकसानदायक होता है. आने वाले 15 से 20 दिन अस्पताल की ओपीडी का यही हाल रहेगा. इसी तरह मरीज प्रदूषण से परेशान होकर ओपीडी में आएंगे.

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लखनऊ: मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. यह प्रदूषण अब आंखों में जलन और इंफेक्शन पैदा कर रहा है. राजधानी के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में इस समय आंखों में हो रहे दिक्कत से परेशान मरीजों की संख्या में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हजरतगंज से डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के वरिष्ठ आई स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश शर्मा बताते हैं कि इस समय मौसम बदल रहे हैं. मानसून मे बदलाव होने के समय प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हमारी इंवॉल्वमेंट में धूलकण इत्यादि का काफी प्रकोप होता है, जिसके कारण आंखों की समस्या इस मौसम में बढ़ जाती है.



प्रदूषण से बचने के लिए करें ये उपाय..

  • बाइक चलाते समय चश्मा लगाएं
    डॉ. शर्मा ने बताया कि खास तौर पर जब भी हम दो पहिया वाहन चला रहे होते हैं उस समय राइडर को अपने आंखों में धूप से बचने के लिए चश्मा लगाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है. इसी के जरिए वह धूल कण जो सीधे तौर पर राइडर की आंखों में प्रवेश करने से रोकता है. इसलिए दो पहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से आंखों को पूरा कवर करने वाला चश्मा पहने. जिससे आपकी पूरी आंख ढकी रहेगी. क्योंकि इस समय इंवॉल्वमेंट में धूल कण हवा में ज्यादा उड़ते हैं जो सीधे तौर पर आंखों में जाकर जलन पैदा करते हैं.
    प्रदूषण से आंखों में पैदा हो रही जलन

बाहर से आकर ठंडे पानी से आंख धुलें
इस समय बहुत ज्यादा जरूरी है कि अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखा जाए. इसलिए डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि जब भी आप घर के बाहर रहते हैं उस समय एलर्जी आई ड्रॉप जरूर साथ में लें. लेकिन किसी भी एलर्जी आई ड्रॉप को लेने से पहले अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ परामर्श लेकर ही दवाओं का इस्तेमाल करें. दिन भर बाहर रहने के बाद जब भी आप घर पर आते हैं. उस समय सबसे पहले ठंडे पानी से आंखों को धुले. आंखों में पानी के छिट्टे मारे, इसके जरिए आंखों में गए हुए धूल के कण पानी सहित बाहर आ जाते हैं. और आंखों को राहत मिलती है. इसके बाद डॉक्टर द्वारा दी गई एलर्जी आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें.

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ओपीडी में बढ़े मरीज
डॉ. राकेश बताते हैं कि इस समय सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 15 से 20 फ़ीसदी मरीजों की संख्या बढ़ी है. क्योंकि इस समय मौसम में बदलाव हुआ है.बाहर तेज हवाएं चल रही हैं. जिसके कारण इंवॉल्वमेंट में धूल कण हवा के साथ उड़ गए हैं. अधिक देर बाहर रहना इस समय आंखों के लिए काफी नुकसानदेह है. जितना जरूरी है उतना ही घर के बाहर निकले या फिर बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मे का इस्तेमाल करें.
उन्होंने बताया कि इस समय बसंत ऋतु में तेज हवाएं चलती हैं और हवा में धूल का समावेश होता है. यह आंखों के लिए काफी नुकसानदायक होता है. आने वाले 15 से 20 दिन अस्पताल की ओपीडी का यही हाल रहेगा. इसी तरह मरीज प्रदूषण से परेशान होकर ओपीडी में आएंगे.

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