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ईरानी महिला संग पिछले तीन साल पति कर रहा था मारपीट, एंबेसी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट

राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एक ईरानी महिला ने पति के खिलाफ हत्या के प्रयास और घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया है. ईरानी महिला का आरोप है कि पिछले तीन सालों से उसका पति उसे प्रताड़ित कर रहा था. महिला कई थानों में न्याय की गुहार लगाती रही मगर रिपोर्ट न लिखी गई. आखिरकार ईरानी एंबेसी के हस्तक्षेप के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई.

ईरानी महिला संग पिछले तीन साल पति कर रहा था मारपीट
ईरानी महिला संग पिछले तीन साल पति कर रहा था मारपीट
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Published : Jun 30, 2021, 9:28 PM IST

लखनऊ: चीन की एक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही ईरानी महिला से भारत में झारखंड के जमशेदपुर में PHD कर रहे छात्र ने तीन साल पहले कोलकाता में प्रेम विवाह किया, फिर आकर लखनऊ बस गया. आरोप है कि पिछले तीन सालों से वह ईरानी महिला को प्रताड़ित कर रहा था. यहां तक कि उसने ईरानी महिला की हत्या की साजिश भी रच डाली. जबकि, ईरानी महिला लखनऊ के कई थानों में न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन विदेशी महिला के पास भारतीय नागरिकता का कोई प्रमाण न होने की बात कहकर लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस मदद करने से इंकार करती रही. ईरान एंबेसी ने हस्तक्षेप किया तो सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पति के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज की गई.

पीड़िता ईरानी मुस्लिम महिला सुका के मुताबिक, चार साल पहले वह चीन की एक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. जहां, जमशेदपुर झारखंड का निवासी अर्णव राव उसी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. यहीं दोनों की दोस्ती हुई फिर प्यार हो गया. पढ़ाई पूरी करके तीन साल पहले दोनों कोलकाता आए और यहीं पर शादी कर ली. यहां से दोनों दिल्ली पहुंचे जहां अर्णव को एक संस्था में नौकरी मिल गयी. कुछ महीने दिल्ली में रहने के बाद दोनो लखनऊ आ गए.

लखनऊ आने के बाद अर्णव का बदल गया व्यवहार

अर्णव सुका को लखनऊ ले आया. जहां दोनों सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र के ओमेक्स रेजीडेंसी अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहने लगे. यहीं पर सुका ने एक बच्चे को जन्म भी दिया. सुका के मुताबिक लखनऊ आने के कुछ महीने बाद ही अर्णव का मिजाज बदल गया. वह तरह-तरह के आरोप लगाकर मारपीट करने लगा. सुका ने बताया कि अर्णव प्रताड़ना की हदें पार करने लगा तो उसने पुलिस की मदद लेनी चाही. मदद के लिए उसने लखनऊ के कई थानों में शिकायत की, लेकिन पुलिस यह कहकर केस दर्ज करने से मना करती रही कि उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं है.

नहीं दिलाया नागरिकता प्रमाण पत्र

सुका के मुताबिक, जब उसने यहां की नागरिकता से जुड़े प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया तो अर्णव का व्यवहार उसके प्रति और बुरा हो गया. उसने वीजा और पासपोर्ट भी छीन लिया. आरोप है कि इसके बाद अर्णव हत्या की योजना बनाने लगा. इस पर वह और डर गई. इस बीच सुका को महिला हेल्प लाइन की जानकारी मिली. उसने आशा ज्योति केंद्र की प्रभारी अर्चना सिंह को व्हाट्सएप पर मैसेज कर आपबीती सुनाई और ईरान एम्बेसी में संपर्क करने को कहा. अर्चना ने मामले की जानकारी ईरान की एम्बेसी को दी. एंबेसी ने यूपी होम डिपार्टमेंट को तत्काल एक्शन लेने को कहा. तब जाकर सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.


बच्चे के लिए लड़ रही केस

सुका ने बताया कि दो दिन पहले रिपोर्ट दर्ज होते ही अर्णव उनके ढाई साल के बच्चे को लेकर जमशेदपुर चला गया. वह अर्णव से तलाक लेकर अपने बच्चे के साथ ईरान वापस लौटना चाहती है, लेकिन अर्णव बच्चा देने को तैयार नहीं है. बच्चे के लिए सुका किराए पर फ्लैट लेकर यहां रुकी हैं, और फैमिली कोर्ट में केस लड़ रही हैं.

