लखनऊः आईपीएस मुकल गोयल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. मुकुल गोयल सेवानिवृत्त आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी की जगह ली है. बता दें कि केंद्र सरकार ने उन्हें गुरुवार को ही BSF के IG पद से रिलीव कर दिया था.
डीजीपी का चार्ज लेने के बाद मुकुल गोयल ने कहा कि क्राइम कंट्रोल प्राथमिकता होगी. छोटे अपराध भी नजरअंदाज नहीं होंगे. पुलिस जनता से जुड़े और जनता का सहयोग भी जरूरी है. जनता और पुलिस के बीच दूरी को कम करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस जनता से जुड़े और जनता का सहयोग भी जरूरी है. डीजीपी ने कहा कि करीब पांच साल बाद वह लखनऊ लौटे हैं. अखिलेश सरकार में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहने के दौरान पुलिस मुख्यालय के लिए सिग्नेचर बिल्डिंग का भूमि पूजन कराया था. आज यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है.
बिकरू कांड पर बोले-समय पर कार्रवाई हुई होती तो नहीं होती इतनी बड़ी घटना
DGP मुकुल गोयल ने बिकरू कांड के 1 साल पूरे होने पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे पर समय पर
कार्रवाई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. कभी-कभी पुलिस छोटे अपराधों को नजरअंदाज करती है, जिससे जनता को समस्या का सामना करना पड़ता है और यही बड़ी घटना का रूप ले लेती है. DGP मुकुल गोयल ने छोटी घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही करने की बात कही.
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर दिया जोर
DGP ने कहा कि आज के दौर में जो पुलिस के काम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग जरूरी है. प्रयास रहेगा इसका प्रयोग किया जाए. हमारे अफसर फील्ड में जरूर जाएं और थाने से लेकर फील्ड वर्क पर फोकस करें. उन्होंने कहा कि क्राइम कंट्रोल करने एक बड़ी चुनौती है, लेकिन पुलिस विभाग के सभी साथियों की मदद से इससे निपटा जा सकेगा.
2022 विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण कराना लक्ष्य
2022 विधानसभा की चुनौतियों के साथ चार्ज संभालते हुए मुकुल गोयल कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराना हमारा लक्ष्य है. इसके लिए पुलिस अभी से योजनाबद्ध तरीके से काम करेगी ताकि चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी या अव्यस्था फैलने की संभावना न हो.
धर्मांतरण मामले की समीक्षा कर बनाएंगे रणनीति
प्रदेश भर में चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर डीजीपी ने कहा कि इसकी जानकारी है, लेकिन पूरे मामले की स्टडी करके और गहराई तक जानकारी करूंगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हीं को सजा दिलाई जाएगी जो असली दोषी होंगे. हर एजेंसी की जांच पर मेरी नजर रहेगी.
महिला और साइबर क्राइम रोकने को प्रतिबद्ध यूपी पुलिस
महिला अपराध और साइबर क्राइम को कैसे रोका जाएगा इस सवाल पर एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार जवाब देने के लिए आगे आ गए. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, महिला हेल्प डेस्क, वीमेन पावर लाइन जैसे व्यवस्थाएं संचालित हैं. इसे और मजबूत और सशक्त किया जाएगा. साइबर क्राइम रोकने के लिए पुलिस को हाईटेक टेक्नोलॉजी मुहैया कराई जाएगी.
स्मारक घोटाले में दोषियों पर होगी कार्रवाई
प्रदेश के सबसे बड़े स्मारक घोटाले में सात साल की जांच में आरोपी मंत्रियों से पूछताछ तक नहीं हुई सवाल पर DGP ने कहा कोई नहीं बचेगा. केस की फाइल और पुलिस की जांच रिपोर्ट देखूंगा. कोई भी दोषी नहीं बचेगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो.
बता दें, वर्ष 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central Deputation) पर बीएसएफ में एडीजी ऑपरेशन्स के पद पर तैनात थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार दोपहर बाद उन्हें अपने प्रदेश काडर में लौटने के लिए बीएसएफ से कार्यमुक्त कर दिया.
फरवरी 2024 में होंगे रिटायर
वर्ष 1987 बैच के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ के आईजी रहे आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल का रिटायरमेंट फरवरी 2024 में है. मुकुल गोयल मूल रूप से शामली (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं. मुकुल गोयल आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं और एमबीए भी हैं. अपराध नियंत्रण के साथ पश्चिम के किसान धड़ों और वैश्य समाज में भी मुकुल गोयल की अच्छी पकड़ है. किसान आंदोलन में फंसी भाजपा को मझधार से निकालने में भी मुकुल गोयल काफी लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं.
पढ़ें- सुप्रसिद्ध शायर मुनव्वर राणा के घर आधी रात रायबरेली पुलिस का छापा
अखिलेश की सरकार में ADG लॉ एंड ऑर्डर भी रहे
गोयल यूपी के अपने कार्यकाल में आजमगढ़ के एसपी और वाराणसी, गोरखपुर, सहरानपुर और मेरठ जिलों के एसएसपी रह चुके हैं. मुकुल गोयल कानपुर, आगरा और बरेली रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी रह चुके हैं. इसके अलावा मुकुल गोयल केंद्र में आईटीबीपी, बीएसएफ, एनडीआरएफ में भी काम कर चुके हैं. यूपी में एडीजी रेलवे, सीबीसीआईडी और सपा सरकार (अखिलेश यादव के कार्यकाल) में यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी रह चुके हैं.
राष्ट्रपति के गैलेंट्री पदक भी मिला
मुकुल गोयल को वर्ष 2013 में वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से नवाजा गया. वर्ष 2003 में उन्हें दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक दिया गया. साथ ही उन्हें वर्ष 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री का अति उत्कृष्ट पदक भी दिया गया.