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आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध और हेमराज मीणा का हुआ तबादला - आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज

यूपी के लखनऊ में शुक्रवार दोपहर दो और आईपीएस के तबादले किए गए. इसमें प्रतीक्षारत रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से यूपी एसआईटी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. वहीं पुलिस महानिदेशालय में तैनात हेमराज मीणा को यूपी एसटीएफ का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है.

पुलिस मुख्यालय
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Published : Mar 26, 2021, 9:29 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सीनियर आईपीएस और डायल 112 की जिम्मेदारी संभाल रहे असीम अरुण कानपुर और ए सतीश गणेश वाराणसी का पुलिस कमिश्नर नियुक्त करने के बाद शुक्रवार दोपहर दो और आईपीएस के तबादले किए. इसमें प्रतीक्षारत रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से यूपी एसआईटी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. पंकज लंबे समय से प्रतीक्षारत सूची में हैं. उन पर एक कोरोना संक्रमित को अपने घर में रखने का आरोप था. वहीं पुलिस महानिदेशालय में तैनात हेमराज मीणा को यूपी एसटीएफ का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है.

सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज पर ये था आरोप
2010 बैच के आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज निलंबित तो नहीं हुए थे लेकिन सरकार ने इन्हें पिछले ही साल वेटिंग में डाल दिया था. इन पर आरोप थे कि इन्होंने कोरोना पीड़ित को अपने घर में रखा और इस बात को छिपाये रखा. बाद में खुद भी कोरोना संक्रमित हो गये और अपने स्टाफ को भी बीमारी दे दी. सरकार सत्यार्थ की बहाली पर लम्बे समय से विचार कर रही थी. पंचायत चुनाव से पूर्व उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सीनियर आईपीएस और डायल 112 की जिम्मेदारी संभाल रहे असीम अरुण कानपुर और ए सतीश गणेश वाराणसी का पुलिस कमिश्नर नियुक्त करने के बाद शुक्रवार दोपहर दो और आईपीएस के तबादले किए. इसमें प्रतीक्षारत रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से यूपी एसआईटी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. पंकज लंबे समय से प्रतीक्षारत सूची में हैं. उन पर एक कोरोना संक्रमित को अपने घर में रखने का आरोप था. वहीं पुलिस महानिदेशालय में तैनात हेमराज मीणा को यूपी एसटीएफ का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है.

सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज पर ये था आरोप
2010 बैच के आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज निलंबित तो नहीं हुए थे लेकिन सरकार ने इन्हें पिछले ही साल वेटिंग में डाल दिया था. इन पर आरोप थे कि इन्होंने कोरोना पीड़ित को अपने घर में रखा और इस बात को छिपाये रखा. बाद में खुद भी कोरोना संक्रमित हो गये और अपने स्टाफ को भी बीमारी दे दी. सरकार सत्यार्थ की बहाली पर लम्बे समय से विचार कर रही थी. पंचायत चुनाव से पूर्व उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई.

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