एंबेसी की मदद से उन्हें केस लड़ने की परमिशन और वकील मिल गए हैं. सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर का कहना है कि एम्बेसी के हस्तक्षेप पर अर्णव के खिलाफ हत्या के प्रयास और घरेलू हिंसा का केस दर्ज कर लिया गया है. फिलहास मामले की विवेचना की जा रही है.

लखनऊ: चीन की एक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही ईरानी महिला से भारत में झारखंड के जमशेदपुर में PHD कर रहे छात्र ने तीन साल पहले कोलकाता में प्रेम विवाह किया, फिर आकर लखनऊ बस गया. आरोप है कि पिछले तीन सालों से वह ईरानी महिला को प्रताड़ित कर रहा था. यहां तक कि उसने ईरानी महिला की हत्या की साजिश भी रच डाली. जबकि, ईरानी महिला लखनऊ के कई थानों में न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन विदेशी महिला के पास भारतीय नागरिकता का कोई प्रमाण न होने की बात कहकर लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस मदद करने से इंकार करती रही. ईरान एंबेसी ने हस्तक्षेप किया तो सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पति के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज की गई.

पीड़िता ईरानी मुस्लिम महिला सुका के मुताबिक, चार साल पहले वह चीन की एक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. जहां, जमशेदपुर झारखंड का निवासी अर्णव राव उसी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. यहीं दोनों की दोस्ती हुई फिर प्यार हो गया. पढ़ाई पूरी करके तीन साल पहले दोनों कोलकाता आए और यहीं पर शादी कर ली. यहां से दोनों दिल्ली पहुंचे जहां अर्णव को एक संस्था में नौकरी मिल गयी. कुछ महीने दिल्ली में रहने के बाद दोनो लखनऊ आ गए.

लखनऊ आने के बाद अर्णव का बदल गया व्यवहार

अर्णव सुका को लखनऊ ले आया. जहां दोनों सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र के ओमेक्स रेजीडेंसी अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहने लगे. यहीं पर सुका ने एक बच्चे को जन्म भी दिया. सुका के मुताबिक लखनऊ आने के कुछ महीने बाद ही अर्णव का मिजाज बदल गया. वह तरह-तरह के आरोप लगाकर मारपीट करने लगा. सुका ने बताया कि अर्णव प्रताड़ना की हदें पार करने लगा तो उसने पुलिस की मदद लेनी चाही. मदद के लिए उसने लखनऊ के कई थानों में शिकायत की, लेकिन पुलिस यह कहकर केस दर्ज करने से मना करती रही कि उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं है.

नहीं दिलाया नागरिकता प्रमाण पत्र

सुका के मुताबिक, जब उसने यहां की नागरिकता से जुड़े प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया तो अर्णव का व्यवहार उसके प्रति और बुरा हो गया. उसने वीजा और पासपोर्ट भी छीन लिया. आरोप है कि इसके बाद अर्णव हत्या की योजना बनाने लगा. इस पर वह और डर गई. इस बीच सुका को महिला हेल्प लाइन की जानकारी मिली. उसने आशा ज्योति केंद्र की प्रभारी अर्चना सिंह को व्हाट्सएप पर मैसेज कर आपबीती सुनाई और ईरान एम्बेसी में संपर्क करने को कहा. अर्चना ने मामले की जानकारी ईरान की एम्बेसी को दी. एंबेसी ने यूपी होम डिपार्टमेंट को तत्काल एक्शन लेने को कहा. तब जाकर सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.


बच्चे के लिए लड़ रही केस

सुका ने बताया कि दो दिन पहले रिपोर्ट दर्ज होते ही अर्णव उनके ढाई साल के बच्चे को लेकर जमशेदपुर चला गया. वह अर्णव से तलाक लेकर अपने बच्चे के साथ ईरान वापस लौटना चाहती है, लेकिन अर्णव बच्चा देने को तैयार नहीं है. बच्चे के लिए सुका किराए पर फ्लैट लेकर यहां रुकी हैं, और फैमिली कोर्ट में केस लड़ रही हैं.

एंबेसी की मदद से उन्हें केस लड़ने की परमिशन और वकील मिल गए हैं. सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर का कहना है कि एम्बेसी के हस्तक्षेप पर अर्णव के खिलाफ हत्या के प्रयास और घरेलू हिंसा का केस दर्ज कर लिया गया है. फिलहास मामले की विवेचना की जा रही है.

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