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लखनऊः IPS महेंद्र मोदी ने बताए जल संरक्षण के नए-नए तरीके

राजधानी में 2008 से जल संरक्षण के लिये कार्यरत आईपीएस महेंद्र मोदी ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में सफलता हासिल कर ली है. बात दें कि इसके अलावा महेंद्र मोदी ने झांसी में भी इसके एडवांस स्टेज का परीक्षण कर उसमें भी सफलता प्राप्त कर ली है.

आईपीएस महेंद्र मोदी.
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Published : Sep 5, 2019, 5:46 AM IST

लखनऊः जल ही जीवन है, स्लोगन के बारे में लोग केवल बातें करते हैं, नारे लगाते फिरते हैं, लेकिन जल संरक्षण के बारे में कोई सोचता नहीं है. हमारे आस-पास आईपीएस महेन्द्र मोदी जैसे लोग भी मौजूद हैं जो जल संरक्षण पर न केवल काम करते हैं बल्कि उनकी मेहनत भी रंग लाती है.

आईपीएस महेंद्र मोदी ने बताया जल संरक्षण के नए-नए तरीके

इसे भी पढ़ें- जौनपुर: 'जल शक्ति अभियान' केवल दिखावा, नगर पंचायत कार्यालय में हो रही पानी की बर्बादी

आईपीएस महेंद्र मोदी कब से कर रहे जल संरक्षण का कार्य
आईपीएस महेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण का कार्य 2008 से शुरू किया था. जिसके तहत पानी को बचाने के अलग-अलग तरीकों को इजाद भी किया और कुछ के बारे में तमाम तरह की कॉन्फ्रेंसेस और पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के थ्रू लोगों को जागरूक भी किया.

पहले महेन्द्र मोदी ने किताबी ज्ञान के आधार पर जल संरक्षण का काम किया, लेकिन धीरे-धीरे इन्होनें नए तरीकों से जल संरक्षण पर काम शुरू किया.

जल संरक्षण के तरीके
जल संरक्षण में सबसे अहम वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आता है. वॉटर हार्वेस्टिंग के कई तरीके हैं. एक तरीका हम किस तरह छत का पानी बिना बिजली खर्च किए बारिश के पानी को बचा सकते हैं. इसके लिए लखनऊ के पुलिस ऑफिसर्स एंक्लेव में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का कार्य शुरू किया. बिना बिजली खर्च किए वॉटर हार्वेस्टिंग का यह प्रयोग सफल रहा.

वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रयोग में सफलता के बाद इसका एडवांस स्टेज झांसी में लगाया गया. बहुमंजिला इमारतों की छतों पर बारिश का पानी सीबीएसई में डाल दिया जाता है तो छत के पानी को काफी नीचे ग्राउंड लेवल पर आरसीसी से बने टैंक में बिना बिजली के इस्तेमाल के जमा किया जाता है. साथ ही यह डिस्टिल्ड होता है और कोई खराबी न होने के चलते इससे घरेलू कार्य किये जा सकते हैं.

लखनऊः जल ही जीवन है, स्लोगन के बारे में लोग केवल बातें करते हैं, नारे लगाते फिरते हैं, लेकिन जल संरक्षण के बारे में कोई सोचता नहीं है. हमारे आस-पास आईपीएस महेन्द्र मोदी जैसे लोग भी मौजूद हैं जो जल संरक्षण पर न केवल काम करते हैं बल्कि उनकी मेहनत भी रंग लाती है.

आईपीएस महेंद्र मोदी ने बताया जल संरक्षण के नए-नए तरीके

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आईपीएस महेंद्र मोदी कब से कर रहे जल संरक्षण का कार्य
आईपीएस महेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण का कार्य 2008 से शुरू किया था. जिसके तहत पानी को बचाने के अलग-अलग तरीकों को इजाद भी किया और कुछ के बारे में तमाम तरह की कॉन्फ्रेंसेस और पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के थ्रू लोगों को जागरूक भी किया.

पहले महेन्द्र मोदी ने किताबी ज्ञान के आधार पर जल संरक्षण का काम किया, लेकिन धीरे-धीरे इन्होनें नए तरीकों से जल संरक्षण पर काम शुरू किया.

जल संरक्षण के तरीके
जल संरक्षण में सबसे अहम वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आता है. वॉटर हार्वेस्टिंग के कई तरीके हैं. एक तरीका हम किस तरह छत का पानी बिना बिजली खर्च किए बारिश के पानी को बचा सकते हैं. इसके लिए लखनऊ के पुलिस ऑफिसर्स एंक्लेव में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का कार्य शुरू किया. बिना बिजली खर्च किए वॉटर हार्वेस्टिंग का यह प्रयोग सफल रहा.

वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रयोग में सफलता के बाद इसका एडवांस स्टेज झांसी में लगाया गया. बहुमंजिला इमारतों की छतों पर बारिश का पानी सीबीएसई में डाल दिया जाता है तो छत के पानी को काफी नीचे ग्राउंड लेवल पर आरसीसी से बने टैंक में बिना बिजली के इस्तेमाल के जमा किया जाता है. साथ ही यह डिस्टिल्ड होता है और कोई खराबी न होने के चलते इससे घरेलू कार्य किये जा सकते हैं.

Intro:नोट- खबर से जुड़ी फीड स्लग- up_luc_ips mahender modi_7200976 नाम से एफटीपी द्वारा भेजी गयी है.

लखनऊ। जल ही जीवन के नारे के बारे में अच्छे लोग बात करते हैं और इसके नारे लगाते फिरते हैं पर जल संरक्षण के बारे में कोई बात नहीं करता। लेकिन कुछ लोग हमारे आसपास मौजूद हैं जो जल संरक्षण पर न केवल काम करते हैं बल्कि उनकी मेहनत दूसरों को दिखती भी है और वह प्रशंसनीय भी होती है इन्हीं में से एक आईपीएस महेंद्र मोदी है जो जल संरक्षण पर काम करते हैं।


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आईपीएस महेंद्र मोदी कहते हैं कि जल संरक्षण का कार्य मैंने 2008 से शुरू किया था जिसके तहत पानी को बचाने के अलग-अलग तरीकों को मैंने इजाद भी किया और कुछ के बारे में तमाम तरह की कॉन्फ्रेंसेस और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के थ्रू लोगों को भी बताया। पहले मैं किताबी ज्ञान के आधार पर जल संरक्षण की ओर आगे बढ़ा लेकिन धीरे धीरे कर नए-नए तरीकों से भी मैंने जल संरक्षण पर काम शुरू किया जल संरक्षण में सबसे अहम वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आता है। वॉटर हार्वेस्टिंग के कई तरीके हैं एक तरीका मेरे दिमाग में यह आया कि हम किस तरह छत का पानी बिना बिजली खर्च किए बहुमंजिला इमारतों में बारिश के पानी को किस तरह से बचा सकते हैं। इसके लिए मैंने बहु मंजिली इमारतों के तहत लखनऊ के पुलिस ऑफिसर्स एंक्लेव में ही वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शुरू किया। वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बिना बिजली के खर्च के इसे इकट्ठा करना शुरू किया और यह प्रयोग सफल भी रहा।

मोदी कहते हैं कि इस प्रयोग के सफल होने के बाद इस वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का एडवांस स्टेज झांसी में लगाया गया। वह कहते हैं कि बहुमंजिला इमारतों की छतों पर बारिश का पानी सीबीएसई व में डाल दिया जाता है या पानी बेहद स्वस्थ होता है ऐसे में जब बहुमंजिला इमारतों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाता है तो छत के पानी को काफी नीचे ग्राउंड लेवल पर आरसीसी से बने टंकी में जमा किया जाता है जिसके लिए बिजली की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही यह डिस्टिल्ड होता है ऐसे में इस में किसी तरह से कोई खराबी नहीं होती जिससे हर तरह के घरेलू कार्य किए जा सकते हैं।

मोदी कहते हैं कि बहु मंजिला इमारतों के अलावा फर्श पर भी बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सकता है और इससे भूजल स्तर को भी काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। पुलिस इनके में भी कुछ वर्षों पहले मई और जून में पानी नहीं मिलता था यहां पर शुरू हुए जल संरक्षण के कार्य के बाद ना केवल मई-जून बल्कि हर महीने में यहां पानी मिलता है और यहां कब जल स्तर भी काफी बढ़ा है।



Conclusion:आईपीएस महेंद्र मोदी पिछले 12 वर्षों से जल संरक्षण पर अलग-अलग तरीकों द्वारा काम कर रहे हैं और लोगों को भी पानी बचाने का न केवल संदेश दे रहे हैं बल्कि नए-नए तरीकों के बारे में भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।

वन टू वन- आईपीएस महेंद्र मोदी, डीजी पुलिस विशेष जांच व एस आईटी, उत्तर प्रदेश

रामांशी मिश्रा
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